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सहजन में है संजीवनी के सामान गुण

सहजन में है संजीवनी के सामान गुण 


सहजन शरीर में हर प्रकार का कुपोषण दूर करता है, अफ्रीकन देशो में इसे माताओ माँ सबसे अच्छा दोस्त और पश्चिमी देशो में इसे न्यूट्रिशन डायनामाईट के नाम से जाना जाता है100 से भी अधिक तरीको से इसका उपयोग कुपोषण को भागने के लिए होता है।
इसकी फली से जहा स्वादिस्ट सब्जी बनती है वही इसे छील के खाने से ये मुगफली जैसा स्वाद देता है।
इसके बीज से तेल, छाल, पत्ती, गोंद, से आयुर्वेदिक दवाईया और तने फूल पत्ती से खाद्य तेल मिलता है, सहजन 300 सौ से भी अधिक बीमारियों के उपचार में काम आता है।

100 ग्राम सहजन की पत्तियों में

दही से 9 गुना ज्यादा प्रोटीन
संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन C
गाजर से 4 गुना ज्यादा विटामिन A
पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन
केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम
दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम
पाया जाता है।
सहजन से बीज के चूर्ण से पानी शुद्ध किया जा सकता है।
इसीलिए सहजन को आज के युग की संजीवनी बूटी भी कहा जाता है।
सहजन की पत्तिया बच्चो और शिशु दोनों के लिए टॉनिक के सामान है इसकी पत्तियों के चूर्ण से बच्चो को 42% प्रोटीन
125% - कैल्शियम
6% - मैग्निसियम
74% - आयरन
41% - पोटैशियम
272% - विटामिन A
22% - विटामिन C की पूर्ति होती है।

सहजन की पत्तियों को कई प्रकार से उपयोग कर सकते है।
सहजन की पत्तियों के रस को दूध में मिलाकर बच्चो को देने से बच्चो की हड्डिया मजबूत होती है
महिलाओ को सहजन से कैल्शियम, विटामिन्स, आयरन, एमिनो एसिड मिलता है।
सहजन की पत्तियों का रस पिने से गर्भवती महिलाओ को प्रसव पीड़ा से राहत मिलती है और इसे पिने से उनमे दूध का स्राव भी बढ़ जाता है।

सहजन की पत्तियों को तोड़ कर फिर छाया में सुखाकर बारीक़ कूट कर छान के रख ले और इसका उपयोग सब्जी में, या फिर काढ़े के रूप में या रोटी के आटे में गुथ कर उपयोग कर सकते है ये स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। 

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