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लहसुन के औषधीय गुण /Medicinal properties of garlic

लहसुन के औषधीय गुण /Medicinal properties of garlic

लहसुन के औषधीय गुण

 

सल्फर पदार्थ के होने के कारण लहसुन में एक तीव्र गंध आती है जिसके कारण इसमें रोगानुरोधक विशेषताएं भी होती है।
लहसुन के तेल में गंध ज्यादा मात्रा में पाई जाती हैइस लिए 
इसमें औषधी तत्व होते है।
लहसुन पुष्टि करवीर्यवर्धकगर्मपाचकरेचक है।
लहसुन मेधा शक्ति वर्धक है।

लहसुन के 5  फायदे | 5 Benefits of garlic

सांस के विकार (दमा) | Respiratory disorder (Asthma)
पाचन विकार | Constipation
उच्च रक्त चाप | High Blood Pressure
हृदय रोग | Heart Trouble
कैंसर | Cancer
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दूर्वा ( दुब ) घास के फायदे /Benefits of Cynodon dactylon grass

दूर्वा ( दुब ) घास के फायदे /Benefits of Cynodon dactylon grass
दूर्वा ( दुब ) घास के फायदे 




दूर्वा या दुब घास का वैज्ञानिक नाम साइनोडान डेक्टीलान है इसके फायदों को देखते हुए ही इसे आयुर्वेद में महाऔषधि कहा गया है। हमारे धार्मिक मान्यताओं और पूजा-पाठ में भी इसका उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है ऐसा कहा जाता है की समद्र मंथन से जो अमृत निकला था उसकी कुछ बुँदे जो पृथ्वी पर गिरी थी उसमे से कुछ बून्द इस घास पर भी गिरी थी और इसी लिए ये अमर है और और स्वस्थ के लिए फायदेमंद भी है आप ने देखा होगा की जैसे ही बरसात का मौसम आता है ये घास अपने आप ही जमीन से उग जाती है दूब घास को दूर्वा के नाम से भी जाना जाता है, और ये भगवान गणेश को अति प्रिय है। इसमें पाए जाने वाले तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, प्रोटीन, फास्फोरस, पोटेशियम और कैल्शियम प्रचुरता से पाया जाता है. आइए अब बात इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते है। 

1. दिल को स्वस्थ रखने में
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि दूब घास का नियमित सेवन हमारे रक्त में कोलेस्ट्राल का स्तर घटाने के साथ-साथ दिल के क्रियाकलापों में भी सुधार करती है. इस तरह से दूब हमारे दिल का ख्याल भी रखती है.

2. पाचन और उल्टी में सहायक
दूब घास एक डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करती है जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने और अम्लता को कम करने में मदद मिलती है. इसके परिणामस्वरूप पाचन ठीक से हो पाता है. इसके अलावा जिसे उलटी हो रही है उसे दूब घास का रस देने से उसे आराम मिलता है.

3. शुगर में
दूब घास के फायदे आपको शुगर में भी लाभान्वित करते हैं. कई शोधों में इसके ग्लाईसेमिक क्षमता को सही पाया गया है. दूब घास का अर्क शुगर के मरीजों पर हाइपोग्लिसिमिक प्रभाव छोड़ता है.

4. तरोताजा रखने में
दूब घास को नींद न आने की बीमारी और थकान में एक प्राकृतिक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसका नियमित सेवन तंत्रिका तंत्र को मबुत बनाता है आपके शरीर में सक्रियता बनाए रखता है.

5. एनीमिया में
किसी भी प्रकार के रक्त स्त्राव जैसे कि पीरियड्स के दौरान, चोट, या नाक से निकलने वाले अत्यधिक रक्त स्त्राव में ये बेहद प्रभावी है. ये लाल रक्तकोशिकाओं में वृद्धि करके हिमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ाता है जिससे कि एनीमिया जैसे बिमारियों में फायदा पहुँचता है.

6. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
आपके स्वास्थ्य के हमेशा बेहतर रखने की जिम्मेदारी प्रतिरक्षा तंत्र पर होती है. दूब घास में प्रोटीन भी भरपूर होता है इसलिए इससे इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधि को अनुकूलित करने में मदद मिलती है. इसके अलावा ये एंटीवायरल और एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि से भी युक्त होती है. जिससे कि ये रोगों से ज्यादा मजबूती से लड़ पाती है.

7. अल्सर में
दूब घास में पाए जाने वाले तमाम तत्वों में एक होता है फ्लेवोनोइड. ये एंटीअल्सर गतिविधि को अंजाम देता है. इसके अलावा ये कोल्ड और मसूड़ों से होने वाले रक्तस्त्राव को कम करने में मदद करती है. ये सांसों से बदबू भी कम करती है.

8. महिलाओं की समस्याओं में
पेशाब में इन्फेक्शन की संभावना पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होती है. महिलाओं के लिए बवासीर और सफेद पानी के स्त्राव की अवस्था में यदि उन्हें दही के साथ दूब घास दिया जाए तो काफी लाभकारी साबित होती है. स्तनपान में वृद्धि के लिए इसमें प्रोलैक्टिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने की क्षमता होती है.

9. सरदर्द में
सरदर्द में दूब घास का फायदा लेने के लिए इसे बेसन के साथ पीसकर इसका पेस्ट तैयार करें और इसका माथे पर लेप लगाएं. आप देखेंगे कि इससे राहत मिलती है.

10 -अधिक सेवन से होने वाले नुकसान --
वास्तव में दूब घास एक औषधी है जिसके कोई गंभीर या विशेष दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है कि इसकी पत्तियों और इससे निकाले गए रस का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका उपभोग करने पर मुंह में झनझनाहट (paraesthesia oral), दांतों का दर्द, त्वचा में जलन और लाल चकते आदि की समस्या हो सकती है। इसलिए आप बहुत ही कम या औषधीय निर्धारित मात्रा में दूब घास का उपभोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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यूरिक एसिड होने के कारण और घरेलु उपचार /Causes of Uric Acid and Home Remedies

यूरिक एसिड होने के कारण और घरेलु उपचार /Causes of Uric Acid and Home Remedies
यूरिक एसिड होने के कारण और घरेलु उपचार



मॉर्डन लाइफस्टाइल में यूरिक एसिड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक गंभीर रोग है, इसके शुरुआती लक्षण जोड़ों में दर्द और शरीर में जकड़न महसूस होती है। अगर इसका उपचार न किया जाए तो गठिया, किडनी स्टोन, डायबिटीज और रक्त विकार जैसी कई परेशानिया बढ़ने लगती हैं। इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।

क्या है यूरिक एसिड 
यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना कम्पाउंड होता है जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड के रूप में प्राप्त होता है। इसकी मात्रा यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन जब शरीर में इस तत्व की मात्रा बढ़ जाती है तो यूरिक एसिड शरीर में जमा होने लगता है। जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। जिससे गठिया रोग होने का डर रहता है।

किन लोगों को होती है यूरिक एसिड की परेशानी 
जब रोग प्रतिरोधक कमजोर होती है तो शरीर बीमारियों को चपेट में बहुत जल्दी आ जाता है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का मुख्य कारण बैलेंस डाइट का अभाव है। जो लोग प्रोटीन युक्त आहार का जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं तो धीरे-धीरे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। इसके अलावा 35 साल की उम्र के लोगो में यह परेशानी ज्यादा देखी जाती है। 

लक्षण 
पैरों-जोड़ों में दर्द
एड़ियों में दर्द
गांठों में सूजन
सोते समय पैर में जकड़न
लगातार बैठने और उठने में एड़ियो में दर्द
शूगर लेवल का बढ़ना

क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज 

यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने के लिए परहेज सबसे ज्यादा जरूरी है। हाई प्रोटीन आहार को ज्यादा मात्रा में सेवन करने से यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ने लगती है। खान-पान में परहेज करने से इस परेशानी से राहत पाई जा सकती है।

न खाएं ये आहार 
1. दही 
दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, दाल और पालक बंद कर दें। इनमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है।

2. दाल चावल 
रात को सोते समय दूध या दाल का सेवन करना हानिकारक है। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। छिलके वाली दालों से पूरी तरह परहेज करें। 

3. नॉन वेज 
नॉन वेज खाने के शौकीन है तो मीट, अंडा, मछली का सेवन तुरंत बंद करें। इसे खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है।

4. बेकरी फूड्स 
बेकरी फूड जैसे कि पेस्ट्री, केक, पैनकेक, क्रीम बिस्कुट इत्यादि ना खाएं। ट्रांस फैट से भरपूर खाना यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है।

5. खाने के बाद पानी 
पानी पीने के नियम भी जरूर फॉलो करना चाहिए। खाना खाते समय पानी ना पीएं, पानी खाने से डेढ़ घंटे पहले या बाद में ही पीना चाहिए।

6. सोया मिल्क 
यूरिक एसिड की परेशानी से बचने के लिए सोया मिल्क, जंक फूड,चटपटे खाद्य पदार्थ, ठंडा पेय, तली-भूनी चीजें न खाएं।


7. शराब और अल्कोहल 
शराब, कैफीन, अल्कोहल, धूम्रपान जैसे पदार्थों का सेवन ना करें। इन चीजों से यूरिक एसिड बढ़ जाता है। इनमें यीस्ट होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।

यूरिक एसिड में खाएं ये चीजें

1. सेब का सिरका 
सेब का सिरका शरीर में ब्लड के पीएच वॉल्यूम को बढ़ाकर यूरिक ऐसिड को कम करने में मदद करता है।

2. छोटी इलायची 
रात को सोने से पहले 2 हरी छोटी इलायची 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ खाएं।

3. प्याज 
प्याज शरीर में मेटाबॉलिज्म और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाता है। जब इन दोनों की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है तो यूरिक एसिड लेवल कंट्रोल हो जाएगा।

4. पानी का सेवन 
शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा को निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, ज्यादा पानी ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी अच्छा होता है।
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सीने की जलन को दूर करने के घरेलु उपाय /Home remedies to remove chest burns

सीने की जलन को दूर करने के घरेलु उपाय /Home remedies to remove chest burns
सीने की जलन को दूर करने के घरेलु उपाय


हृदय में जलन : एसिडिटी होने पर लोग इसे छोटी-सी परेशानी समझते हैं। किसी दवाई या चूर्ण का सेवन करने से इससे राहत तो मिल जाती है लेकिन बार-बार ऐसा करना सेहत के साथ खिलवाड़ हो सकता है, यह गैस्ट्रोइसोफैगल रिफ्लक्स डिसीज (जीईआरडी) की शुरुआत भी हो सकती है। इससे खाना पचाने में परेशानी होती है, जिससे सीने में जलन होने लगती है। ठीक तरह से इलाज न करवाने पर सीने में जलन की समस्या बार-बार होती है। पर अगर लगातार कुछ दिनों तक घरेलू तरीके अपना कर इससे जल्द आराम पा सकते हैं।


एसिडिटी के कारण 
नियमित समय पर खाना न खाना
मोटापा .
पेट पर दवाब पड़ता .
खाना खाने के तुरंत बाद सो जाना .
मसालेदार भोजन .
खट्टे फलों का सेवन .
तनाव .
दवाइयों का अधिक सेवन .

सीने की जलन के घरेलू नुस्खे .

1. सेब का सिरका .
1 चम्मच सेब का सिरका और 1 चम्मच शहद को आधा गिलास पानी में मिलाकर पीएं।

2. दूध
रात को सोने से पहले बिना चीनी 1 गिलास दूध का सेवन करें।

3. पीली सरसों
लस्सी में चुटकी भर सरसों का पाउडर डालकर पीएं।

4. एलोवेरा का जूस
खाना खाने से आधा घंटा पहले एलोवेरा के जूस का पीएं।

5. सेब

रोजाना 1 सेब का जरूर खाएं, इससे सीने की जलन से आराम मिलता है।
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बवासीर को दूर करने के घरेलु उपाय /Home Remedies for Removing piles

बवासीर को दूर करने के घरेलु उपाय /Home Remedies for Removing piles
बवासीर को दूर करने के घरेलु उपाय


बवासीर यानि पाइल्स की बीमारी बहुत दर्दनाक है। बवासीर की परेशानी बढ़ जाने पर उठना- बैठना भी मुश्किल हो जाता है। इससे जल्द आराम पाने के लिए कुछ टिप्स आपके काम आ सकते हैं।

बवासीर के कारण 
- कब्ज
- खराब खान-पान
- खाने में फाइबर की कमी
- लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना
- मानसिक तनाव
- मसालेदार भोजन का सेवन

बवासीर से राहत पाने के उपाय
1. किशमिश को भिगोकर सुबह इसे पीस लें और पानी से साथ खाएं।

2. लस्सी के साथ कच्चा प्याज खाने से फायदा मिलता है। लस्सी की जगह पर दही का सेवन भी कर सकते हैं।

3. मूली का सलाद या इसके रस का सेवन जल्द आराम दिलाता है। इससे बहुत जल्दी आराम मिलता है।

4. काले तिल का ताजा मक्खन के साथ सेवन करें। मक्खन का सेवन बवासीन में लाभकारी है।


5.इलायची को भून कर पीस लें और इसका चूर्ण पानी के साथ खाएं।
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