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क्या आप विटामिन " N " और इसके फायदे के बारे में जानते है ???

क्या आप विटामिन " N " और इसके फायदे के बारे में जानते है ??? 



इंसान का शरीर प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स, और बहुत से तत्वों से मिल के बना है और ये बाते आज के समय में हम सभी को पता है इनमे से विटामिन्स बहुत ही उपयोगी है और हम सभी लगभग सभी विटामिन्स के बारे में जानते है A, B, C, D, E, और ऐसे ही न जाने कितने ही विटामिन्स है जो हमारे शरीर को तंदरुस्त रखने है। पर हम और आप सायद ही एक विटामिन्स को जानते हो वो है विटामिन "N"
इंसान को स्वस्थ और फिट रहने के लिए हैल्दी डाइट के साथ-साथ विटामिन्स भी बहुत आवश्यक हैं। विटामिन N शरीर को प्रकृति से मिलने वाला विटामिन है। वर्तमान समय में ज्यादातर लोग प्रकृति से दूर हो गए है, जिसके कारण शरीर में विटामिन N की कमी हो रही है और हम गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मगर शायद ही कोई जानता है की विटामिन N शरीर को अस्थमा से लेकर दिल की बीमारियों से बचाने में बहुत मददगार होता है। सही मात्रा में विटामिन N का सेवन करने से हम स्वस्थ रहेंगे। तो आइए जानते हैं कि विटामिन N से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं।

विटामिन N को विटामिन माना जाता है, जिसका रासायनिक नाम थियोक्टिक एसिड या अल्फा लिपोइक एसिड है। अल्फा लिपोइक एसिड सल्फर युक्त फैटी एसिड होता है। यह शरीर में अंतःक्रियात्मक रूप से मौज, और कोशिकाओं में यह ऊर्जा की उत्पत्ति का कारण बनता है जो हमारे शरीर को काम करने और जिंदा रहने के लिए आवश्यक है। यह एक एंटीऑक्सिडेंट है जो हमारे शरीर में संश्लेषित होता है। लिपोइक एसिड चयापचय मशीनरी का एक महत्वपूर्ण घटक है जो हमारे लिए आवश्यक ग्लूकोज से ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह α-lipoic एसिड पानी के साथ ही लिपिड में घुलनशील है।

हमारा शरीर स्वयं इस विटामिन एन को विशेष रूप से α-lipoic एसिड संश्लेषित करता है। इसलिए खाद्य स्रोतों से यह जरूरी नहीं है। हालांकि, यह निम्नलिखित खाद्य स्रोतों में पाया जा सकता है: ब्रोकोली, पालक और खमीर।

1 -. नहीं बढ़ता है मोटापा

शहरों में रहने वाले लोगों की अपेक्षा प्राकृतिक वातावरण के निकट रहने वाले लोग ज्यादा हैल्दी और मेंटली फिट रहते हैं। क्योंकि उन्हें भरपूर मात्रा में विटामिन "N" मिलता है। रोज एक घंटा पार्क या नेचुरल जगह पर योग, एक्सरसाइज, टहलने से मोटापे की शिकायत नहीं होती है।

2 - अस्थमा से बचाव

विटामिन N लेने से अस्थमा की समस्या नहीं होती है। ज्यादा से ज्यादा समय प्रकृति के करीब रहने से दिल और फेफड़े पूर्ण्तः स्वस्थ रहते हैं जिससे अस्थमा होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। दरअसल, अस्थमा का एक मुख्य कारण वायु प्रदूषण भी है और पौधे व पेड़ों के करीब रहने या शुद्ध हवा लेने से फेफड़ों और दिल पर प्रेशर नहीं पड़ता है।

3 -. याददाश्त और सीखने की क्षमता बढ़ाए

शुद्ध हवा और वातावरण में रहने से मानसिक थकान से राहत मिलती है, जिससे आपकी याददाश्त और सीखने की क्षमता में सुधार होता है। एक अध्ययन अनुसार, करीब 50 मिनट के लिए प्रकृति के बीच समय बिताने वाले लोगों का स्मृति परीक्षण में प्रदर्शन बेहतर होता है।

4 -. अल्जाइमर का खतरा करें कम

टेंशन और तनाव के कारण वर्तमान समय में लोगों में अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हरियाली में ज्यादा समय रहने से आप इस गंभीर बीमारी के खतरे को भी कम कर सकते हैं। अल्जाइमर एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसमें ज्यादा समय एक्सरसाइज करने और हरियाली में रहना दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।

5 -. दिल भी रहता है स्वस्थ

प्रकृति के करीब रहने से दिल भी पूर्ण्तः स्वस्थ रहता है। एक्सरसाइज करने से स्वास्थ्य को ढेरों फायदे मिलते हैं लेकिन प्रकृति या हरियाली से भरपूर जगह पर एक्सरसाइज करने से इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। हरी-भरी जगह में एक्सरसाइज करने से बल्ड सर्कुलेशन सही रहता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है और बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है।

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