भगवान हनुमान से जुड़ी कुछ रोचक बातें |
हनुमान जी एक ऐसे अवतार है जो त्रेता से लेकर द्वापर और कलयुग में भी इस धरती पर मौजूद है शिव के यु तो बहुत से अवतारों से हम परिचित है पर भगवान हनुमान जैसी ख्याति किसी को नहीं मिली, जहा भी भगवान श्रीराम और रामायण की बात आती है तो उसमे सबसे ज्यादा हनुमान जी का ही नाम आता है । हनुमान जी ने कई बार भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को संकट से बाहर निकाला है।
इसी तरह द्वापर में भी महाबली हनुमान का जिक्र हमें मिलता है वो इस लिए क्यों की माता सीता ने हनुमान जी को अमर होने का वरदान किया था, महाभारत के युध्य में हनुमान जी पताका के रूप में अर्जुन की रक्षा के लिए रथ पर विराजमान थे।
और अगर आज हम देखे तो हनुमान जी की पूजा बहुत ही ज्यादा होती है क्यों की ऐसा कहा जाता है की कलयुग में अगर कोई देवता है तो सिर्फ हनुमान जी है क्यों की कलयुग में भी हनुमान जी इसी पृथ्वी पर है और भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि अवतार के समय भी उन्हें उनके साथ मिलकर पापियों का नाश करना है।
तो चलिए महाबली हनुमान जो के बारे में कुछ और भी रोचक जानकारी प्राप्त करते है।
1 - हनुमान जी को मारुती क्यों कहा जाता है।
हनुमान जी जब छोटे थे तब बहुत ही ज्यादा शरारती थे एक दिन उनका ध्यान सूर्य पर गया, उन्हें सूर्य एक लाल मीठे फल की तरह लगा सूर्य देखते ही हनुमान जी सूर्य को खाने के लिए पहुंच गए और अपना आकर बढ़ाने लगे जैसे ही उन्होंने सूर्य को खाने के लिए अपना मुँह खोला इंद्रा देव ने बाल हनुमान जी पर वज्र प्रहार कर दिया, और वे मूर्छित होकर गिर पड़े, उसके बाद पवन देव द्वारा वायु का प्रवाह रोक दिया गया सारे संसार में हाहाकार मच गया फिर देवताओ के मानाने के बाद पवन देव मान गए और देवताओ ने हनुमान जी को नया नाम मारुती दिया तभी तो तुलसी दास ने भी हनुमान चालीसा में कहा है शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।
2 - माता सीता ने हुनमान जी को आशीर्वाद दिया था तभी तो उन्हें अष्ट सिद्धि नव निध के दाता कहा जाता है भगवान हनुमान को सूर्य देव ने प्रसन्न होकर अपना शिष्य बनाया था और फिर हनुमान जी को सूर्य देव ने नौ विद्याये सिखाई। इसी लिए हनुमान जी को बुद्धि और ज्ञान का दाता कहा जाता है।
3 - हनुमान जी को सिंदूर क्यों पसंद है ?
बाल ब्रह्मचारी श्रीराम भक्त हनुमान जी को सिंदूर पसंद है और ऐसा कहा जाता है की सिंदूर चढाने से बजरंगबली जल्दी प्रसन्न होते है पर क्या आप को पता है हनुमान जी को सिंदूर क्यों पसंद है ?
जब रावण वध के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या आये तो उनके साथ उनके परम भक्त हनुमान जी भी साथ आये थे, एक दिन हनुमान जी ने माता सीता को मांग में सिंदूर भरते हुए देखा और पूंछा की माता आखिर आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों भारती है, माता सीता ने कहा ऐसा करने से भगवान श्रीराम प्रसन्न होते है और उनकी आयु में भी वृद्धी होती है।
यह सुनते है श्रीराम जी के परम भक्त हनुमान जी ने अपने पुरे शरीर को सिंदूर से रंग लिया और उसी प्रकार श्रीराम के आगे आ गए हनुमान जी को ऐसी अवस्था में देख के भगवान श्रीराम आष्चर्य में पड़ गए, तब हनुमान जी ने माता सीता द्वारा कही हुई बात भगवान श्रीराम को बताई जिसके बाद प्रभु श्रीराम के मन में हनुमान जी के लिए प्रेम और बढ़ गया। इसी लिए हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लोग सिंदूर का लेप उनकी मूर्ति पर करते है, और ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से हनुमान जी के साथ -साथ भगवान श्रीराम भी प्रसन्न होते है। जय श्रीराम
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