DONATE

इस शिवलिंग की पूजा मात्र से सम्पूर्ण दुखो का होता है निवारण

इस शिवलिंग की पूजा मात्र से सम्पूर्ण दुखो का होता है निवारण

संसार में पारद को सबसे शुद्ध पदार्थ माना जाता है कहा जाता है कि पारद भगवान शिव को सबसे प्रिय है शास्त्रों के अनुसार पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतिक भी माना जाता हैं रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता हैं। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया हैं और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण में तब्दील कर दिया था शिवपुराण में शिवजी का कथन है कि करोड़ो शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है उससे भी करोड़ गुना अधिक फल पारद शिवलिंग की पूजा और उसके दर्शन मात्र से ही प्राप्त हो जाता हैं ब्रह्म हत्या, गौहत्या जैसे जघन्य अपराध पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं।
जो मनुस्य पारद शिवलिंग की भक्ति पूर्वक पूजा-अभिषेक तथा दर्शन करता है उसे तीनों लोकों में स्थित समस्त शिवलिंगो के पूजन का फल मिलता है कहते हैं सौ अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर का फल प्राप्त होता है इस शिवलिंग का जहां पूजन होता है वहां साक्षात महादेव का वास होता है ऐसा माना जाता है की जहां पारे का वास होता हैं वहां माँ लक्ष्मी का भी वास हमेशा रहता है, अगर आपके घर में हमेशा अशांति, क्लेश आदि बना रहता हो, अगर आप को नींद ठीक से नहीं आती हो, घर के सदस्यों में अहंकार का टकराव और वैचारिक मतभेद बना रहता हो तो आपको पारद निर्मित एक कटोरी में जल डाल कर घर के मध्य भाग में रखना चाहिए।  उस जल को रोज बाहर किसी गमले में डाल दें ऐसा करने से घर के सदस्यों में धीरे-धीरे घर में सदस्यों के बीच में प्रेम बढ़ना चालू हो जाएगा और मानसिक शान्ति की अनुभूति भी होगी।
अगर आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, हृदय रोग से परेशान हैं, या फिर अस्थमा, डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारियों से ग्रसित हैं तो आपको पारद से बना मणिबंध जिसे की ब्रेसलेट भी कहते हैं, अच्छे शुभ मुहूर्त में पहननी चाहिए। ऐसा करने से आपकी बीमारियों में सुधार तो होगा ही आप शांति भी महसूस करेंगे और रोगमुक्त भी हो जाएंगे पारे के शिवलिंग के पूजन की महिमा तो ऐसी है कि उसे बाणलिंग से भी पवित्र माना गया हैं।
Read More