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फ्लू-वायरस से बचाती हैं ये 5 जड़ी बूटियां, इम्युनिटी होती है मजबूत। used for strong immune system.

 फ्लू-वायरस से बचाती हैं ये 5 जड़ी बूटियां, इम्युनिटी होती है मजबूत। used for strong immune system.

फ्लू-वायरस से बचाती हैं ये 5 जड़ी बूटियां, इम्युनिटी होती है मजबूत। used for strong immune system.


आइए जानते हैं उन 5 जड़ी बूटियों के बारे में जो इम्युनिटी को मजबूत बनाती हैं और शरीर को संक्रमण से दूर रखती हैं।


1 - अश्वगंधा- अश्वगंधा को आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का राजा कहा जाता है. शरीर के सूजन और जलन को कम करने और इम्युनिटी बढ़ाने में अश्वगंधा बहुत फायदेमंद है. इस जड़ी बूटी को एक एडेपोजेन माना जाता है, जो शरीर के सभी विकारों को कम करता है. शोध से पता चला है कि अश्वगंधा तनाव और चिंता को कम करना जिससे नींद अच्छी आती है. अश्वगंधा ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है।


2 - हल्दी- औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी को सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक माना जाता है. हल्दी कैंसर, हृदय रोग के खतरे को कम करने के साथ ही खांसी और सर्दी का सबसे अचूक इलाज है. हल्दी में करक्यूमिन होता है जो एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट का प्रमुख स्त्रोत होता है. हल्दी सेहत की कई समस्याओं को दूर कर इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करती है।


3 - ब्राह्मी- ब्राह्मी को ब्रेन बूस्टर के नाम से भी जाना जाता है. ब्राह्मी का पौधा औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. शोध और स्टडीज में पता चला है कि ब्राह्मी में काफी मात्रा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. ब्राह्मी इम्युनिटी को बढ़ाती है और शरीर को संक्रमण और बीमारियों से दूर रखती है. इसके नियमित सेवन से पाचन संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं।


4 - नीम- नीम को उसके गुणों की वजह से इम्युनोमोड्यूलेटर भी कहा जाता है यानी जिसकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका होती है. नीम इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाती है. नीम में शक्तिशाली रोगाणुरोधी प्रभाव होता है जो कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस और संक्रमण के इलाज में प्रभावी होती है. नीम में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है  जो हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों को भी ठीक करने में कारगर माना जाता है।


5 - तुलसी- भारत में तुलसी लगभग हर घर में पाई जाती है. हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा की जाती है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी सबसे अच्छी औषधी मानी जाती है. तुलसी शरीर के लिए कई तरीके से फायदेमंद है. तुलसी अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन संक्रमण के उपचार में बहुत कारगर है. इसके अलावा तुलसी ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखती है।


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पपीता खाने से कभी नहीं होगी गठिया की बीमारी, जानें और क्या-क्या फायदे हैं। Benefits of eating papaya

 पपीता खाने से कभी नहीं होगी गठिया की बीमारी, जानें और क्या-क्या फायदे हैं। Benefits of eating papaya

 पपीता खाने से कभी नहीं होगी गठिया की बीमारी, जानें और क्या-क्या फायदे हैं। Benefits of eating.



पपीता का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खास माना जाता है. जितना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है उतना ही ये पाचन तंत्र को मजदूत करता है. साथ ही मोटापे को घटाने में मददगार साबित होता है।


पपीता शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. पपीता जितना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है उतना ही ये पाचन तंत्र को मजदूत करता है. साथ ही मोटापे को घटाने में मददगार साबित होता है।

पपीते को जूझ की तरह भी पीया जा सकता है. लोग कच्चे पपीते की सब्जी बना कर भी खाते है. प्राचीन काल के वक्त घरेलू उपचार करने के लिए पपीता का इस्तेमाल किया जाता था. आपको बता दें, पपीता भारत के अलावा मलयेशिया और थाईलैंड में भी खूब खाया जाता है।

आइये जानते है कि आखिर कैसे और क्या है पपीते के फायदे

1- पपीता आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है. पपीते से आपका पेट साफ रहता है साथ ही ये आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है. पपीता खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं रहती है. एक रिपोर्ट के अनुसार 100 ग्राम पपीता में 43 ग्राम कैलोरी होता है।

2- भारी मात्रा में फाइबर, पोटैशियम और विटामिन पपीते मे होता है. जिसके सेवन से ह्दय से जुड़ी समस्या का खतरा बेहद कम हो जाता है. जिसके चलते डॉक्टर अकसर हमें पपीते खाने की सलाह देते है।

3- आपको बता दें, पपीता गठिया की बीमारी में काफी फायदा करता है. पपीते में एंटी-इंफ्लेमेटरी एंजाइम काफी अच्छी मात्रा में पायी जाती है जो गाठ के चलते होने वाले दर्द में अपना खास असर दिखाती है।

4- डॉक्टरों को अकसर सलाह देते देखा है कि जिस व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है वो पपीता का सेवन जरूर करें. जैसा कि पपीते में पोटैशियम काफी मात्रा में होता है वो ब्लड प्रेशर को बनाये रखने में मदद करता है।


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डायबिटीज के बचने के लिए खाएं ये पांच आहार। Eat five thing and leave life bethought diabetes.

डायबिटीज के बचने के लिए खाएं ये पांच आहार। Eat five thing and leave life bethought diabetes.

 डायबिटीज के बचने के लिए खाएं ये पांच आहार।



आज हम आपको बता रहे हैं, ऐसे 5 फूड्स के बारे में जिन्हें अपनी डाइट में शामिल कर आप काफी हद तक डायबिटीज से बच सकते हैं। 

डायबिटीज क्या है

जब शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। यह इंसुलिन की कमी के कारण होता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो पाचन से बनता है। यह हमारे शरीर में खाने को ऊर्जा में बदलना होता है। साथ ही इंसुलिन ही हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने में मदद करता है। 

1 - करेला

करेले में कैरेटिन नाम का रसायन होता है जिसका सेवन करने से खून में शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को रोजाना खाली पेट फ्रेश करेले का जूस लेना चाहिए। 

2 - साबुत अनाज

साबुत अनाज जैसे जौ और ओट्स में काफी मात्रा में फाइबर होता है जो बहुत आसानी पच जाता है और ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता। रोजाना साबुत अनाज खाने से वजन भी नहीं बढ़ता जो कि डायबिटीज का एक बड़ा कारण है। 

3 - अलसी के बीज 

अलसी के बीजों में बड़ी मात्रा में न घुलने वाला फाइबर लिगनेन होता है। अलसी के बीज दिल से जुड़ी बीमारियां कम करने में भी मदद करते हैं।

4 - अमरूद

अमरूद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्कोर काफी कम होता है और इसमें भारी मात्रा में फाइबर होता है। ये खासतौर पर कब्ज की समस्या में बेहद कारगर होता है, जो कि डायबिटीज के शिकार लोगों की प्रमुख समस्या है। 

5 - चुकंदर

चुकंदर विटामिन, मिनरल, फाइबर का अच्छा सोर्स होता है, जो डायबिटीज को मैनेज करने में मददगार होता है। 

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शरीर में ज़िंक की कमी से कमजोर हो सकती है इम्युनिटी, जानें कैसे करें कमी को पूरा, Immunity can be weakened due to lack of zinc in the body, learn how to complete this deficiency.

 शरीर में ज़िंक की कमी से कमजोर हो सकती है इम्युनिटी, जानें कैसे करें कमी को पूरा, Immunity can be weakened due to lack of zinc in the body, learn how to complete this deficiency.

 शरीर में ज़िंक की कमी से कमजोर हो सकती है इम्युनिटी, जानें कैसे करें कमी को पूरा, Immunity can be weakened due to lack of zinc in the body, learn how to complete this deficiency.



Zinc Rich Foods: शरीर में ज़िंक की कमी न हो इसके लिए डाइट में कुछ जरूरी फूड आइटम्स को शामिल कर सकते हैं। 

Zinc Deficiency: आज के समय अच्छी सेहत किसी चुनौती से कम नहीं है। इस कोरोना काल में वैसे तो लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक एवं सतर्क हो गए हैं। महामारी के इस दौर में मजबूत इम्युनिटी होना कितना जरूरी है, इस बात से लगभग सभी लोग परिचित हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उनमें कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा होता है। जल्द ही सर्दी का मौसम शुरू हो जाएगा और इस सीजन में खांसी-जुकाम की परेशानी न बढ़े, इसके लिए लोगों की इम्युनिटी मजबूत रहना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में ज़िंक की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में इस कमी को पूरा करने के तरीके जान लीजिए।


क्या होती हैं  परेशानियां: शरीर में ज़िंक की कमी से न केवल इम्युनिटी प्रभावित होती है, बल्कि कई अन्य परेशानियों से भी सामना होता है। इस न्यूट्रिएंट की कमी से कोरोना वायरस का खतरा भी अधिक हो जाता है। ज़िंक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर करने में मददगार होता है। साथ ही, शरीर में सूजन व उम्र के साथ बढ़ती बीमारियों से भी निजात दिलाने में भी ये पोषक तत्व कारगर है। इसके अलावा, मेटाबॉलिज्म को मजबूत करने में भी ज़िंक मदद करता है।


सेहत के साथ खूबसूरती के लिए भी जरूरी: विशेषज्ञों का मानना है कि ज़िंक अगर शरीर में कम मात्रा में मौजूद हो तो इससे स्किन व बाल भी प्रभावित होते हैं। चेहरे पर मुंहासे निकल रहे हों या त्वचा रफ हो रही हो तो ये ज़िंक की कमी की समस्या के कारण संभव है। इसके अलावा, बालों व नाखूनों को हेल्दी बनाने के लिए भी ज़िंक जरूरी है।


ऐसे करें इस कमी को पूरा: शरीर में ज़िंक की कमी न हो इसके लिए डाइट में कुछ जरूरी फूड आइटम्स को शामिल कर सकते हैं। इनके सेवन से शरीर में ज़िंक पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहता है। ऐसे में आने वाले सर्दी के मौसम में नीचे लिखी चीजों को खाने से लाभ होगा।


तिल

राजमा

मूंगफली

लहसुन

सोयाबीन

दाल

फ्लैक्स सीड्स

मशरूम

कद्दू के बीज

आलू

डार्क चॉकलेट

डेयरी प्रोडक्ट्स

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Corona Virus: बचने के लिए आज ही इन्हे अपनी डाइट में शामिल करें।

Corona Virus: बचने के लिए आज ही इन्हे अपनी डाइट में शामिल करें।

 Corona Virus: बचने के लिए आज ही इन्हे अपनी डाइट में शामिल करें। 



Corona Virus ने पूरी दुनिया में दहशत फैला रखी है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी कई लोग इस वायरस से संक्रमित हो गए है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि इस घातक महामारी से बचने के लिए अपने खाने-पीने की चीजों का बारीकी से ध्यान रखने की जरूरत है।

वैज्ञानिकों ने कुछ दिन पहले ही बताया था कि ये वायरस कमजोर या बुजुर्ग लोगों को जल्दी अपना शिकार बनाता है. इससे बचने के लिए हाई एंटी वायरल फूड को अपनी डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी है. ये चीजें इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करेंगी और वायरस से आपकी सुरक्षा करेंगी।

विटामिन-सी-

एंटी-एक्सीडेंट से भरपूर विटामिन सी भी इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने का काम करता है. इसके लिए आपको अपनी डेली डाइट में आंवला, लाल या पीली शिमला मिर्च, संतरा, अमरूद और पपीता जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए। 


बेरीज-

अंगूर, ब्लू बेरीज, क्रैनबेरीज, स्ट्रॉबेरीज, कोकोआ, डार्क चॉकलेट जैसी खाने की चीजें न सिर्फ पैराबैंगनी किरणों और फंगल इंफेक्शन के मामले में असरदार हैं, बल्कि ये तमाम तरह के वायरस से भी शरीर की सुरक्षा करते हैं। 

स्टार सौंफ-

खाने की चीजों में जायका बढ़ाने वाली स्टार सौंफ को भी एंटी-वायरल दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें शिकिमिक एसिड पाया जाता है जो इंफ्लूएंजा वायरस से पीड़ित रोगियों को भी दिया जाता है। 

अदरक-

अदरक में भई कई तरह के एंटी वायरल तत्व पाए जाते हैं. इसलिए अपने खाने-पीने की चीजों में इसे जरूर शामिल करें. सौंफ या शहद के साथ इसका सेवन करने से इसके परिणाम ज्यादा बेहतर होंगे. दिन में 3-4 बार अदरक का सेवन करने से आपका इम्यून सिस्टम अच्छा रहेगा। 

तुलसी,

इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने वाले तत्वों से भरपूर तुलसी बेहद गुणकारी है. रोजाना सुबह एक चम्मच तुलसी लेने से आपका इम्यूनिटी सिस्टम बेहतर होता है. 3-4 काली मिर्च और एक चम्मच शहद के साथ इसका सेवन करने से आपके शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। 

लहसुन-

लहसुन में भी कई तरह के एंटी वायरल तत्व पाए जाते हैं. सूप या सलाद के अलावा आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं. एक चम्मच शहद के साथ लहसुन का सेवन आपके इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है। 

क्या न खाएं?-

कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए खाने की कुछ चीजों से दूर रहना ही बेहतर होगा. डॉक्टर्स का कहना है कि इस वक्त कुछ चीजों को कच्चा खाना सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होगा। 

कच्चे मीट का सेवन न करें. बेहतर होगा कि मीट को अच्छे से धोने और उबालने के बाद ही उसे खाने के लिए परोसें। 

कच्चे अंडे खाना भी खतरे से खाली नहीं है. खासतौर पर जिम जाने वाले कई लोग डाइट में कच्चे अंडे शामिल करते हैं। 

इसके अलावा बाजार में मिलने वाली हरी सब्जियों को भी कच्चा न खाएं. सब्जियों को अच्छे से धोकर, काटकर उबालें और फिर खाने के लिए इस्तेमाल करें। 

गुनगुना पानी पिए, नीबू पानी बहुत लाभदायक होता है। मल्टीविटामिन्स जरूर ले, योग जरूर करे इससे साँस सम्बन्धी सभी प्रकार की तकलीफ दूर हो जाएगी, क्योकि Covid19 में साँस की प्रॉब्लम होती है। 

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दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से दूर होंगे ये बड़े रोग, जान लें कब और कैसे पिएं। Benefits of boiling Tulsi leaf with milk.

दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से दूर होंगे ये बड़े रोग, जान लें कब और कैसे पिएं। Benefits of boiling Tulsi leaf with milk.

 दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से दूर होंगे ये बड़े रोग, जान लें कब और कैसे पिएं। Benefits of boiling Tulsi leaf with milk. 



तुलसी की पत्तियां कई गुणों से भरपूर होती हैं. तुलसी को किसी भी तरह से उपयोग करें वो फायदा ही देती है. वैसे तो तुलसी को किस तरह से बीमारी में इस्तेमाल करना है ये सभी जानते हैं.


तुलसी की पत्तियां कई गुणों से भरपूर होती हैं. तुलसी को किसी भी तरह से उपयोग करें वो फायदा ही देती है. वैसे तो तुलसी को किस तरह से बीमारी में इस्तेमाल करना है ये सभी जानते हैं. पर क्या आप जानते हैं, तुलसी की पत्तियों को रोजाना दूध में उबालकर पीने से इन 5 बड़े रोगों से आसानी से छुटकारा मिल सकता है.  आइए आपको बताते हैं.


डिप्रेशन

ऑफिस की टेंशन या फिर काम के बोझ की वजह से अगर आप अक्सर तनाव या डिप्रेशन से घिरे रहते हैं तो दूध में तुलसी की पत्तियों को उबाल पीएं. इसे पीने से मानसिक तनाव और चिंताएं दूर होती हैं.


दमा रोग

यदि आप सांस संबंधी समस्या दमा जैसे किसी रोग से परेशान हैं तो दूध के साथ तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीएं. ऐसा करना दमा रोगियों को फायदा होगा.


रोग प्रतिरोधक क्षमता

तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण मौजूद होने से ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके अलावा तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण भी मौजूद होते हैं, जो सर्दी, खांसी व जुकाम से व्यक्ति को दूर रखते हैं.


माइग्रेन

दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से सिर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. नियमित रूप से तुलसी दूध का सेवन करने से इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है.


पथरी

अगर किसी व्यक्ति को पथरी की समस्या है तो उसे नियमित रूप से खाली पेट तुलसी दूध पीना चाहिए. ऐसा करने से किडनी के पथरी की समस्या और दर्द दूर होता है.


कैसे करना चाहिए तुलसी दूध का सेवन

तुलसी दूध बनाने के लिए सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध में 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उबलने दें. जब दूध एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें. दूध हल्का गुनगुना होने पर इसे पीएं. इस दूध के नियमित सेवन से ही इन बीमारियों से निजात पाया जा सकता है. 


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अमरूद खाने के ये फायदे, सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को करता है दूर / These benefits of eating guava remove many problems related to health

 अमरूद खाने के ये फायदे, सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को करता है दूर / These benefits of eating guava remove many problems related to health

 अमरूद खाने के ये फायदे, सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को करता है दूर / These benefits of eating guava remove many problems related to health


अमरूद (Guava) में विटामिन सी (Vitamin-C) और शर्करा काफी मात्रा में होती है. अमरूद में पेक्टिन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है.


नई दिल्ली: अमरूद हमारे देश का एक प्रमुख फल है. हल्के हरे रंग का अमरूद खाने में मीठा होता है. इसके अंदर सौकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे बीज होते हैं. अमरूद (Guava) में विटामिन सी (Vitamin-C) और शर्करा काफी मात्रा में होती है. अमरूद में पेक्टिन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है. अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन पर बेहद सामान्य फल होने के कारण ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है कि ये स्वास्थ्य (Health) के लिहाज से कितना फायदेमंद (Benefits) होता है. आइये जानते हैं इसके गुणकारी फायदे.


-अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्या दूर हो जाती है. पाचन क्रिया के लिए ये बेहतरीन फल है.

-अगर आपको कब्ज की समस्या है तो सुबह खाली पेट पका हुआ अमरूद खाना फायदेमंद रहता है.

-अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्त‍ियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इसके अलावा इसे चबाने से दांतों का दर्द भी कम हो जाता है.

-अमरूद की पत्त‍ियों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर आंखों के नीचे लगाने से काले घेरे और सूजन कम हो जाती है.

-अगर किसी को पित्त की समस्या हो जाए तो उसके लिए भी अमरूद का सेवन करना फायदेमंद होता है.

-अमरूद में मौजूद पोटैशियम और मैग्‍नीशियम दिल और मांसपेशियों को दुरुस्‍त रखकर उन्‍हें कई बीमारियों से बचाता है.

-अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन ए और ई आंखों, बालों और त्‍वचा को पोषण देता है.

-अमरूद मेटाबॉलिज्‍म को सही रखता है जिससे शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर नियंत्रित रहता है.


-कच्‍चे अमरूद में पके अमरूद की अपेक्षा विटामिन सी अधिक पाया जाता है. इसलिए कच्‍चा अमरूद खाना ज्‍यादा फायदेमंद होता है.


-अमरूद में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए यह डायबिटिज के मरीजों के लिए बहुत अच्‍छा होता है. थायरॉइडनॉर्मल थायरॉइड में भी डॉक्‍टर अमरूद खाने की सलाह देते हैं.


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Healthy Liver Diet: लीवर को मजबूत रखने के लिए आज से ही खाना शुरू करें ये 5 चीजें! Healthy Liver Diet: These 5 things to start eating today to keep liver healthy and strong!

Healthy Liver Diet: लीवर को मजबूत रखने के लिए आज से ही खाना शुरू करें ये 5 चीजें! Healthy Liver Diet: These 5 things to start eating today to keep liver healthy and strong!

Healthy Liver Diet: लीवर को मजबूत रखने के लिए आज से ही खाना शुरू करें ये 5 चीजें!



How To Get Strong Liver: हमारे शरीर में लीवर एक महत्वपूर्ण अंग है. यह हमारे शरीर में कई प्रकार के कार्य करता है. हमारे स्वस्थ रहने के लिए जो फंक्शन बॉडी में होते हैं, उनमें से अधिकतर फंक्शन लीवर (Liver) के द्वारा ही चलते हैं. इसलिए लीवर की समस्या होने पर कई तरह के रोग हो सकते हैं जिनमें फैटी लिवर, लिवर इंफेक्शन, हेपेटाइटिस, प्रमुख हैं. लीवर को मजबूत करने के लिए फूड्स (Food For Strong Liver) या स्ट्रॉन्ग लीवर के लिए डाइट (Strong Liver Diet) काफी मायने रखती है. लीवर शरीर की कई कार्यप्रणालियों को बेहतरीन तरीके से चलाता है. लीवर के कमजोर पड़ जाने पर हमारे शरीर के कई कार्य रुक जाएंगे, जो गंभीर बीमारियां भी उत्पन्न कर सकते हैं. लीवर हमारे शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को शरीर के अलग-अलग भागों में भेजता है.

​1. पपीता
यह सीजन पपीता का है और आपको इस सीजन में पपीता जरूर खाना चाहिए. पपीता खाने के कई फायदे हैं, लेकिन लीवर को मजबूत करने के लिए पपीता कमाल हो सकता है. आपप पपीते का जूस बनाकर भी पी सकते हैं. पपीता आपको हाइड्रेट रखने के साथ-साथ आपके शरीर को कई जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करता है. लीवर को मजबूत बनाने के लिए भी पपीता काफी कारगर साबित हो सकता है. पपीता लीवर की सफाई करने के लिए फायदेमंद माना जाता है.

​2. हल्दी
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है इसके साथ-साथ हमारे शरीर को कई अन्य लोगों से भी बचाने का कार्य करती है. लीवर को मजबूत बनाए रखने के लिए और उसकी कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी हल्दी का सेवन मददगार साबित हो सकता है. लीवर को मजबूत बनाए रखने के लिए आप हल्दी को दूध में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं.

​3. आंवला
कई अध्ययनों में भी सामने आ चुका है कि आंवला लीवर के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. आंवले का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं. आंवला न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है बल्कि स्किन और बालों की सेहत को बनाए रखने के लिए भी कारगर हो सकता है. लीवर की मजबूती के लिए रोजाना एक आंवला जरूर खाएं.

4. पालक
हरी पत्तेदार पालक के फायदे गिनाने की शायद जरूरत नहीं है. पालक में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है. हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ हमारे लीवर को कमजोर रखने में भी फायदेमंद मानी जाती है. रोजाना पालक के जूस का सेवन आपको एक हेल्दी लीवर बनाए रखने में मदद कर सकता है. 

5. लहसुन
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लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी माना जाता है. लीवर को मजबूत बनाने के लिए लहसुन सक्रिय रूप से काम करती है. लीवर के स्वास्थ्य के लिए लहसुन का सेवन काफी जरूरी माना जाता है. आप किसी भी तरह से इसका सेवन कर सकते हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. 
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मृत्यु का वर्ष - Pandemic, A Novel

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मृत्यु का वर्ष  

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मैंने यह किताब सच्चाई बताने के लिए लिखी हैंइस कहानी में कोई हीरो या सुपर हीरो नही है। क्योंकि यह किताब मैं Covid-19 के पहले और बाद के अपने और बहुत से मित्रों के अनुभवसमस्याओं और भारत के अतिरिक्त दुनियाँ में आये अच्छे - बुरे बदलाव को सबके सम्मुख लाने के लिए लिखा हूँ। जिसमे अलग - अलग देशों और भारत के विभिन्न राज्योंशहरोंके लोगों का अनुभव भी शामिल है।
इस महामारी में मैंने जो देखा और मेरे अनेक मित्रोंजानने वालों ने जो भी अनुभव कियामैंने अपने और उनके अनुभव और भावनाओं को इस किताब के माध्यम से व्यक्त करने की कोशिश की है। जिसमे वर्तमान से लेकर भविष्य और ऐतिहासिक बातें भी जानने को मिलेंगी।
मैं ईश्वर से बस यही कामना करता हूँ कि COVID-19 महामारी के कारण जो अब इस दुनियाँ में नहीं हैभगवान उनकी आत्मा को शांति देसबको स्वस्थ और सुरक्षित रखें।

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देवदूत - The God Creation, A Novel

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A novel DEVDOOT had been published last year in Hindi and available on Amazon and Flipkart but it's free for readers here I'm going to share the link please read and give a review too, thank you.

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 ‘हम सभी को ये ज्ञात हैं की ब्रह्माण्ड का सबसे पुराना और पहला धर्म ग्रन्थ हैं वो हैंवेद

चारों वेदों में से एक ऋग्वेद में बताया गया हैं की ब्रह्माण्ड सुई के नोख के बराबर था, ब्रह्म की क्रिया से फ़ैल गया जो आज तक जारी हैं।

  ‘इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एक विस्फोट से हुई हैं जिसे बिग बैंग कहते हैं, और ये भी की ब्रह्माण्ड अभी तक फ़ैल रहा हैं।

  ‘ब्रह्मा का एक दिन चार लाख बत्तीस हजार (432000) साल का होता हैं, ‘और इसमें चार युग आते हैं, ‘और इसके पश्चात विनाश होता हैं और फिर से सृष्टि की रचना होती हैं, ‘गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी यही कहा हैं।

ब्रह्मा शब्द ब्रह्म धातु से बना हैं, जिसका अर्थ फटना या फूट पड़ना होता हैं, ब्रह्म वो हैं जिससे सम्पूर्ण सृष्टि और आत्माओं की उत्पत्ति हुई हैं, या जिससे फुट पड़े हैं, क्योंकि आत्मा और परमात्मा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, आत्मा के बिना परमात्मा और परमात्मा के बिना आत्मा का कोई अस्तित्व नहीं हैं। 

वेदों और शास्त्रों में लिखा गया हैं की विश्व की उत्पत्ति स्तिथि और विनाश का कारण ब्रह्म हैं, इसीलिए आत्मा के पहले परमात्मा हैं, और समस्त आत्मायें उसी परमात्मा का ही रूप हैं, ‘यही गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा हैं, यही हमारे शास्त्र भी कहते हैं, ‘की अवकाश जहाँ कुछ भी नहीं हैं, आकाश जहाँ

सब कुछ हैं, आकाश के पश्चात वायु, वायु के पश्चात पृथ्वी और पृथ्वी के पश्चात औषधि, औषधियों से अन्न, अन्न से वीर्य, वीर्य से पुरुष, अर्थात शरीर उत्त्पन्न होता हैं।,

  ‘परन्तु इनमें से ही कुछ आत्मायें महान बन जाती हैं, ‘और कुछ विनाश का कारण बनती हैं……………………!,




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