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खजूर के औषधीय गुण / Medicinal properties of date palm
खजूर के औषधीय गुण
खजूर की उपज रेगीस्तान में, कम पानी और गर्म मौसम की जगह में होती है। नारीयल के समान इसके पेड के ऊपरी भाग में पत्तों के नीचे, घोसलों में खजूर लगते है। हरे कच्चे खजूर पकने के बाद भुरे तथा चिपचिपे हो जाते है। खजूर सुखने के बाद खारक कहलाती है।
आयुर्वेद के अनुसार खजूर मधुर,पौष्टिक,बलवर्धक,श्रमहारक, संतोष दिलाने वाला, पित्तनाशक, वीर्यवर्धक और शीतल गुणों वाला है। खजूर और खारक में विटामिन, प्रोटीन, रेशे, कार्बोहाइड्रेट और शर्करा होने की वजह से उसे पूर्ण आहार कहा जाता है। इसलिये उसे सभी उपवास में शरीर
के संघर्षण की आपूर्ति करने के लिये उपयोग में लाया जाता है। ताजे, हरे खजूर
का रायता बनाया जाता है। खजूर की चटनी बनती है।
खजूर में पाये जाने वालें तत्व
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Medicinal properties of date palm
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दही के औषधिय गुण / Medicinal properties of curd
दही के औषधिय गुण
ठंडा और स्वादिष्ट दही किसे पसंद नही है? दही किसी भी चीज के साथ खाईये, उसका स्वाद बढ़ता ही है। दही ना ही सिर्फ भोजन का स्वाद बढाता है, बल्की उसे पौष्टिक भी बनाता है। इसीलिये इसे अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।
दही के साथ खाया हुआ कुछ भी सहजता से पाचन होता है और उस भोजन के विटामीन और प्रोटीन सरलता से आपके खून में मिल जाते है। इसीलिये दही को ‘परिपूर्ण आहार कहा जाता है।
(स्वाद, पाचन शक्ति, यौन शक्ति, ताकत और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाने वाला, स्तंभक, स्वाद वाला, गर्म, वातको संतुलित करनेवाला, पवित्र और पोषण बढाने वाला, श्वसन मार्ग को गीला रखनेवाला, दस्त को नियंत्रित करने वाला, भोजन का स्वाद बढाने वाला, मूत्र मार्ग की बाधा कम करनेवाला, दुर्बलता कम करनेवाला, पित्त और कफ में विकार बढाने वाला)
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कई बीमारियों, सरसों और सरसों के तेल में दवाओं का उपयोग कैसे किया जाता है / medical properties of mustard
कई बीमारियों, सरसों और सरसों के तेल में दवाओं का उपयोग कैसे किया जाता है
सरसों के तेल का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है। शुद्ध सरसों के तेल में भोजन करने से स्वास्थ्य की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बीज भी तेल की तरह ही फायदेमंद होते हैं। दरअसल, सरसों के बीज में विटामिन ए, सी और के साथ-साथ कैरोटीन, ल्यूरिटिन भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्व मिलकर इसे एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट बनाते हैं। वे भूरे, काले और पीले होते हैं। आइए जानें इसके फायदे और उपयोग के तरीके।
1. किन
चीजों में होता है सरसों के
बीज का इस्तेमाल
इन
बीजों का इस्तेमाल मसाले
के तौर पर भी किया
जाता है। डोसा, अचार, चटनी, दाल आदि में सरसों के बीज की
छौंक जायके को और भी
बढ़ा देती है। खाने का स्वाद बढ़ाने
के साथ-साथ कई तरह के
औषधिय गुणों से भरपूर होते
हैं।
2. इस
तरीके से इस्तेमाल करें
सरसों के बीज
- माइग्रेन
से राहत
सरसों
के बीज का पाउडर और
पानी का घोल बनाकर
नाक पर लगाएं।
१
- कफ,खांसी और जुकाम
सरसों
के दानों को पीसकर इसमें
शहद मिलाकर चाटने से कफ, खांसी
और जुकाम की परेशानी बहुत
जल्दी ठीक हो जाती है।
२
- तलवों का दर्द दूर
गुनगुने
पानी में सरसों के बीज का
पेस्ट डालकर इसमें 15 मिनट पैरों को डुबोएं।
३
- कमर दर्द से आराम
सरसों
के तेल में अजवाइन, लहसुन और हींग डालकर
गर्म करें। इससे मसाज करें।सरसों के बीजों की
तरह इसका तेल भी बहुत फायदेमंद
है।
४
- बवासीर से छुटकारा
आधा
चम्मच सरसों के बीज का
दिन में 2 बार सेवन करें।
५
- जोड़ों के दर्द से
आराम
गुनगुने
सरसों के तेल में
कपूर मिलाकर जोड़ों की मालिश करें।
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महिलाओं को क्यों होता है UTI इंफैक्शन, कैसे करें बचाव ? /Why do women become a UTI infection, how to prevent?
महिलाओं को क्यों होता है UTI इंफैक्शन, कैसे करें बचाव ?
यूरिन इंफैक्शन यानि UTI महिलाओं में होने वाली आम समस्या है। 100 में से 80 प्रतिशत महिलाएं यूरिन इंफैक्शन का शिकार हो जाती हैं। इसका कारण यूरिन को ज्यादा देर तक रोक के रखना है, जब मूत्राशय में बैक्टीरिया जमा हो जाए तब पेशाब के जरिए इंफैक्शन यूट्रस तक पहुंच जाता है। जिससे प्रेग्नेंसी में परेशानी आने के साथ-साथ कई तरह के गंभीर रोग होने का डर रहता है। इस परेशानी को छुपाने या लक्षणों की अनदेखी करने से सेहत ज्यादा बिगड़ सकती है। सही समय पर इसका इलाज बहुत जरूरी है।
१ . यूरिन इंफैक्शन के कारण
- मसालेदार खाने का सेवन
जो लोग मसालेदार भोजन, तली-भूनी चीजों का ज्यादा सेवन और अनहेल्दी खाना खाते हैं उन्हें इस तरह का इंफैक्शन जल्दी हो जाता है।
२ - दवाइयों का ज्यादा सेवन
जो औरतें बीमारी के चलते दवाइयों का बहुत ज्यादा सेवन करती हैं, उन्हें यूरिन इंफैक्शन बहुत जल्दी घेर लेता है। इसके अलावा दूषित पानी का सेवन भी इसकी वजह बनता है।
- किडनी में पथरी होना
किडनी में पथरी होना भी यूरिन इंफैक्शन की बड़ी वजह है। जो लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें खुद का खास ख्याल रखना चाहिए।
- शरीर में पानी की कमी
शरीर में पानी की कमी होने से भी यूरिन इंफैक्शन हो सकता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूर करें।
3. यूरिन इंफैक्शन के लक्षण
यूरिन इंफैक्शन होने पर कई तरह के संकेत दिखने शुरू हो जाते हैं। इन पर ध्यान देकर परेशानी से जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है।
- यूरिन करते समय जलन होना
- यूरिन से बदबू आना
- कमर के निचले हिस्से में दर्द
- बार-बार पेशाब आना
- भूख न लगना
- कमजोरी व थकावट का अहसास होना
- यूरिन का रंग पीला हो जाना
- पेट और मूत्र मार्ग में जलन
इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो यूरिन टेस्ट करवा कर अच्छे चिकित्सक से इलाज शुरू करवाएं। दवाइयों के अलावा कुछ घरेलू तरीके भी इसके लिए कारगर हैं।
यूरिन इंफैक्शन से बचने के घरेलू उपाय
1. गोमुखासन योग
महिलाओं के लिए यह आसन बहुत लाभकारी है। यूरिन इंफैक्शन से जल्दी राहत पाने के लिए गोमुखासन योगजरूर करें।
2. क्रैनबेरी जूस पीएं
रोजाना एक गिलास क्रेनबेरी का जूस पीएं। इंफैक्शन दूर करने में यह बहुत लाभकारी है। 3-4 दिन इसका सेवन करने से आराम मिलता है।
3. गर्म पानी की सिकाई
यूटीआई इंफैक्शन से राहत पाने के लिए गर्म पानी से सिकाई करने से फायदा मिलता है। इससे सूजन भी ठीक हो जाती है।
4. लहसुन
लहसुन कुदरती रूप से संक्रमण से लड़ने में मददगार है। रोजाना खाली पेट लहसुन की कली का पानी से साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा खाने में लहसुन को जरूर शामिल करें।
5. सेब का सिरका
1 गिलास पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिला पीना भी लाभकारी है।
6. लस्सी का सेवन
जिन लोगों को यूटीआई की परेशानी है उन्हें रोजाना 1 गिलास लस्सी का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे पेशाब की जलन से भी छुटकारा मिलता है।
7. चावल का पानी
आधा गिलास चावल के पानी में चीनी मिलाकर पीने से यूरिन में होने वाली जलन कम हो सकती है।
8. बादाम और इलायची
बादाम की 5 गिरी में 7 छोटी इलायची और मिश्री डालकर पीस लें। फिर इसे पानी में घोलकर पीएं, दर्द और जलन कम होगी।
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