क्या हैं हिन्दू नववर्ष और चैत्र नवरात्र का महत्व।
चैत्र नवरात्र से ही वैदिक नववर्ष की शुरुआत होती है इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण है, चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना राज्य अस्थापित किया था, और इन्ही के नाम से विक्रम संवत प्रारम्भ हुआ, सम्राट विक्रमादित्य ने इस संवत की शुरुआत महाकाल की नगरी उज्जैन से की जो की मध्यप्रदेश के शिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं।
इसी दिन यानि चैत्र नवरात्र को लगभग 1960853119 वर्ष पूर्व सूर्यौदय के साथ ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारम्भ की थी।
इसी चैत्र नवरात्र के दिन ही भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था।
और इसी दिन युधिष्ठिर का भी राज्याभिषेक हुआ था।
आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने भी इसी दिन आर्य समाज की अस्थापना की थी।
वसंत ऋतु का प्रारम्भ भी वर्ष प्रतिपदा से ही होता है, और इसी दिन से किसानो की फसल भी पकाना शुरू हो जाती है।
घरो में देवी देवता की अस्थापना कर के इस दिन हवन, यज्ञ, पूजा पाठ लोग करते है, और एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामना देते हैं।
तो यही कारण है चैत्र नवरात्र से ही हिन्दुओ का नववर्ष प्रारम्भ होता हैं।