हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज ही नहीं, इन 5 रोगों से भी छुटकारा दिलाता है ये पौधा / Not only high blood pressure and diabetes, this plant also relieves these 5 diseases
सदाबहार की जड़ का उपयोग पेट के टॉनिक के रूप में भी होता है।
सदाबहार के अलावा नयनतारा नाम से लोकप्रिय फूल 'विंका' न केवल सुन्दर और आकर्षक होता है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। यह पौधा सिर्फ आपके गार्डन की शोभा ही नहीं बढ़ता बल्कि कई रोगों से छुटकारा भी दिलाता है। इसे कई देशों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। यह एक छोटा झाड़ीनुमा पौधा है, जिसके गोल पत्ते अंडाकार, अत्यंत चमकदार व चिकने होते हैं। पांच पंखुड़ियों वाला यह पुष्प श्वेत, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि रंगों का होता है। अंग्रेजी में विंका के नाम से जाना जाने वाले सदाबहार के फूल के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आज हम आपको इस पौधे से सही होने वाली बीमारियों के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं कौन सी बीमारियों को सही करता है ये पौधा-
डायबिटीज का होता है खात्मा
सदाबहार की जड़ों में रक्त शर्करा को कम करने का गुण होता है। दक्षिण अफ्रीका में सदाबहार के पौधे का उपयोग घरेलू नुस्खे के रूप में मधुमेह के उपचार में किया जाता रहा है। इसकी पत्तियों के रस का उपयोग हड्डा डंक के उपचार में भी होता है। ये पैंक्रियास की बीटा सेल्स को शक्ति प्रदान करता है, जिस से पैंक्रियास सही मात्रा से इन्सुलिन निकालने लगता है। इन्सुलिन ही वो हॉर्मोन है जो ब्लड में शुगर की मात्र को संतुलित करके रखता है। अगर आप किसी आयुर्वेद डॉक्टर से सदाबहार के द्धारा डायबिटीज का इलाज पूछेंगे तो वो भी आपको इसके लिए सलाह देंगे। यानि कि डायबिटीज के रोगियों को ये पौधा काफी लाभ पहुंचा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर
सदाबहार की जड़ में अजमलिसिन और सर्पटाइन नामक क्षाराभ पाए जाते हैं, जो के एंटी अतिसंवेदनशील होते हैं। ये गुण उच्च रक्तचाप के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ को साफ करके सुबह चबा चबा कर के खाने से हाई ब्लड प्रेशर में काफी आराम मिलता है। इसके साथ में आप सर्पगंधा की जड़ को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों को मिला कर लेने से इसका रिजल्ट और भी अच्छा होगा। सर्पगंधा आप किसी पंसारी से ले लीजियेगा। अगर सर्पगंधा ना भी मिले तो भी आप अकेले सदाबहार की जड़ को उपयोग कर सकते हैं।
पेट के लिए है टॉनिक
सदाबहार की जड़ का उपयोग पेट के टॉनिक के रूप में भी होता है। इसकी पत्तियों का सत्व मेनोरेजिया नामक बिमारी के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इस बिमारी में दरअसल असाधारण रूप से अधिक मासिक धर्म होता है। जिन लोगों को कब्ज या फिर पेट के अन्य रोग होते हैं उनके लिए भी यह पौधा बहुत लाभदायक होता है।
डिप्थीरिया रोग के उपचार में
सदाबहार की पत्तियों में मौजूद विण्डोलीन नामक क्षार डिप्थीरिया के जीवाणु कारिनेबैक्टिीरियम डिप्थेरी के खिलाफ सक्रिय होता है। इसलिये इसकी पत्तियों के सत्व का उपयोग डिप्थिीरिया रोग के उपचार में किया जा सकता है। इसके अलावा इस पौधे के जड़ का उपयोग सर्प, बिच्छू तथा कीट विषनाशक के रूप में किया जा सकता है।