DONATE

देवदूत - The God Creation, A Novel

देवदूत - The God Creation, Novel




A novel DEVDOOT had been published last year in Hindi and available on Amazon and Flipkart but it's free for readers here I'm going to share the link please read and give a review too, thank you.

For reading go to my Facebook page, are another website, authorharishsharma.com 
thanks 

 ‘हम सभी को ये ज्ञात हैं की ब्रह्माण्ड का सबसे पुराना और पहला धर्म ग्रन्थ हैं वो हैंवेद

चारों वेदों में से एक ऋग्वेद में बताया गया हैं की ब्रह्माण्ड सुई के नोख के बराबर था, ब्रह्म की क्रिया से फ़ैल गया जो आज तक जारी हैं।

  ‘इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एक विस्फोट से हुई हैं जिसे बिग बैंग कहते हैं, और ये भी की ब्रह्माण्ड अभी तक फ़ैल रहा हैं।

  ‘ब्रह्मा का एक दिन चार लाख बत्तीस हजार (432000) साल का होता हैं, ‘और इसमें चार युग आते हैं, ‘और इसके पश्चात विनाश होता हैं और फिर से सृष्टि की रचना होती हैं, ‘गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी यही कहा हैं।

ब्रह्मा शब्द ब्रह्म धातु से बना हैं, जिसका अर्थ फटना या फूट पड़ना होता हैं, ब्रह्म वो हैं जिससे सम्पूर्ण सृष्टि और आत्माओं की उत्पत्ति हुई हैं, या जिससे फुट पड़े हैं, क्योंकि आत्मा और परमात्मा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, आत्मा के बिना परमात्मा और परमात्मा के बिना आत्मा का कोई अस्तित्व नहीं हैं। 

वेदों और शास्त्रों में लिखा गया हैं की विश्व की उत्पत्ति स्तिथि और विनाश का कारण ब्रह्म हैं, इसीलिए आत्मा के पहले परमात्मा हैं, और समस्त आत्मायें उसी परमात्मा का ही रूप हैं, ‘यही गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा हैं, यही हमारे शास्त्र भी कहते हैं, ‘की अवकाश जहाँ कुछ भी नहीं हैं, आकाश जहाँ

सब कुछ हैं, आकाश के पश्चात वायु, वायु के पश्चात पृथ्वी और पृथ्वी के पश्चात औषधि, औषधियों से अन्न, अन्न से वीर्य, वीर्य से पुरुष, अर्थात शरीर उत्त्पन्न होता हैं।,

  ‘परन्तु इनमें से ही कुछ आत्मायें महान बन जाती हैं, ‘और कुछ विनाश का कारण बनती हैं……………………!,





Related Posts
Previous
« Prev Post