जिन रोगों को डॉक्टर ठीक करने से कतराते हैं उन रोगों में कारगर है यह औषधि - Bhatkataiya
जैसा की आप सभी जानते हैं हमारे आस पास ऐसे बहुत से छोटे बड़े पेड़ पौधे उगते हैं जो कि कुछ तो हमारे लिए हानिकारक होते हैं और कुछ हमारे लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं, हमें जिन पेड़ पौधों के बारे में पता होता है हम उनके फल फूल का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन जिनके बारे में हमें नहीं पता होता उन्हें हम उखाड़ कर फेंक देते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हर छोटा-बड़ा पेड़ पौधा औषधि है आज मैं आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताऊँगा जिसका उपयोग आप शरीर की कई बीमारियों को दूर करने के लिए कर सकते हैं।
आपको मैं जिस पौधे के बारे में बताने वाला हूँ वह पौधा भटकटैया, कटेरी ( कंटकारी ) का है और इस पौधे के अंदर बहुत सारे गुण विद्यमान होते हैं और यह पौधा अक्सर हमारे आसपास या हमारे खेत खलिहान में मिल जाता है, यह पौधा टेडी मेडी शाखाओं वाला पूरे पौधे पर कांटे ही कांटे होते हैं, यह पौधा अस्थमा, सूखी खांसी, पथरी, खाज - खुजली, दाद, संक्रमण, गर्भ धरण की समस्या इत्यादि समस्याओं को जड़ से दूर कर देता है और इसका किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव नहीं है|
1 - फोड़े-फुसी का ईलाज भटकटैया से -
बीजों को महीन पीसकर नारियल के तेल में फेंटें। इसे फोड़े-फुसियों
पर लगाते रहने से कुछ ही दिनों में वे ठीक हो जाएंगे।
2 - खांसी का ईलाज भटकटैया से-
फूलों के मध्य पीले रंग के पुष्प केसर का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सुबह-शाम लेने से सामान्य और कुकर खांसी में लाभ मिलेगा।
3 - स्तनों का ढीलापन -
भटकटैया और अनार की जड़ को समभाग लेकर पीस लें।
पानी में इससे लेप तैयार कर स्तनों पर सुबह-शाम नियमित रूप से मालिश करें, स्तनों में कठोरता आ जाएगी।
4 - पेशाब की रुकावट हो तो भटकटैया अपनाये -
भटकटैया पत्तों के रस की एक चम्मच की मात्रा को आधे कप मट्ठे (छाछ) के साथ सुबह-शाम पिलाने से पेशाब की रुकावट दूर होगी।
5 - मूत्राशय की पथरी के लिए भटकटैया -
भटकटैया के जड़ का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में 4 चम्मच दही के साथ दिन में 3 बार नियमित रूप से कुछ हफ्ते सेवन करने से पथरी निकल जाएगी।
6 - आमवात में भटकटैया का सेवन -
भटकटैया के पत्तों का एक चम्मच रस में 2 काली मिर्चे पीसकर मिला लें इसकी एक खुराक सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करने से लाभ होगा।
7 - नकसीर की शिकायत में भटकटैया -
भटकटैया के पत्तों को पीसकर बने लेप को कपाल पर लगाएं और पत्तों का 2-3 बूंद रस नथुनों में टपकाएं।
8 - दमा के लिए भटकटैया -
भटकटैया के फलों से निर्मित काढ़े में चुटकी भर सेंधानमक और हींग मिलाकर 6 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करते रहने से दमे में लाभ होता है।
9 - नपुंसकता को दूर करने में सहायक भटकटैया -
भटकटैया के बीजों को पानी के साथ पीसकर लेप बनाएं और शिश्न के ऊपर उससे मालिश करके ऊपर से पान का गरम पता बांध दें प्रयोग कुछ हफ्ते नियमित करें और आप को इसका लाभ भी देखने को मिलेगा।
जैसा की आप सभी जानते हैं हमारे आस पास ऐसे बहुत से छोटे बड़े पेड़ पौधे उगते हैं जो कि कुछ तो हमारे लिए हानिकारक होते हैं और कुछ हमारे लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं, हमें जिन पेड़ पौधों के बारे में पता होता है हम उनके फल फूल का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन जिनके बारे में हमें नहीं पता होता उन्हें हम उखाड़ कर फेंक देते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हर छोटा-बड़ा पेड़ पौधा औषधि है आज मैं आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताऊँगा जिसका उपयोग आप शरीर की कई बीमारियों को दूर करने के लिए कर सकते हैं।
आपको मैं जिस पौधे के बारे में बताने वाला हूँ वह पौधा भटकटैया, कटेरी ( कंटकारी ) का है और इस पौधे के अंदर बहुत सारे गुण विद्यमान होते हैं और यह पौधा अक्सर हमारे आसपास या हमारे खेत खलिहान में मिल जाता है, यह पौधा टेडी मेडी शाखाओं वाला पूरे पौधे पर कांटे ही कांटे होते हैं, यह पौधा अस्थमा, सूखी खांसी, पथरी, खाज - खुजली, दाद, संक्रमण, गर्भ धरण की समस्या इत्यादि समस्याओं को जड़ से दूर कर देता है और इसका किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव नहीं है|
1 - फोड़े-फुसी का ईलाज भटकटैया से -
बीजों को महीन पीसकर नारियल के तेल में फेंटें। इसे फोड़े-फुसियों
पर लगाते रहने से कुछ ही दिनों में वे ठीक हो जाएंगे।
2 - खांसी का ईलाज भटकटैया से-
फूलों के मध्य पीले रंग के पुष्प केसर का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सुबह-शाम लेने से सामान्य और कुकर खांसी में लाभ मिलेगा।
3 - स्तनों का ढीलापन -
भटकटैया और अनार की जड़ को समभाग लेकर पीस लें।
पानी में इससे लेप तैयार कर स्तनों पर सुबह-शाम नियमित रूप से मालिश करें, स्तनों में कठोरता आ जाएगी।
4 - पेशाब की रुकावट हो तो भटकटैया अपनाये -
भटकटैया पत्तों के रस की एक चम्मच की मात्रा को आधे कप मट्ठे (छाछ) के साथ सुबह-शाम पिलाने से पेशाब की रुकावट दूर होगी।
5 - मूत्राशय की पथरी के लिए भटकटैया -
भटकटैया के जड़ का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में 4 चम्मच दही के साथ दिन में 3 बार नियमित रूप से कुछ हफ्ते सेवन करने से पथरी निकल जाएगी।
6 - आमवात में भटकटैया का सेवन -
भटकटैया के पत्तों का एक चम्मच रस में 2 काली मिर्चे पीसकर मिला लें इसकी एक खुराक सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करने से लाभ होगा।
7 - नकसीर की शिकायत में भटकटैया -
भटकटैया के पत्तों को पीसकर बने लेप को कपाल पर लगाएं और पत्तों का 2-3 बूंद रस नथुनों में टपकाएं।
8 - दमा के लिए भटकटैया -
भटकटैया के फलों से निर्मित काढ़े में चुटकी भर सेंधानमक और हींग मिलाकर 6 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करते रहने से दमे में लाभ होता है।
9 - नपुंसकता को दूर करने में सहायक भटकटैया -
भटकटैया के बीजों को पानी के साथ पीसकर लेप बनाएं और शिश्न के ऊपर उससे मालिश करके ऊपर से पान का गरम पता बांध दें प्रयोग कुछ हफ्ते नियमित करें और आप को इसका लाभ भी देखने को मिलेगा।