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मृत्यु का वर्ष - Pandemic, A Novel

मृत्यु का वर्ष - Pandemic, A Novel

मृत्यु का वर्ष  

Pandemic




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मैंने यह किताब सच्चाई बताने के लिए लिखी हैंइस कहानी में कोई हीरो या सुपर हीरो नही है। क्योंकि यह किताब मैं Covid-19 के पहले और बाद के अपने और बहुत से मित्रों के अनुभवसमस्याओं और भारत के अतिरिक्त दुनियाँ में आये अच्छे - बुरे बदलाव को सबके सम्मुख लाने के लिए लिखा हूँ। जिसमे अलग - अलग देशों और भारत के विभिन्न राज्योंशहरोंके लोगों का अनुभव भी शामिल है।
इस महामारी में मैंने जो देखा और मेरे अनेक मित्रोंजानने वालों ने जो भी अनुभव कियामैंने अपने और उनके अनुभव और भावनाओं को इस किताब के माध्यम से व्यक्त करने की कोशिश की है। जिसमे वर्तमान से लेकर भविष्य और ऐतिहासिक बातें भी जानने को मिलेंगी।
मैं ईश्वर से बस यही कामना करता हूँ कि COVID-19 महामारी के कारण जो अब इस दुनियाँ में नहीं हैभगवान उनकी आत्मा को शांति देसबको स्वस्थ और सुरक्षित रखें।

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देवदूत - The God Creation, A Novel

देवदूत - The God Creation, A Novel

देवदूत - The God Creation, Novel




A novel DEVDOOT had been published last year in Hindi and available on Amazon and Flipkart but it's free for readers here I'm going to share the link please read and give a review too, thank you.

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thanks 

 ‘हम सभी को ये ज्ञात हैं की ब्रह्माण्ड का सबसे पुराना और पहला धर्म ग्रन्थ हैं वो हैंवेद

चारों वेदों में से एक ऋग्वेद में बताया गया हैं की ब्रह्माण्ड सुई के नोख के बराबर था, ब्रह्म की क्रिया से फ़ैल गया जो आज तक जारी हैं।

  ‘इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एक विस्फोट से हुई हैं जिसे बिग बैंग कहते हैं, और ये भी की ब्रह्माण्ड अभी तक फ़ैल रहा हैं।

  ‘ब्रह्मा का एक दिन चार लाख बत्तीस हजार (432000) साल का होता हैं, ‘और इसमें चार युग आते हैं, ‘और इसके पश्चात विनाश होता हैं और फिर से सृष्टि की रचना होती हैं, ‘गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी यही कहा हैं।

ब्रह्मा शब्द ब्रह्म धातु से बना हैं, जिसका अर्थ फटना या फूट पड़ना होता हैं, ब्रह्म वो हैं जिससे सम्पूर्ण सृष्टि और आत्माओं की उत्पत्ति हुई हैं, या जिससे फुट पड़े हैं, क्योंकि आत्मा और परमात्मा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, आत्मा के बिना परमात्मा और परमात्मा के बिना आत्मा का कोई अस्तित्व नहीं हैं। 

वेदों और शास्त्रों में लिखा गया हैं की विश्व की उत्पत्ति स्तिथि और विनाश का कारण ब्रह्म हैं, इसीलिए आत्मा के पहले परमात्मा हैं, और समस्त आत्मायें उसी परमात्मा का ही रूप हैं, ‘यही गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा हैं, यही हमारे शास्त्र भी कहते हैं, ‘की अवकाश जहाँ कुछ भी नहीं हैं, आकाश जहाँ

सब कुछ हैं, आकाश के पश्चात वायु, वायु के पश्चात पृथ्वी और पृथ्वी के पश्चात औषधि, औषधियों से अन्न, अन्न से वीर्य, वीर्य से पुरुष, अर्थात शरीर उत्त्पन्न होता हैं।,

  ‘परन्तु इनमें से ही कुछ आत्मायें महान बन जाती हैं, ‘और कुछ विनाश का कारण बनती हैं……………………!,




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Lotus Roots: पोषक तत्वों का खजाना होती है तालाब में उगनेवाली यह जड़, This is a treasure root of nutrients.

Lotus Roots: पोषक तत्वों का खजाना होती है तालाब में उगनेवाली यह जड़, This is a treasure root of nutrients.

Lotus Roots: पोषक तत्वों का खजाना होती है तालाब में उगनेवाली यह जड़.



आइए, जानते हैं किस तरह कमल ककड़ी हमारे शरीर को पोषण देती है और किन-किन बीमारियों से बचने में हमारी मदद करती है...

देसी सुपर फूड है कमल ककड़ी या लोटस रूट्स। इनको सब्जी, पकौड़े और स्नेक्स के रूप में खाया जाता है। खासतौर पर सर्दी के मौसम में आनेवाली कमल ककड़ी से हमारी बॉडी को बहुत अधिक फायदे होते हैं। कमल ककड़ी एक ऐसा भोजन है, जिसका उपयोग हमारी संस्कृति में सदियों से हो रहा है। वैसे भी कमल को भारतीय सभ्यता में एक पूजनीय पुष्प माना जाता है। मुख्य रूप से कमल ककड़ी सर्दियों में आती है लेकिन इसके पोषक तत्वों को देखते हुए इसे अचार, मसाले और जड़ी बूटी के रूप में स्टोर करके रखने की परंपरा भी सदियों पुरानी है। ताकि बाद में इसे भोजन और दवाई के रूप में उपयोग किया जा सके... कमल ककड़ी में होते हैं ऐंटीऑक्सीडेंट्स

कमल ककड़ी में ऐंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इसलिए इसे अपनी डेली डायट में शामिल करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिससे मौसमी बीमारियों से लेकर डायबीटीज जैसी गंभीर बीमारियां भी हमसे दूर रहती हैं।

पेट साफ कर पाचन बढ़ाए
-कमल ककड़ी में फाइबर्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। ये फाइबर्स हमारे डायजेशन सिस्टम को साफ करने और उसे स्पीडअप करने का काम करते हैं। क्योंकि इन्हें पचाना आसा होता है और इन रेशों की मदद से हमारी आंतों में जमा गंदगी को निकालना आसान होता है। जब हमारा पाचनतंत्र साफ होता है तो मेटाबॉलिज़म अपने आप ही बेहतर होने लगता है। इससे हम खुद को एनर्जेटिक फील करते हैं।

कमल ककड़ी खाने के फायदे

कमल ककड़ी को अपनी डायट में शामिल करनेवाले लोग मोटापे का शिकार नहीं हो पाते। इसकी वजह है इनके अंदर छिपे फाइबर्स और मेटाबॉलिज़म को फास्ट करने की क्षमता। जिन लोगों का मेटाबॉलिज़म फास्ट होता है, उनमें फैट बढ़ने की संभावना ना के बराबर हो जाती है। क्योंकि पेट में जाने के बाद खाना जितनी जल्दी एनर्जी में कंफर्ट होता है, गैर जरूरी फैट इकट्ठा होने के चांस उतने ही कम होते जाते हैं।

ब्लड सर्कुलेश नॉर्मल रखे
न्यूट्रिऐंट्स से भरपूर कमल ककड़ी में विटमिन-बी और विटमिन-सी काफी मात्रा में होते हैं। इसमें पोटैशियम और आयरन भी काफी मात्रा में होते हैं। इससे हमारी स्किन और बोन्स को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। पोटैशियम हमारी बॉडी में सोडियम की मात्रा को रेग्युलेट कर ब्लड प्रेशर को मैनेज करने का काम करता है। इससे ब्लड सर्कुलेश नॉर्मल रहता है और व्यक्ति को हाई बीपी की समस्या नहीं होती।

स्ट्रेस लेवल मेंटेन रखने में मददगार
कमल ककड़ी को खाने से हमें अपना स्ट्रेस लेवल मेंटेन रखने में मदद मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, लोटस रूट्स में विटमिन-बी कॉम्प्लैक्स होता है जो पैरीडॉक्सीन कंपाउंड होता है और ब्रेन में न्यूरल रिसेप्टर्स से इंट्रैक्ट करता है। ये न्यूरल रिसेप्टर्स स्ट्रेस लेवल को कम करने का काम करते हैं। जिन लोगों को अक्सर सिर दर्द की समस्या रहती है या जिन्हें चिड़चिड़ाहट होती रहती है, ऐसे लोगों को कमल ककड़ी जरूर खानी चाहिए। क्योंकि इसे रेग्युलर बेसिस पर लेने से इन समस्याओं से निजात मिलती है।


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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन मसलो का हर रोज करें सेवन! Use these issues every day to increase immunity!

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