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अनार से ज्यादा अनार का छिलका क्यों गुणकारी है

अनार से ज्यादा अनार का छिलका क्यों गुणकारी है

अनार से ज्यादा अनार का छिलका क्यों गुणकारी है। 


मीठे रस से भरे अनार के दाने सिर्फ देखने में ही मनमोहक नहीं होते हैं। इनमें स्वाद के साथ सेहत के भी कई गुण छुपे हैं। अनार के रस में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अनार के छिलके भी अनार के रस की तरह ही आपके लिए बहुत फायदेमंद है। जितना कि अनार के दाने और अनार के छिलके भी आपके शरीर को कई लाभ पहुंचते हैं। अनार के छिलके से बनी चाय बेहद स्वादिष्ट और फायदेमंद होती है।

तो चलिए जानते हैं अनार के छ्लके के फायदों के बारे में.

अनार के छिलके के फायदे

अनार के छिलके में एंटीऑक्सिडेंट्स और मिनरल के गुण होते हैं। जो बड़ी से बड़ी बीमारी में शरीर को लड़ने में मदद करते है। अनार के एक ग्राम दानों में 24 मिलीग्राम फेनॉलिक्स होता है जबकि इसके छिलके में एक ग्राम में 250 मिलीग्राम फेनॉलिक्स होता है। दोनों में ही विटामिन-सी की मात्रा बराबर होती है।

ऐसे करें इस्तेमाल

अनार के छिलको को धूप में सूखने के लिए रखें। जब ये छिलके अच्छे से सूख जाएं तो इनको छोटे-छोटे टुकड़ों में तो़ड़ लें। अब इन छिलकों को ब्लेंडर या कॉफी ग्राइंडर में डालकर पीस लें और पाउडर बना लें। अब अनार के छिलकों के इस पाउडर को किसी एयर टाइट कंटेनर में भरकर रख दें ताकि ये खराब न हों।

अनार के छिलके की चाय

विधि-

अनार के छिलकों की स्वादिष्ट चाय बनाने के लिए सबसे पहले किसी बर्तन में चाय बनाने के लिए पानी ले

अब इस पानी में एक चम्मच अनार के छिलके का पाउडर मिलाएं।

थोड़ी देर पाउडर को पानी में भीगने दें।

अब इसे एक कप में छान लें।

स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और ऑर्गेनिक शहद मिलाएं।

आपकी स्वादिष्ट और हेल्दी चाय बनकर तैयार है।

अनार के छिलके की चाय के फायदे-

कैंसर से भी बचाएगी अनार के छिलके की चाय

दुनिया की भयानक बीमारी कैंसर से निजात दिलाने के लिए अनार के छिलके की बनी चाय एक अच्छा विकल्प है। इस चाय में कई ऐसे तत्व मौजूद है जिनके कारण कैंसर का खतरा काफी हद कर कम हो जाता है। स्किन कैंसर में इस चाय के काफी फायदे देखने को मिले हैं। इस चाय को कम से कम एक बार दिन में जरूर पीना चाहिए।

अनार के छिलके की चाय उम्र का प्रभाव कम कराती है -

चाय में मौजूद इन एंटीऑक्सीडेंट्स की वजह से इस चाय को पीने से आप पर उम्र का प्रभाव कम होता है और आप अपनी उम्र से ज्यादा जवान लगते हैं। दरअसल ये एंटीऑक्सिडेंट्स फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रिलाइज करते हैं, जिससे झुर्रियां और काले घेरे नहीं होते हैं। इस चाय को पीने से जोड़ों के दर्द और हड्डी की कमजोरी में भी फायदा मिलता है।

अनार के छिलके की चाय दिल की बीमारियों को दूर रखती है -

इस चाय में फ्लेवेनॉइड्स, फेनॉलिक्स और एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं। जो दिल की बीमारी से निजात दिलाने में काफी मदद करते हैं। इस चाय को पीने से आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इसलिए दिल के लिए ये चाय बहुत फायदेमंद है।

अनार के छिलके की चाय पिने से पाचन में लाभ होता है -

अनार के छिलके में एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण होते हैं। जो पाचन शक्ति को बढ़ाने में काफी कारगर है। इस चाय को पीने से आप कई तरह के रोगों से खुद को दूर रख सकते हैं। खाने के बाद दिन में एक बार अनार के छिलके की चाय को जरूर अपनी डाइट में शामिल करें।
तो इस तरह अनार के छिलके की चाय हमारे शरीर को बहुत से स्वास्थ लाभ दे सकती है। 
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घुटनो की चिकनाई ख़त्म होने और जोड़ो के दर्द का रामबाण उपाय

घुटनो की चिकनाई ख़त्म होने और जोड़ो के दर्द का रामबाण उपाय

घुटनो की चिकनाई ख़त्म होने और जोड़ो के दर्द का रामबाण उपाय 



हरिश्रृंगार या पारिजात एक दिव्या वृक्ष माना जाता है इसका आयुर्वेदिक के साथ पौराणिक महत्व भी है ऐसा कहा जाता है की एक वृक्ष को भगवान कृष्णा इस स्वर्ग के धरती पर लाये थे।
और जितना इसका धार्मिक महत्व है उतना ही आयुर्वेदिक भी है

गठिया रोग से आज कल लोग ज्यादा ही परेशान रहते है और महंगे - महंगे इलाज करने के बाद भी फायदा नहीं मिलता है आज मई आप को एक ऐसी औषधि के बारे में बताऊंगा जिसका सेवन कर के आप इस रोग को ठीक कर सकते है। और साथ ही ये ह्रदय रोग में भी लाभदायक होता है।

इस्तेमाल करने की विधि --


घुटनो में दर्द तब होता है जब है इसकी चिकनाई ( knee fluid ) ख़त्म हो जाता है, इससे छुटकारा पाने के लिए हरिश्रृंगार ( पारिजात ) पेड़ के 12 पत्तो तो कूट कर पानी मर उबाले

जब पानी एक चौथाई रह जाये तो बिना छाने ही ठंडा कर के पी ले 90 दिन में जोड़ो की चिकनाई पूरी तरह बन जाएगी।

अगर कुछ कमी रह जाये तो एक महीने का अंतर दे कर फिर इसी क्रम को दुहराएँ इससे निश्चित लाभ की प्राप्ति होगी।
और जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलेगा।
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सहजन में है संजीवनी के सामान गुण

सहजन में है संजीवनी के सामान गुण

सहजन में है संजीवनी के सामान गुण 


सहजन शरीर में हर प्रकार का कुपोषण दूर करता है, अफ्रीकन देशो में इसे माताओ माँ सबसे अच्छा दोस्त और पश्चिमी देशो में इसे न्यूट्रिशन डायनामाईट के नाम से जाना जाता है100 से भी अधिक तरीको से इसका उपयोग कुपोषण को भागने के लिए होता है।
इसकी फली से जहा स्वादिस्ट सब्जी बनती है वही इसे छील के खाने से ये मुगफली जैसा स्वाद देता है।
इसके बीज से तेल, छाल, पत्ती, गोंद, से आयुर्वेदिक दवाईया और तने फूल पत्ती से खाद्य तेल मिलता है, सहजन 300 सौ से भी अधिक बीमारियों के उपचार में काम आता है।

100 ग्राम सहजन की पत्तियों में

दही से 9 गुना ज्यादा प्रोटीन
संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन C
गाजर से 4 गुना ज्यादा विटामिन A
पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन
केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम
दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम
पाया जाता है।
सहजन से बीज के चूर्ण से पानी शुद्ध किया जा सकता है।
इसीलिए सहजन को आज के युग की संजीवनी बूटी भी कहा जाता है।
सहजन की पत्तिया बच्चो और शिशु दोनों के लिए टॉनिक के सामान है इसकी पत्तियों के चूर्ण से बच्चो को 42% प्रोटीन
125% - कैल्शियम
6% - मैग्निसियम
74% - आयरन
41% - पोटैशियम
272% - विटामिन A
22% - विटामिन C की पूर्ति होती है।

सहजन की पत्तियों को कई प्रकार से उपयोग कर सकते है।
सहजन की पत्तियों के रस को दूध में मिलाकर बच्चो को देने से बच्चो की हड्डिया मजबूत होती है
महिलाओ को सहजन से कैल्शियम, विटामिन्स, आयरन, एमिनो एसिड मिलता है।
सहजन की पत्तियों का रस पिने से गर्भवती महिलाओ को प्रसव पीड़ा से राहत मिलती है और इसे पिने से उनमे दूध का स्राव भी बढ़ जाता है।

सहजन की पत्तियों को तोड़ कर फिर छाया में सुखाकर बारीक़ कूट कर छान के रख ले और इसका उपयोग सब्जी में, या फिर काढ़े के रूप में या रोटी के आटे में गुथ कर उपयोग कर सकते है ये स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। 
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प्रोटीन युक्त शाकाहारी आहार

प्रोटीन युक्त शाकाहारी आहार

प्रोटीन युक्त शाकाहारी आहार



मनुस्य के शरीर को विकाश के लिए प्रोटीन की आवश्कता होती है
मनुष्य के शरीर में प्रोटीन की मात्रा पूरी नहीं होने पर शरीर का विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता है।

एक वयस्क पुरुष को 70 ग्राम प्रति दिन प्रोटीन की जरुरी होता है व एक वयस्क महिला को 60 ग्राम प्रति दिन प्रोटीन जरुरी होता है।

अभी तक तो हमने यही सुना था कि अंडे में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है, यह पूरी तरह सच नहीं है। एक अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन होता है लेकिन कुछ ऐसे शाकाहारी भोजन होते हैं जिनमे अंडे से ज्यादा प्रोटीन होता है।

आज हम आपको इन्ही  6 वेजीटेरियन फूड के बारे में बताएँगे। जिन्हे खाकर आप अंडे से ज्यादा प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।


1 - रोस्टेड सोयाबीन
इसमें फाइबर और पोटैशियम के साथ साथ प्रोटीन भी ज्यादा होता है | इसमें प्रोटीन की मात्रा 1 कप में 60 ग्राम होती है।


2 - काबुली चना
काबुली चने प्रोटीन का अच्छा सोर्स हैं, इसका आटा रोज की डाइट में शामिल करें। इसमें प्रोटीन की मात्रा 1 कप में 21 ग्राम होती है !

3 - ओट्स
ओट्स में फैट कम और प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 100 ग्राम में 17 ग्राम होती है।

4 - राजमा
राजमा (बीन्स) में प्रोटीन की मात्रा होती हैं । प्रोटीन की मात्रा 1 कप में 8 ग्राम होती है, उबले हुए राजमा में ।


5 - मसूर दाल
वैसे तो सभी दालों में प्रोटीन होता है लेकिन मसूर दाल में प्रोटीन सबसे ज्यादा है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 1 कप में 18 ग्राम होती है।


6 - कद्दू के बीज
कद्दू के बीज में अंडे से दो गुना प्रोटीन होता है, प्रोटीन के साथ इसमें आयरन और जिंक भी अच्छी मात्रा में होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 1 कप में 12 ग्राम होती है ।

7 - मशरूम मटर पालक फूल गोभी में भी प्रोटीन पाया जाता है

जानिए प्रोटीन के कुछ फायदे

1 -. हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत करता है।

2.- शरीर का वजन कम करने में मदद करता है।

3.- ब्लॅड प्रेशर को कम करने का काम करता है।

4 - जिम जाने वाले लोगो के लिए प्रोटीन लेना जरुरी होता है | प्रोटीन से मसल्स बनते हैं |

5 - शरीर के चोट और घाव जल्दी भरने में मदद करना है।

6 - बच्चों की लम्बाई के लिये बहुत ही जरूरी है ।
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शारीरिक कमज़ोरी के साथ बहुत सी बीमारियों को दूर करता है पपीते के पत्तो का रस

शारीरिक कमज़ोरी के साथ बहुत सी बीमारियों को दूर करता है पपीते के पत्तो का रस

शारीरिक कमज़ोरी के साथ बहुत सी बीमारियों को दूर करता है पपीते के पत्तो का रस



हमारी सेहत के लिए पपीता बेहद फायदेमंद होता हैं, अगर हम इसका यूज करेंगे तो कई सेहत संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं। लेकिन अगर आप इसकी पत्तियों का भी यूज करेंगे तो सेहत को कई और लाभ मिलेंगे।

इसकी पत्तियों में भी बहुत सारा पोषण होता है। इसकी पत्तियों को आप कई तरह से यूज भी कर सकते हैं। चलिए जानते हैं पपीते की पत्तियों का कैसे यूज करके हम कई सेहत संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं..

सर्व प्रथम आप पपीते की पत्तियों को अच्छी तरह से पानी से साफ कीजिए। अब पपीते की पत्तियों को छोटे टुकड़ों में तोड़कर मिक्सी में पीस लीजिए और उसे निचोड़ कर रस को ठीक से छान लीजिए।

पपीते के पत्ते का रस पीने के लाभ

1 - पपीते की पत्तियों के रस को नारियल के दूध या शहद में मिलाकर कंडीशनर के तौर पर यूज कर सकते है इससे बाल बहुत ही सॉफ्ट बन जाते हैं।

2 -अगर आप पपीते की पत्तियों का यूज बालों से डेंड्रफ मिटाने के लिए कर सकते है। ये सिर से तेल और गं दगी को भी निकालता है।

3 - पपीते की पत्तियों का रस स्किन के पोर्स को साफ करता है। अगर आप मुहांसों और झाइयों से राहत पाना चाहते है तो इस रस का यूज जरूर कीजिए।

4 - पपीता खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है, ये हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन A, B, C, D E कैल्शियम मौजूद होता है. पर क्या आपको पता है की पपीते के साथ साथ पपीते के पत्तो में भी बहुत से ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते है जो ब्लड शुगर तथा आंतों में बसे बेक्टेरिया ,कैंसर, दिल की बीमारी डेंगू की बीमारी से बचा सकते है. इसके अलावा अगर आपकी बॉडी में प्लेटलेट्स की कमी है तो वो भी पपीते के पत्तो का रस पीने से ठीक हो जाती है.

5 - पपीते के पत्तो में भरपूर मात्रा में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते है जो हमारे शरीर को सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, अग्नाशय, जिगर फेफड़ों के कैंसर होने के खतरे से बचाते है. अगर आप नियमित रूप से पपीते के पत्तो के रस का सेवन करते है तो इससे इन बीमारियों का खतरा नहीं रहता है.

6 - पपीते के पत्तों में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते है जो हमारे शरीर की रोगरातिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते है. रोज़ाना इसका सेवन करने से सर्दी जुखाम डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव होता है. पपीते के पत्तो का रस पीने से शरीर में खून में वाइट ब्लड सेल्स प्लेटलेट्स को विकास होता है.

7 - कई लोगो को भूख ना लगने की समस्या होती है ऐसे में पपीते के पत्तो से बनी चाय का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, इसके अलावा रोज पपीते के पत्तो की चाय पीने से शारीरिक कमजोरी भी दूर हो जाती है.
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क्या आप विटामिन " N " और इसके फायदे के बारे में जानते है ???

क्या आप विटामिन " N " और इसके फायदे के बारे में जानते है ???

क्या आप विटामिन " N " और इसके फायदे के बारे में जानते है ??? 



इंसान का शरीर प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स, और बहुत से तत्वों से मिल के बना है और ये बाते आज के समय में हम सभी को पता है इनमे से विटामिन्स बहुत ही उपयोगी है और हम सभी लगभग सभी विटामिन्स के बारे में जानते है A, B, C, D, E, और ऐसे ही न जाने कितने ही विटामिन्स है जो हमारे शरीर को तंदरुस्त रखने है। पर हम और आप सायद ही एक विटामिन्स को जानते हो वो है विटामिन "N"
इंसान को स्वस्थ और फिट रहने के लिए हैल्दी डाइट के साथ-साथ विटामिन्स भी बहुत आवश्यक हैं। विटामिन N शरीर को प्रकृति से मिलने वाला विटामिन है। वर्तमान समय में ज्यादातर लोग प्रकृति से दूर हो गए है, जिसके कारण शरीर में विटामिन N की कमी हो रही है और हम गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मगर शायद ही कोई जानता है की विटामिन N शरीर को अस्थमा से लेकर दिल की बीमारियों से बचाने में बहुत मददगार होता है। सही मात्रा में विटामिन N का सेवन करने से हम स्वस्थ रहेंगे। तो आइए जानते हैं कि विटामिन N से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं।

विटामिन N को विटामिन माना जाता है, जिसका रासायनिक नाम थियोक्टिक एसिड या अल्फा लिपोइक एसिड है। अल्फा लिपोइक एसिड सल्फर युक्त फैटी एसिड होता है। यह शरीर में अंतःक्रियात्मक रूप से मौज, और कोशिकाओं में यह ऊर्जा की उत्पत्ति का कारण बनता है जो हमारे शरीर को काम करने और जिंदा रहने के लिए आवश्यक है। यह एक एंटीऑक्सिडेंट है जो हमारे शरीर में संश्लेषित होता है। लिपोइक एसिड चयापचय मशीनरी का एक महत्वपूर्ण घटक है जो हमारे लिए आवश्यक ग्लूकोज से ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह α-lipoic एसिड पानी के साथ ही लिपिड में घुलनशील है।

हमारा शरीर स्वयं इस विटामिन एन को विशेष रूप से α-lipoic एसिड संश्लेषित करता है। इसलिए खाद्य स्रोतों से यह जरूरी नहीं है। हालांकि, यह निम्नलिखित खाद्य स्रोतों में पाया जा सकता है: ब्रोकोली, पालक और खमीर।

1 -. नहीं बढ़ता है मोटापा

शहरों में रहने वाले लोगों की अपेक्षा प्राकृतिक वातावरण के निकट रहने वाले लोग ज्यादा हैल्दी और मेंटली फिट रहते हैं। क्योंकि उन्हें भरपूर मात्रा में विटामिन "N" मिलता है। रोज एक घंटा पार्क या नेचुरल जगह पर योग, एक्सरसाइज, टहलने से मोटापे की शिकायत नहीं होती है।

2 - अस्थमा से बचाव

विटामिन N लेने से अस्थमा की समस्या नहीं होती है। ज्यादा से ज्यादा समय प्रकृति के करीब रहने से दिल और फेफड़े पूर्ण्तः स्वस्थ रहते हैं जिससे अस्थमा होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। दरअसल, अस्थमा का एक मुख्य कारण वायु प्रदूषण भी है और पौधे व पेड़ों के करीब रहने या शुद्ध हवा लेने से फेफड़ों और दिल पर प्रेशर नहीं पड़ता है।

3 -. याददाश्त और सीखने की क्षमता बढ़ाए

शुद्ध हवा और वातावरण में रहने से मानसिक थकान से राहत मिलती है, जिससे आपकी याददाश्त और सीखने की क्षमता में सुधार होता है। एक अध्ययन अनुसार, करीब 50 मिनट के लिए प्रकृति के बीच समय बिताने वाले लोगों का स्मृति परीक्षण में प्रदर्शन बेहतर होता है।

4 -. अल्जाइमर का खतरा करें कम

टेंशन और तनाव के कारण वर्तमान समय में लोगों में अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हरियाली में ज्यादा समय रहने से आप इस गंभीर बीमारी के खतरे को भी कम कर सकते हैं। अल्जाइमर एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसमें ज्यादा समय एक्सरसाइज करने और हरियाली में रहना दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।

5 -. दिल भी रहता है स्वस्थ

प्रकृति के करीब रहने से दिल भी पूर्ण्तः स्वस्थ रहता है। एक्सरसाइज करने से स्वास्थ्य को ढेरों फायदे मिलते हैं लेकिन प्रकृति या हरियाली से भरपूर जगह पर एक्सरसाइज करने से इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। हरी-भरी जगह में एक्सरसाइज करने से बल्ड सर्कुलेशन सही रहता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है और बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है।
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स्वादिष्ट लाल केले के चौकाने वाले फायदे।

स्वादिष्ट लाल केले के चौकाने वाले फायदे।

स्वादिष्ट लाल केले के चौकाने वाले फायदे। 



आपने आज तक लाल रंग के बहुत से फल देखे होंगे लेकिन अगर आपसे कोई कहे कि लाल रंग का केला भी होता है तो क्या आप विश्वास कर पाएंगे तो बहुत से लोग कहेंगे नहीं पर इस रंग का केला ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।

ऑस्ट्रेलिया के अलावा वेस्टइंडीज, मेक्स‍िको और अमेरिका के कुछ हिस्सों में इसकी पैदावार की जाती है। हालांकि, अब भारत में भी किसान इस पर प्रयोग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में किसानों ने इसका प्रयोग करना शुरू किया है।


लाल केला इसलिए खास है, क्योंकि इसमें सुगर की मात्रा बेहद कम होती है और इसमें पोटेशियम, आयरन और विटामिन की मात्रा अधिक होती है। तो इस लिए इसके कुछ दूसरे बेमिसाल फायदे भी होते है तो चलिए जानते है ...

1. - लाला केले खाने से कभी भी किडनी में स्टोन नहीं बनता। क्योंकि इसमें पौटैशियम पाया जाता है। इसके अलावा ये दिल से जुड़ी कई बीमारियों से बचाता है।



2 -. लाल केले में दूसरे फलों की तुलना में बहुत कम कैलोरी होती है। इसे खाने से भूख कम लगाती है। इसी लिए इसे खाने से वजन कम होता है।

 3-. लाल केले में विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है।


4 -. विटामिन सी से भरपूर इस फल में 110 कैलोरी होता है। इसमें फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम होता है इसी लिए इसे खाने से तुरंत ताकत मिलती है।

5 -. अगर आपको सीने में जलन की शिकायत है तो भी लाल केला खाना आपके लिए फायदेमंद होगा। इसके सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।


इसका स्वाद आम की तरह है और इसके सेवन से हमारे शरीर को बहुत से फायदे होते है तो अगर लाल केला कही मिलता है तो इसका सेवन जरुर करे। 
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डायबिटीज को कण्ट्रोल में रखने के कुछ उपाय।

डायबिटीज को कण्ट्रोल में रखने के कुछ उपाय।

डायबिटीज को कण्ट्रोल में रखने के कुछ उपाय। 


आज मै आपको डायबिटीज को कण्ट्रोल करने के बारे में बताऊंगा डायबिटीज बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है, जो आज कल बहुत तेजी से फैल रही है और आज कल ये किसी भी उम्र में हो जाती है पहले मैं आपको डायबिटीज होने के कुछ लक्षण बताता हूं भूख प्यास ज्यादा लगना, बार-बार पेशाब जाना, जख्म नहीं भरना, त्वचा का सूखना के कुछ लक्षण है डायबिटीज के।


1 - तो आइये जानते है डायबिटीज को हम कैसे कण्ट्रोल में रख सकते है आप ने भांग का नाम सुना होगा भांग डायबिटीज को कण्ट्रोल कर सकती है, खाली पेट भांग की एक पत्ती धो कर और उसके साथ एक बादाम खाने से कुछ ही दिनों में आप पाएंगे की शुगर का जो लेवल है वो बहुत कम हो गया है, इसके साथ साथ हमें कुछ एक्सरसाइज भी करनी चाहिए।

2 - जामुन एक ऐसा फल है जिसका फल और गुटली दोनों ही डायबिटीज के लिए बहुत ही लाभकारी है इनका उपयोग अगर हम करे तो डायबिटीज बहुत जल्दी कण्ट्रोल में आ जाती है।


3 - आवला में विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता है आंवले का पाउडर या आंवले का जूस ये दोनों डायबिटीज को कण्ट्रोल में रख सकते है, इससे इंसुलिन और रक्त में शर्करा की पूर्ति होती है और डायबिटीज बहुत जल्दी कण्ट्रोल होता है।

4 - प्रारंभिक स्तिथि में अगर डायबिटीज है तो आम के पत्ते का रस प्रातःकाल बना के पीने से डायबिटीज में लाभ होता है इसके अलावा आम के पत्ते का चूर्ण और इसकी गुटली का चूर्ण भी लेने से डायबिटीज में फायदा होता है।


5 - अमरुद भी डायबिटीज में बहुत ही उपयोगी है अमरुद का फल और पत्ती दोनों को खाने से  शुरुआती डायबिटीज में फायदा मिलता है।

6 - डायबिटीज को कण्ट्रोल में रखने के लिए नीम के दो पत्तो का कम से कम रोज सेवन करना चाहिए इसके आलावा नीम के दातुन का भी प्रयोग करना चाहिए।


7 - करेले का जूस या करेले का सेवन डायबिटीज में बहुत अच्छा होता है और करेला लिवर को भी स्वस्थ रखता है।

इसके साथ हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की डायबिटीज कई प्रकार की होती है एक तो अनुवांशिक होती है, और दूसरी गलत खान - पान और हमारे दिनचर्या की वजह से भी डायबिटीज होती है, डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक करना आसान नहीं है पर हम अपनी रोजमर्रा की आदतों और खान - पान में सुधार कर के डायबिटीज को कण्ट्रोल कर सकते है।
इसके साथ ही हमें थोड़ी कसरत और योगा भी करना चाहिए और थोड़ा पैदल भी चलना चाहिए और अगर हो सके तो नंगे पाव सुबह - सुबह घास पे चलना चाहिए इससे भी डायबिटीज की बीमारी में लाभ होता है और डायबिटीज कण्ट्रोल में रहती है, तो इस तरह हम कुछ आसान उपाय और घरेलु नुक्से आजमा के डायबिटीज को कण्ट्रोल में रख के हेल्थी लाइफ जी सकते है। 
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