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दूधी घास के फायदे / Benefits of milk hedge

दूधी घास के फायदे / Benefits of milk hedge

दूधी घास के फायदे 





मै आपको एक ऐसे चमत्कारी पौधे के बारे में बताने जा रहा हूँ जो आपके आस पास ही पाया जाता है। यह किसी भी स्थान पर उग आता है इसे दूधी या दूधिया घास के नाम से भी जाना जाता है। कहीं- कहीं पर इसे नागार्जुनीभी कहा जाता है। यह पौधा दो प्रकार का होता है एक जिसे छोटी दूधिया घास कहते है इसके पत्ते छोटे होते है और यह हल्के लाल रंग का होता है। इसके फूल भी लाल रंग के होते है। दूसरी जिसके पत्ते बड़े होते है और हरे रंग के होते है इनके पत्तों पर हल्की लाली पन पायी जाती है। छोटी दूधिया घास और बड़ी दूधिया घास लगभग सामान होती है।
तो चलिए इसके फायदे के बारे में जानते है --

1 - यह पौधा इतना चमत्कारी है कि बांझपन, नपुंसकता और शीघ्रपतन सहित कई बीमारियों को ख़त्म कर देता है। इस पौधे के इतने गुण है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। 

2 - अतिसार, पेचिस व् पेट की समस्या के लिए के लिए ये संजीवनी के सामान है जिनको अतिसार की समस्या है वो 10 ग्राम दूधिया घास को पीसकर सुबह शाम पानी के साथ पीने से अतिसार में लाभ मिलेगा तथा आंते स्वस्थ रहेंगी। अतिसार में इसका प्रयोग अत्यंत कारगर है यदि यह ताज़ी न मिले तो सुखाकर पाउडर बना के एक चम्मच लेने से अतिसार दूर हो जायेंगा। यदि किसी को पेचिश आ रही हो तो उसे दूधिया घास के पाउडर में फिटकरी मिला पिलाने से लाभ मिलता है। 

3 - जिन्हें नकसीर की शिकायत हो या नाक से खून बहता हो उनके लिए यह पौधा बहुत फायेदेमंद है। इसके लिए दूधिया घास के पाउडर में मिश्री मिला कर सेवन करने से यह समस्या दूर हो जायेंगी। 

4 - जिस व्यक्ति को नपुंसकता और शीघ्रपतन की शिकायत हो उन्हें 100 ग्राम दूधिया घास के पाउडर में बराबर मात्रा में मिश्री मिला कर सुबह शाम एक -एक चम्मच सेवन करने से लाभ मिलता है। इससे कमजोरी और धातु जन्य रोग दूर होते है। शुगर के मरीज इसमे मिश्री न डालकर भी खा सकते है। 

5- दूधिया घास के पाउडर को सुबह शाम सेवन करने से पेट के कीड़े निकल जाते है। जिनके बाल झड रहे हो उनको दूधिया घास के पत्तों का रस और कनेर के पत्तों का रस मिला कर बालो की जड़ो में लगाने से बालो का झड़ना बंद कर देगा।  

6 - जिन महिलाओं के बच्चा नहीं हो रहा (बांझपन) है डॉक्टर की सभी रिपोर्ट सही है वो दूधिया घास के पाउडर का सेवन सुबह शाम करे इससे गर्भधारण की क्षमता बढ़ेगी। 

7 - जिनको खांसी की शिकायत है उनके लिए दूधिया घास रामबाण है। इसके लिए दूधिया घास के पाउडर में तुलसी ,काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से खासी बिलकुल बंद हो जायेगी। 

8 - जिनके चेहरे पर कील मुहासे है उनको दूधिया घास का दूध लगाने से फायेदा होगा
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चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज /Chirchita - Treatment of Diseases from Apparaga

 चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज /Chirchita - Treatment of Diseases from Apparaga

चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज 



अपामार्ग का पौधा (Apamarga Tree) भारत के समस्त शुष्क स्थानों पर उत्पन्न होता है। इसकी ऊंचाई सामान्यतया 2 से 4 फुट होती है। लाल और सफेद दो प्रकार के अपामार्ग (Apamarg) आमतौर पर देखने को मिलते हैं।

सफेद अपामार्ग (Safed Apamarg) के डंठल व पत्ते हरे रंग के, भूरे और सफेद रंग के दाग युक्त होते हैं। इसके अलावा फल चपटे होते हैं, जबकि लाल अपामार्ग का डंठल लाल रंग का और पत्तों पर लाल-लाल रंग के दाग होते हैं। फल चपटे और कुछ गोल होते हैं। इस पर बीज नोकीले कांटे के समान लगते हैं। दोनों प्रकार के अपामार्ग के गुणों में समानता होती है। फिर भी सफेद अपामार्ग श्रेष्ठ माना जाता है। 

विभिन्न भाषाओं अपामार्ग के में नाम

संस्कृत (Apamarg In Sanskrit)- अपामार्ग।
हिंदी (Apamarg In Hindi) – चिरचिटा।
मराठी (Apamarg In Marathi) – अघाड़ा।
गुजराती (Apamarg In Gujrati)- अधेड़ों।
बंगाली (Apamarg In Bengali)- अपांग।
अंग्रेजी (Apamarg In English)- प्रिकली चाफ फ्लावर (Prickly Chalfflower)।
लैटिन (Apamarg In Latin) -एचिरेन्थस ऐस्पेरा (Achyranthes Aspera) |

अपामार्ग के औषधीय गुण Apamarg Ke Gun
आयुर्वेदिक मतानुसार अपामार्ग तिक्त, कटु, तीक्ष्ण, गर्म प्रकृति, होता है। यह dard नाशक, विष, कृमि व पथरी नाशक,रक्तशोधक, ज्वर, श्वास रोग नाशक, सुखपूर्वक प्रसव हेतु एवं गर्भधारण में उपयोगी है।

वैज्ञानिक मतानुसार अपामार्ग के किए गए रासायनिक विश्लेषण से इसमें 30 प्रतिशत पोटाश क्षार, 13 प्रतिशत चूना, 7 प्रतिशत सोरा क्षार, 4 प्रतिशत लोहा, 2 प्रतिशत नमक एवं 2 प्रतिशत गंधक पाया गया है। पत्तों की अपेक्षा जड़ की राख में ये तत्व अधिकता से मिलते हैं।

चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज 

1 -  विषैले जीवों के काटने पर 

जानवरों के काटने व सांप, बिच्छू, जहरीले कीड़ों के काटे स्थान पर अपामार्ग के पत्तों का ताजा रस लगाने और पत्तों का रस 2 चम्मच की मात्रा में 2 बार पिलाने से विष का असर तुरन्त घट जाता है और जलन, दर्द में आराम मिलता है। पत्तों की पिसी हुई लुगदी को दंश के स्थान पर पट्टी से बांध देने से सूजन नहीं आती और वेदना दूर हो जाती है। सूजन चढ़ चुकी हो, तो शीघ्र ही उतर जाती है।

2 -  दांत रोग के इलाज में Daant Rog Ke Upchaar Me

अपामार्ग के फूलों की मंजरी को पीसकर नियमित रूप से दांतों पर मलकर मंजन करने से दांत मजबूत होते जाते हैं। पत्तों के रस को दुखते दांतों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है। तने या जड़ की दातौन करने से भी दांत मजबूत होते एवं मुंह की दुर्गन्ध नष्ट होती है।

3 -  स्वप्नदोष को ठीक करने के लिए Swapndosh Ke Gharelu Upchar Me

आयुर्वेद में पुरुषों के रोगों के उपचार में भी इसका प्रयग किया जाता है | अपामार्ग की जड़ का चूर्ण और मिश्री बराबर की मात्रा में पीसकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में दिन में २ बार दो हफ्ते तक सेवन करें तो फायदा होगा |

4 -  मुंह के छाले में आराम Muh Ke Chhale Ke Upchar

मुह के छालों अपामार्ग से फायदा होता है | इसके लिए अपामार्ग के पत्तों का रस छालों पर लगाएं तो इसमें आराम मिलता है | 

5 -  शीघ्रपतन के इलाज में 

अपामार्ग की जड़ को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। इसका चूर्ण बनाकर 1 चम्मच की मात्रा में लेकर एक चम्मच शहद मिला लें। इसे एक कप ठंडे दूध के साथ नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक सेवन करने से लाभ मिलता है।
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बबूल के गोंद को खाने के फायदे / Benefits of eating acacia gum

बबूल के गोंद को खाने के फायदे / Benefits of eating acacia gum
बबूल के गोंद को खाने के फायदे / Benefits of eating acacia gum




बबूल के तने या टहनी में कहीं पर भी काट देने या चीरा लगाने से जो पदार्थ निकलता है और सूखने पर यह भूरे रंग का कड़ा पदार्थ बन जाता है उसे गोंद कहते है। यह शीतल, पौष्टिक और औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है इसीलिए इसका उपयोग कई दवाइयों को बनाने में भी किया जाता है। गोंद में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, चीनी और नमी पाई जाती है। बबूल के गोंद को अंग्रेज़ी में Acacia Gum कहते हैं। आज मैं आपको बबूल के गोंद के फायदे के बारे में बताऊंगा। 

Babul Ke Gond Ke Fayde – Acacia Gum Benefits

बबूल का गोंद पौष्टिक होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है इसीलिए यह खांसी, लिकोरिया, पेचिश, मूत्राघात, मूत्रकृच्छ आदि में बहुत उपयोगी होता है। यह सीने के दर्द को समाप्त करता है। इसका सेवन हड्डियों, आंतो और अमाशय को मज़बूत बनाता है। यह जलन को दूर करने वाला, घाव को भरने वाला, रक्त का शोधन करने वाला है।
 तो चलिए इसके सेवन से होने वाले कुछ फायदे के बारे में जानते है 

1. मासिक धर्म
मासिक धर्म की पीड़ा या दर्द से परेशान महिलाएं 150 ग्राम बबूल का गोंद कढ़ाही में भूनकर पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें। फिर रोज़ाना 15 दिन तक 10 ग्राम की मात्रा में गोंद के चूर्ण को मिश्री के साथ सेवन करें। इससे मासिक धर्म का दर्द कम हो जाता है और मासिक धर्म नियमित रूप से और समय से आने लगता है।

तो चलिए जानते है की बबुल के गोंद का सेवन महिलाओ को कैसे करना चाहिए इसको बनाने के लिए बबुल का गोंद २५० ग्राम, मेथी ५०० ग्राम, हल्दी १०० ग्राम, बादाम, काजू किसमिस, चिरौंजी, २५० ग्राम, तीखुर ५०० ग्राम जो की आप को आयुर्वेद की दुकान पे मिल जाएगी इन सबको मिलाके पीस ले और गाय के दूध में मिलाके सेवन करे महिलाओ को कमजोरी कमर दर्द से लेकर हर समस्या से छुटकारा मिल जायेगा। 

2. मुंह के छाले

मुंह में छाले होने पर थोड़ा गोंद का टुकड़ा मुंह में डालकर चूसें। इससे मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।

3. मधुमेह रोग

रोज़ाना दिन में 3 बार 4 ग्राम बबूल के गोंद का चूर्ण पानी के साथ या गाय के दूध के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग में लाभ मिलता है।

5. खांसी
थोड़ा बबूल का गोंद मुंह में रखकर धीरे धीरे चूसने से खांसी ठीक हो जाती है।

6. आमाशय का घाव

बबूल का गोंद पानी में घोलकर पीने से आमाशय और आंतों का घाव ठीक हो जाता है। साथ ही इसके सेवन से अमाशय और आंत भी मज़बूत होती है।

7. प्रसव से हुई कमज़ोरी

महिलाओं के लिए गोंद का सेवन बहुत ही फ़ायदेमंद है। यह बच्चा जन्म देने वाली माँ को बच्चा पैदा होने के बाद शारीरिक कमज़ोरी को दूर करने के लिए खिलाया जाता है।

8. लू से बचाव

गर्मियों के मौसम में थोड़े से गोंद को पानी में घोलकर पिएं तो आप लू से बचे रहेंगे।

9. मूत्र रोग

पेशाब में जलन होना या पेशाब रुक रुक कर आने में गोंद का नियमित रूप से सेवन बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है।

10. वीर्य की कमी

पुरुषों के लिए बबूल का गोंद बहुत ही फ़ायदेमंद है, इसके सेवन से वीर्य की कमी की समस्या दूर होती है और पौरुष बढ़ता है।
बबूल के गोंद के सेवन से शरीर में चुस्ती, फुर्ती और ताज़गी बनी रहती है।
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गेंदे का फूल ( marigold benefits ) स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हर्ब होता है जाने कैसे / Marigold benefits are beneficial herbs for health, how to know

गेंदे का फूल ( marigold benefits ) स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हर्ब होता है जाने कैसे / Marigold benefits are beneficial herbs for health, how to know
गेंदे का फूल ( marigold benefits ) स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हर्ब होता है जाने कैसे 



गेंदे का फूल  एक खूबसूरत फूल होता है। भारतीय घरों में इसका इस्तेमाल पूजा और घर को सजाने के लिए किया जाता है। गेदें का फूल सिर्फ साज-सज्जा के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। गेंदा दरअसल एक हर्ब होता है जिसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण होते हैं। गेदें के औषधिय गुणों के कारण इसे शरीर के लिए एक बेहद लाभकारी औषधी माना जाता है। आइए जानते हैं कि गेंदा स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभकारी होता है। 

1 - बवासीर के रोगी को यदि गेंदा की पत्तियों का रस, काली मिर्च और नमक का घोल पिलाया जाए तो आराम मिल जाता है।

2 - जिन पुरुषों को स्पर्मेटोरिया (पेशाब और मल करते समय वीर्य जाने की शिकायत) हो उन्हे गेंदे के फूलों का रस पीना चाहिए।
नपुंसकता

मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए गेंदे के फूलों को सुखाकर इनके बीज निकाल लें। फिर इन बीज में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर खाए। इससे नपुंसकता दूर होती है।

3 -  दर्द को कम करता है-

गेंदे का इस्तेमाल दर्द को कम करने के लिए लाभकारी होता है।
रक्त संचरण सही ना होने के कारण भी शरीर के अंगों में दर्द होने लगता है। गेंदे में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होने के साथ-साथ यह रक्त संचरण को बढ़ाने में मदद करता है। गेंदे का सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे शरीर के अंगों का दर्द कम होता है। किसी भी तरह के कट या घाव को तेजी से भरने के लिए भी गेंदा फायदेमंद होता है।

4 - बीमारियों से रक्षा करता है- 

गेदें में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेंट्री, ड्यूरेटिक और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। गेंदा का उपयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

5 - उम्र पढ़ने के साथ व्यक्ति की त्वचा की कोशिकाएं कमजोर होने लगाती है तथा नई कोशिकाएं कम बनती है जिससे की त्वचा लटकने लगाती है इसका सबसे ज्यादा असर चहरे की त्वचा पर दिखाई देता है गेंदे के फूल का क्रीम या तेल त्वचा पर लगाने से छुर्रिया ख़त्म हो जाती है गेंदे के फूलो में फायटोकॉंस्टीटूएंट्स ( phytoconstituents ) होता है जो एंटी एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करता है और ये नई कोशिकाओं के निर्माण में अहम् भूमिका निभाता है जिससे की झुर्रियों से छुटकारा मिलता है। 

6 -  कान के दर्द और सूजन को कम करता है- 
अगर कान में दर्द है तो गेंदे के पत्तो का रस कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है। गेंदे के फूल को मिस्त्री के साथ खाने से दमा खासी की समस्या दूर होती है अगर शरीर के किसी हिस्से में सूजन आ गई हो तो इसकी पंखुड़ियों को पीस कर सूजन पर लगाने से सूजन ख़त्म हो जाती है। 
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