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लहसुन के औषधीय गुण /Medicinal properties of garlic

लहसुन के औषधीय गुण /Medicinal properties of garlic

लहसुन के औषधीय गुण

 

सल्फर पदार्थ के होने के कारण लहसुन में एक तीव्र गंध आती है जिसके कारण इसमें रोगानुरोधक विशेषताएं भी होती है।
लहसुन के तेल में गंध ज्यादा मात्रा में पाई जाती हैइस लिए 
इसमें औषधी तत्व होते है।
लहसुन पुष्टि करवीर्यवर्धकगर्मपाचकरेचक है।
लहसुन मेधा शक्ति वर्धक है।

लहसुन के 5  फायदे | 5 Benefits of garlic

सांस के विकार (दमा) | Respiratory disorder (Asthma)
पाचन विकार | Constipation
उच्च रक्त चाप | High Blood Pressure
हृदय रोग | Heart Trouble
कैंसर | Cancer
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दूर्वा ( दुब ) घास के फायदे /Benefits of Cynodon dactylon grass

दूर्वा ( दुब ) घास के फायदे /Benefits of Cynodon dactylon grass
दूर्वा ( दुब ) घास के फायदे 




दूर्वा या दुब घास का वैज्ञानिक नाम साइनोडान डेक्टीलान है इसके फायदों को देखते हुए ही इसे आयुर्वेद में महाऔषधि कहा गया है। हमारे धार्मिक मान्यताओं और पूजा-पाठ में भी इसका उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है ऐसा कहा जाता है की समद्र मंथन से जो अमृत निकला था उसकी कुछ बुँदे जो पृथ्वी पर गिरी थी उसमे से कुछ बून्द इस घास पर भी गिरी थी और इसी लिए ये अमर है और और स्वस्थ के लिए फायदेमंद भी है आप ने देखा होगा की जैसे ही बरसात का मौसम आता है ये घास अपने आप ही जमीन से उग जाती है दूब घास को दूर्वा के नाम से भी जाना जाता है, और ये भगवान गणेश को अति प्रिय है। इसमें पाए जाने वाले तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, प्रोटीन, फास्फोरस, पोटेशियम और कैल्शियम प्रचुरता से पाया जाता है. आइए अब बात इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते है। 

1. दिल को स्वस्थ रखने में
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि दूब घास का नियमित सेवन हमारे रक्त में कोलेस्ट्राल का स्तर घटाने के साथ-साथ दिल के क्रियाकलापों में भी सुधार करती है. इस तरह से दूब हमारे दिल का ख्याल भी रखती है.

2. पाचन और उल्टी में सहायक
दूब घास एक डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करती है जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने और अम्लता को कम करने में मदद मिलती है. इसके परिणामस्वरूप पाचन ठीक से हो पाता है. इसके अलावा जिसे उलटी हो रही है उसे दूब घास का रस देने से उसे आराम मिलता है.

3. शुगर में
दूब घास के फायदे आपको शुगर में भी लाभान्वित करते हैं. कई शोधों में इसके ग्लाईसेमिक क्षमता को सही पाया गया है. दूब घास का अर्क शुगर के मरीजों पर हाइपोग्लिसिमिक प्रभाव छोड़ता है.

4. तरोताजा रखने में
दूब घास को नींद न आने की बीमारी और थकान में एक प्राकृतिक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसका नियमित सेवन तंत्रिका तंत्र को मबुत बनाता है आपके शरीर में सक्रियता बनाए रखता है.

5. एनीमिया में
किसी भी प्रकार के रक्त स्त्राव जैसे कि पीरियड्स के दौरान, चोट, या नाक से निकलने वाले अत्यधिक रक्त स्त्राव में ये बेहद प्रभावी है. ये लाल रक्तकोशिकाओं में वृद्धि करके हिमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ाता है जिससे कि एनीमिया जैसे बिमारियों में फायदा पहुँचता है.

6. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
आपके स्वास्थ्य के हमेशा बेहतर रखने की जिम्मेदारी प्रतिरक्षा तंत्र पर होती है. दूब घास में प्रोटीन भी भरपूर होता है इसलिए इससे इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधि को अनुकूलित करने में मदद मिलती है. इसके अलावा ये एंटीवायरल और एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि से भी युक्त होती है. जिससे कि ये रोगों से ज्यादा मजबूती से लड़ पाती है.

7. अल्सर में
दूब घास में पाए जाने वाले तमाम तत्वों में एक होता है फ्लेवोनोइड. ये एंटीअल्सर गतिविधि को अंजाम देता है. इसके अलावा ये कोल्ड और मसूड़ों से होने वाले रक्तस्त्राव को कम करने में मदद करती है. ये सांसों से बदबू भी कम करती है.

8. महिलाओं की समस्याओं में
पेशाब में इन्फेक्शन की संभावना पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होती है. महिलाओं के लिए बवासीर और सफेद पानी के स्त्राव की अवस्था में यदि उन्हें दही के साथ दूब घास दिया जाए तो काफी लाभकारी साबित होती है. स्तनपान में वृद्धि के लिए इसमें प्रोलैक्टिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने की क्षमता होती है.

9. सरदर्द में
सरदर्द में दूब घास का फायदा लेने के लिए इसे बेसन के साथ पीसकर इसका पेस्ट तैयार करें और इसका माथे पर लेप लगाएं. आप देखेंगे कि इससे राहत मिलती है.

10 -अधिक सेवन से होने वाले नुकसान --
वास्तव में दूब घास एक औषधी है जिसके कोई गंभीर या विशेष दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है कि इसकी पत्तियों और इससे निकाले गए रस का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका उपभोग करने पर मुंह में झनझनाहट (paraesthesia oral), दांतों का दर्द, त्वचा में जलन और लाल चकते आदि की समस्या हो सकती है। इसलिए आप बहुत ही कम या औषधीय निर्धारित मात्रा में दूब घास का उपभोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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यूरिक एसिड होने के कारण और घरेलु उपचार /Causes of Uric Acid and Home Remedies

यूरिक एसिड होने के कारण और घरेलु उपचार /Causes of Uric Acid and Home Remedies
यूरिक एसिड होने के कारण और घरेलु उपचार



मॉर्डन लाइफस्टाइल में यूरिक एसिड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक गंभीर रोग है, इसके शुरुआती लक्षण जोड़ों में दर्द और शरीर में जकड़न महसूस होती है। अगर इसका उपचार न किया जाए तो गठिया, किडनी स्टोन, डायबिटीज और रक्त विकार जैसी कई परेशानिया बढ़ने लगती हैं। इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।

क्या है यूरिक एसिड 
यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना कम्पाउंड होता है जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड के रूप में प्राप्त होता है। इसकी मात्रा यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन जब शरीर में इस तत्व की मात्रा बढ़ जाती है तो यूरिक एसिड शरीर में जमा होने लगता है। जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। जिससे गठिया रोग होने का डर रहता है।

किन लोगों को होती है यूरिक एसिड की परेशानी 
जब रोग प्रतिरोधक कमजोर होती है तो शरीर बीमारियों को चपेट में बहुत जल्दी आ जाता है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का मुख्य कारण बैलेंस डाइट का अभाव है। जो लोग प्रोटीन युक्त आहार का जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं तो धीरे-धीरे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। इसके अलावा 35 साल की उम्र के लोगो में यह परेशानी ज्यादा देखी जाती है। 

लक्षण 
पैरों-जोड़ों में दर्द
एड़ियों में दर्द
गांठों में सूजन
सोते समय पैर में जकड़न
लगातार बैठने और उठने में एड़ियो में दर्द
शूगर लेवल का बढ़ना

क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज 

यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने के लिए परहेज सबसे ज्यादा जरूरी है। हाई प्रोटीन आहार को ज्यादा मात्रा में सेवन करने से यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ने लगती है। खान-पान में परहेज करने से इस परेशानी से राहत पाई जा सकती है।

न खाएं ये आहार 
1. दही 
दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, दाल और पालक बंद कर दें। इनमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है।

2. दाल चावल 
रात को सोते समय दूध या दाल का सेवन करना हानिकारक है। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। छिलके वाली दालों से पूरी तरह परहेज करें। 

3. नॉन वेज 
नॉन वेज खाने के शौकीन है तो मीट, अंडा, मछली का सेवन तुरंत बंद करें। इसे खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है।

4. बेकरी फूड्स 
बेकरी फूड जैसे कि पेस्ट्री, केक, पैनकेक, क्रीम बिस्कुट इत्यादि ना खाएं। ट्रांस फैट से भरपूर खाना यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है।

5. खाने के बाद पानी 
पानी पीने के नियम भी जरूर फॉलो करना चाहिए। खाना खाते समय पानी ना पीएं, पानी खाने से डेढ़ घंटे पहले या बाद में ही पीना चाहिए।

6. सोया मिल्क 
यूरिक एसिड की परेशानी से बचने के लिए सोया मिल्क, जंक फूड,चटपटे खाद्य पदार्थ, ठंडा पेय, तली-भूनी चीजें न खाएं।


7. शराब और अल्कोहल 
शराब, कैफीन, अल्कोहल, धूम्रपान जैसे पदार्थों का सेवन ना करें। इन चीजों से यूरिक एसिड बढ़ जाता है। इनमें यीस्ट होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।

यूरिक एसिड में खाएं ये चीजें

1. सेब का सिरका 
सेब का सिरका शरीर में ब्लड के पीएच वॉल्यूम को बढ़ाकर यूरिक ऐसिड को कम करने में मदद करता है।

2. छोटी इलायची 
रात को सोने से पहले 2 हरी छोटी इलायची 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ खाएं।

3. प्याज 
प्याज शरीर में मेटाबॉलिज्म और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाता है। जब इन दोनों की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है तो यूरिक एसिड लेवल कंट्रोल हो जाएगा।

4. पानी का सेवन 
शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा को निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, ज्यादा पानी ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी अच्छा होता है।
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सीने की जलन को दूर करने के घरेलु उपाय /Home remedies to remove chest burns

सीने की जलन को दूर करने के घरेलु उपाय /Home remedies to remove chest burns
सीने की जलन को दूर करने के घरेलु उपाय


हृदय में जलन : एसिडिटी होने पर लोग इसे छोटी-सी परेशानी समझते हैं। किसी दवाई या चूर्ण का सेवन करने से इससे राहत तो मिल जाती है लेकिन बार-बार ऐसा करना सेहत के साथ खिलवाड़ हो सकता है, यह गैस्ट्रोइसोफैगल रिफ्लक्स डिसीज (जीईआरडी) की शुरुआत भी हो सकती है। इससे खाना पचाने में परेशानी होती है, जिससे सीने में जलन होने लगती है। ठीक तरह से इलाज न करवाने पर सीने में जलन की समस्या बार-बार होती है। पर अगर लगातार कुछ दिनों तक घरेलू तरीके अपना कर इससे जल्द आराम पा सकते हैं।


एसिडिटी के कारण 
नियमित समय पर खाना न खाना
मोटापा .
पेट पर दवाब पड़ता .
खाना खाने के तुरंत बाद सो जाना .
मसालेदार भोजन .
खट्टे फलों का सेवन .
तनाव .
दवाइयों का अधिक सेवन .

सीने की जलन के घरेलू नुस्खे .

1. सेब का सिरका .
1 चम्मच सेब का सिरका और 1 चम्मच शहद को आधा गिलास पानी में मिलाकर पीएं।

2. दूध
रात को सोने से पहले बिना चीनी 1 गिलास दूध का सेवन करें।

3. पीली सरसों
लस्सी में चुटकी भर सरसों का पाउडर डालकर पीएं।

4. एलोवेरा का जूस
खाना खाने से आधा घंटा पहले एलोवेरा के जूस का पीएं।

5. सेब

रोजाना 1 सेब का जरूर खाएं, इससे सीने की जलन से आराम मिलता है।
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बवासीर को दूर करने के घरेलु उपाय /Home Remedies for Removing piles

बवासीर को दूर करने के घरेलु उपाय /Home Remedies for Removing piles
बवासीर को दूर करने के घरेलु उपाय


बवासीर यानि पाइल्स की बीमारी बहुत दर्दनाक है। बवासीर की परेशानी बढ़ जाने पर उठना- बैठना भी मुश्किल हो जाता है। इससे जल्द आराम पाने के लिए कुछ टिप्स आपके काम आ सकते हैं।

बवासीर के कारण 
- कब्ज
- खराब खान-पान
- खाने में फाइबर की कमी
- लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना
- मानसिक तनाव
- मसालेदार भोजन का सेवन

बवासीर से राहत पाने के उपाय
1. किशमिश को भिगोकर सुबह इसे पीस लें और पानी से साथ खाएं।

2. लस्सी के साथ कच्चा प्याज खाने से फायदा मिलता है। लस्सी की जगह पर दही का सेवन भी कर सकते हैं।

3. मूली का सलाद या इसके रस का सेवन जल्द आराम दिलाता है। इससे बहुत जल्दी आराम मिलता है।

4. काले तिल का ताजा मक्खन के साथ सेवन करें। मक्खन का सेवन बवासीन में लाभकारी है।


5.इलायची को भून कर पीस लें और इसका चूर्ण पानी के साथ खाएं।
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गुड़हल के औषधीय फायदे / medical properties of Hibiscus

गुड़हल के औषधीय फायदे / medical properties of Hibiscus
गुड़हल के औषधीय फायदे:



गुड़हल या जवाकुसुम इसका वनस्पतिक नाम है- हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस। (Hibiscus plant) गुड़हल का पौधा वैसे तो एक आम सा पौधा होता है। लेकिन यदि इसके गुणों को देखा जाये तो वह बहुत ही खास होते है और स्वास्थ्य के खजाने से भरे पड़े है। गुड़हल के पेड़ पर लगने वाला फूल बहुत ही गुणकारी और लाभदायक होता है |लेकिन हम ये भी जानते है की कोई भी चीज लाभदायक और हानिकारक दोनों ही होती है इसी प्रकार इस फूल के बहुत सारे लाभ है तो कुछ हानि भी है जिसके बारे में चलिए जानते है।  

भारत में गुड़हल के फूल का बहुत महत्व है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, गुड़हल यह कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद है। आइए गुड़हल के फायदों के बारे में जानते हैं।

1 - कोलेस्ट्रॉल को घटाता है। 

गुडहल की पत्ती से बनी चाय एलडीएल कोलेस्टेरॉल को कम करने में काफी प्रभावी है इसमें पाए जाने वाले तत्व अर्टरी में ब्लॉक को जमने से रोकते हैं जिससे कोलेस्टेरॉल का स्तर कम होता है। गुड़हल के फूलों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। इसके लिए इसके फूलों को गरम पानी में उबालकर पीना फायदेमंद होता है। और आप इसकी पत्तियों से बनी चाय का सेवन भी कर सकते है ।

2 - गुड़हल के फायदे  मधुमेह या डायबिटीज में 
मधुमेह या डायबिटीज के लिए नियमित आप इसकी पत्तियों का सेवन शुरू कर दे ये आपकी डाइबिटीज का शर्तिया इलाज है। 
3 - गुड़हल  पाउडर किडनी स्टोन के लिए  

अगर आपको किडनी की समस्या है तो आप गुडहल की पत्ती से बनी चाय का सेवन करे इस के उपयोग से किडनी स्टोन की समस्या में लाभ मिलेगा। इसी चाय का लाभ डिप्रेसन के लिए भी होता है।

4 - गाल ब्लैडर स्टोन निकालने के लिए गुडहल के पाउडर के फायदे

गुडहल का पाउडर एक चम्मच रात को सोते समय खाना खाने के कम से कम एक डेढ़ घंटा बाद गर्म पानी के साथ फांक लीजिये. ये थोडा कड़वा होता है मगर ये इतना भी कड़वा नहीं होता के आप इसको खा ना सकें. इसको खाना बिलकुल आसान है. इसके बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है|

5 - गुड़हल के फायदे  मेमोरी पावर को बढ़ाने मे

गुड़हल का शर्बत  दिल और दिमाग को शक्ति प्रदान करता है तथा ये आपकी मेमोरी पावर को बढ़ाता है जो लोग बढ़ते उम्र के साथ मेमोरी लॉस होने की समस्या से परेशान है और जब कम उम्र में याददाश्त कमजोर होने लगे तो गुड़हल इस समस्या को दूर करने में भी बहुत ही कारगर है गुड़हल की 100 पत्तियां और 100 फूल लें फिर इन्हें सुखाकर और पीसकर उसका पाउडर बना लें और किसी एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें दिन में दो बार दूध के साथ इस पाउडर को लेना से आपकी मेमोरी पावर में काफी इजाफा होता है। 
6 - गुड़हल के फायदे मुंह में छाले ठीक करने में

मुंह में छाले हो गए है तो आप गुडहल के पत्ते चबाये आराम हो जाएगा। लार में वृद्धि और पाचन शक्ति को बनाने और मुँह के छालों के लिए गुड़हल की 1 से 2 पत्तियो को चबाना चाहिए। आपको लाभ होगा।

7 - सर्दी – जुकाम में लाभकारी गुड़हल के फायदे 

गुडहल में अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है जब चाय या अन्य रूपों में इसका सेवन किया जाता है तो यह सर्दी और खांसी के लिए काफी फायदेमंद होता है इससे आपको सर्दी से जल्द राहत मिलेगी।

8 - बालों के लिए गुड़हल के फायदे 

मेथी दाना, गुड़हल और बेर की पत्तियां पीसकर पेस्ट बना लें आप इसे 15 मिनट तक बालों में लगाएं इससे आपके बालों की जड़ें मजबूत और बाल स्वस्थ होंगे।
बालों के झड़ने की समस्या से लगभग हर कोई परेशान है गुड़हल के फूल इस समस्या को दूर करने में बहुत ही कारगर हैं ये न सिर्फ बालों का झड़ना रोकते हैं बल्कि इसके इस्तेमाल से एक अलग ही शाइनिंग बालों में नजर आने लगती है -गुड़हल की 15 -20 पत्तियों को लेकर अच्छे से पीस लें इसे सिर में अच्छे से लगाएं 30 मिनट्स रखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें ये बालो को पोषण देने के साथ ही बालों की ग्रोथ में भी बहुत ही फायदेमंद होता है।
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प्याज के रस को बालो में लगाए और बालो की हर समस्या से 100% पाए छुटकारा, Apply onion juice on hair and get rid of 100% of all problems of hair

  प्याज के रस को बालो में लगाए और बालो की हर समस्या से 100% पाए छुटकारा, Apply onion juice on hair and get rid of 100% of all problems of hair

प्याज के रस को बालो में लगाए और बालो की हर समस्या से 100% पाए छुटकारा 

Apply onion juice on hair and get rid of 100% of all problems of hair 


प्याज का रस  बालों की ग्रोथ के लिए बहुत फायदेमंद होता है बालों में नियमित रूप से प्याज के रस का इस्तेमाल करने से बालों से जुड़ी हर तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। 

प्याज का रस
बालों की ग्रोथ और खूबसूरती के लिए प्याज का रस बहुत फायदेमंद होता है प्याज के रस से न केवल बालों की जड़ें मजबूत होती हैं बल्क‍ि बालों में चमक भी आती है प्याज के रस को आप बाल के हर हिस्से में लगा सकते हैं. 

प्याज का रस लगाकर बालों को 30 मिनट के लिए यूं ही छोड़ दें. जब बाल पूरी तरह सूख जाएं तब उन्हें  पानी से धो लें. प्याज की गंध दूर करने के लिए किसी माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करें या फिर बेबी शैंपू का प्रयोग करें प्याज के रस का इस्तेमाल करके आप लंबे, काले और घने बाल पा सकते हैं तो चलिए जानते है कैसे। 

1 - प्याज के रस को नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाना फायदेमंद होता है, नारियल तेल में प्याज का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं. इससे बाल तो जल्दी बढ़ेंगे ही साथ ही बालों में चमक भी आएगी यह बहुत ही उपयोगी और आजमाया हुआ नुक्सा है और 100 % रिजल्ट भी देता है। 

आप सुरु में इसे हप्ते में 2 बार और फिर जब आप को फायदा दिखाई देने लगे तो हप्ते में 1 बार इस्तेमाल करे कुछ वीक में आप को रिजल्ट मिलाना सुरु हो जायेगा और बालो की हर समस्या दूर हो जाएगी। 

2 - बालों की सेहत के लिए शहद का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद है. प्याज के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर उसे अच्छी तरह फेंट लें. इस पेस्ट को बालों की जड़ों में लगाएं. इससे बालों की ग्रोथ तो अच्छी होगी ही साथ ही उन्हें आवश्यक पोषण भी मिलेगा.


3 - अगर आप चाहें तो प्याज के रस का इस्तेमाल इसमें बिना कुछ मिलाए भी कर सकते हैं. प्याज का रस निकाल लें और इससे बालों में मसाज कीजिए. कुछ देर तक मसाज करने के बाद प्याज के रस को सूखने के लिए छोड़ दें. जब ये सूख जाए तो किसी अच्छे हर्बल शैंपू से बाल धो लीजिए. 
इस तरह आप अपने बालो की हर समस्या से छुटकारा पा सकते है अगर बालो में किसी तरह की प्रोब्लेम्स है तो आप एक बार प्याज के रस को जरूर आजमाए।
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दूधी घास के फायदे / Benefits of milk hedge

दूधी घास के फायदे / Benefits of milk hedge

दूधी घास के फायदे 





मै आपको एक ऐसे चमत्कारी पौधे के बारे में बताने जा रहा हूँ जो आपके आस पास ही पाया जाता है। यह किसी भी स्थान पर उग आता है इसे दूधी या दूधिया घास के नाम से भी जाना जाता है। कहीं- कहीं पर इसे नागार्जुनीभी कहा जाता है। यह पौधा दो प्रकार का होता है एक जिसे छोटी दूधिया घास कहते है इसके पत्ते छोटे होते है और यह हल्के लाल रंग का होता है। इसके फूल भी लाल रंग के होते है। दूसरी जिसके पत्ते बड़े होते है और हरे रंग के होते है इनके पत्तों पर हल्की लाली पन पायी जाती है। छोटी दूधिया घास और बड़ी दूधिया घास लगभग सामान होती है।
तो चलिए इसके फायदे के बारे में जानते है --

1 - यह पौधा इतना चमत्कारी है कि बांझपन, नपुंसकता और शीघ्रपतन सहित कई बीमारियों को ख़त्म कर देता है। इस पौधे के इतने गुण है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। 

2 - अतिसार, पेचिस व् पेट की समस्या के लिए के लिए ये संजीवनी के सामान है जिनको अतिसार की समस्या है वो 10 ग्राम दूधिया घास को पीसकर सुबह शाम पानी के साथ पीने से अतिसार में लाभ मिलेगा तथा आंते स्वस्थ रहेंगी। अतिसार में इसका प्रयोग अत्यंत कारगर है यदि यह ताज़ी न मिले तो सुखाकर पाउडर बना के एक चम्मच लेने से अतिसार दूर हो जायेंगा। यदि किसी को पेचिश आ रही हो तो उसे दूधिया घास के पाउडर में फिटकरी मिला पिलाने से लाभ मिलता है। 

3 - जिन्हें नकसीर की शिकायत हो या नाक से खून बहता हो उनके लिए यह पौधा बहुत फायेदेमंद है। इसके लिए दूधिया घास के पाउडर में मिश्री मिला कर सेवन करने से यह समस्या दूर हो जायेंगी। 

4 - जिस व्यक्ति को नपुंसकता और शीघ्रपतन की शिकायत हो उन्हें 100 ग्राम दूधिया घास के पाउडर में बराबर मात्रा में मिश्री मिला कर सुबह शाम एक -एक चम्मच सेवन करने से लाभ मिलता है। इससे कमजोरी और धातु जन्य रोग दूर होते है। शुगर के मरीज इसमे मिश्री न डालकर भी खा सकते है। 

5- दूधिया घास के पाउडर को सुबह शाम सेवन करने से पेट के कीड़े निकल जाते है। जिनके बाल झड रहे हो उनको दूधिया घास के पत्तों का रस और कनेर के पत्तों का रस मिला कर बालो की जड़ो में लगाने से बालो का झड़ना बंद कर देगा।  

6 - जिन महिलाओं के बच्चा नहीं हो रहा (बांझपन) है डॉक्टर की सभी रिपोर्ट सही है वो दूधिया घास के पाउडर का सेवन सुबह शाम करे इससे गर्भधारण की क्षमता बढ़ेगी। 

7 - जिनको खांसी की शिकायत है उनके लिए दूधिया घास रामबाण है। इसके लिए दूधिया घास के पाउडर में तुलसी ,काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से खासी बिलकुल बंद हो जायेगी। 

8 - जिनके चेहरे पर कील मुहासे है उनको दूधिया घास का दूध लगाने से फायेदा होगा
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चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज /Chirchita - Treatment of Diseases from Apparaga

 चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज /Chirchita - Treatment of Diseases from Apparaga

चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज 



अपामार्ग का पौधा (Apamarga Tree) भारत के समस्त शुष्क स्थानों पर उत्पन्न होता है। इसकी ऊंचाई सामान्यतया 2 से 4 फुट होती है। लाल और सफेद दो प्रकार के अपामार्ग (Apamarg) आमतौर पर देखने को मिलते हैं।

सफेद अपामार्ग (Safed Apamarg) के डंठल व पत्ते हरे रंग के, भूरे और सफेद रंग के दाग युक्त होते हैं। इसके अलावा फल चपटे होते हैं, जबकि लाल अपामार्ग का डंठल लाल रंग का और पत्तों पर लाल-लाल रंग के दाग होते हैं। फल चपटे और कुछ गोल होते हैं। इस पर बीज नोकीले कांटे के समान लगते हैं। दोनों प्रकार के अपामार्ग के गुणों में समानता होती है। फिर भी सफेद अपामार्ग श्रेष्ठ माना जाता है। 

विभिन्न भाषाओं अपामार्ग के में नाम

संस्कृत (Apamarg In Sanskrit)- अपामार्ग।
हिंदी (Apamarg In Hindi) – चिरचिटा।
मराठी (Apamarg In Marathi) – अघाड़ा।
गुजराती (Apamarg In Gujrati)- अधेड़ों।
बंगाली (Apamarg In Bengali)- अपांग।
अंग्रेजी (Apamarg In English)- प्रिकली चाफ फ्लावर (Prickly Chalfflower)।
लैटिन (Apamarg In Latin) -एचिरेन्थस ऐस्पेरा (Achyranthes Aspera) |

अपामार्ग के औषधीय गुण Apamarg Ke Gun
आयुर्वेदिक मतानुसार अपामार्ग तिक्त, कटु, तीक्ष्ण, गर्म प्रकृति, होता है। यह dard नाशक, विष, कृमि व पथरी नाशक,रक्तशोधक, ज्वर, श्वास रोग नाशक, सुखपूर्वक प्रसव हेतु एवं गर्भधारण में उपयोगी है।

वैज्ञानिक मतानुसार अपामार्ग के किए गए रासायनिक विश्लेषण से इसमें 30 प्रतिशत पोटाश क्षार, 13 प्रतिशत चूना, 7 प्रतिशत सोरा क्षार, 4 प्रतिशत लोहा, 2 प्रतिशत नमक एवं 2 प्रतिशत गंधक पाया गया है। पत्तों की अपेक्षा जड़ की राख में ये तत्व अधिकता से मिलते हैं।

चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज 

1 -  विषैले जीवों के काटने पर 

जानवरों के काटने व सांप, बिच्छू, जहरीले कीड़ों के काटे स्थान पर अपामार्ग के पत्तों का ताजा रस लगाने और पत्तों का रस 2 चम्मच की मात्रा में 2 बार पिलाने से विष का असर तुरन्त घट जाता है और जलन, दर्द में आराम मिलता है। पत्तों की पिसी हुई लुगदी को दंश के स्थान पर पट्टी से बांध देने से सूजन नहीं आती और वेदना दूर हो जाती है। सूजन चढ़ चुकी हो, तो शीघ्र ही उतर जाती है।

2 -  दांत रोग के इलाज में Daant Rog Ke Upchaar Me

अपामार्ग के फूलों की मंजरी को पीसकर नियमित रूप से दांतों पर मलकर मंजन करने से दांत मजबूत होते जाते हैं। पत्तों के रस को दुखते दांतों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है। तने या जड़ की दातौन करने से भी दांत मजबूत होते एवं मुंह की दुर्गन्ध नष्ट होती है।

3 -  स्वप्नदोष को ठीक करने के लिए Swapndosh Ke Gharelu Upchar Me

आयुर्वेद में पुरुषों के रोगों के उपचार में भी इसका प्रयग किया जाता है | अपामार्ग की जड़ का चूर्ण और मिश्री बराबर की मात्रा में पीसकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में दिन में २ बार दो हफ्ते तक सेवन करें तो फायदा होगा |

4 -  मुंह के छाले में आराम Muh Ke Chhale Ke Upchar

मुह के छालों अपामार्ग से फायदा होता है | इसके लिए अपामार्ग के पत्तों का रस छालों पर लगाएं तो इसमें आराम मिलता है | 

5 -  शीघ्रपतन के इलाज में 

अपामार्ग की जड़ को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। इसका चूर्ण बनाकर 1 चम्मच की मात्रा में लेकर एक चम्मच शहद मिला लें। इसे एक कप ठंडे दूध के साथ नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक सेवन करने से लाभ मिलता है।
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बबूल के गोंद को खाने के फायदे / Benefits of eating acacia gum

बबूल के गोंद को खाने के फायदे / Benefits of eating acacia gum
बबूल के गोंद को खाने के फायदे / Benefits of eating acacia gum




बबूल के तने या टहनी में कहीं पर भी काट देने या चीरा लगाने से जो पदार्थ निकलता है और सूखने पर यह भूरे रंग का कड़ा पदार्थ बन जाता है उसे गोंद कहते है। यह शीतल, पौष्टिक और औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है इसीलिए इसका उपयोग कई दवाइयों को बनाने में भी किया जाता है। गोंद में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, चीनी और नमी पाई जाती है। बबूल के गोंद को अंग्रेज़ी में Acacia Gum कहते हैं। आज मैं आपको बबूल के गोंद के फायदे के बारे में बताऊंगा। 

Babul Ke Gond Ke Fayde – Acacia Gum Benefits

बबूल का गोंद पौष्टिक होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है इसीलिए यह खांसी, लिकोरिया, पेचिश, मूत्राघात, मूत्रकृच्छ आदि में बहुत उपयोगी होता है। यह सीने के दर्द को समाप्त करता है। इसका सेवन हड्डियों, आंतो और अमाशय को मज़बूत बनाता है। यह जलन को दूर करने वाला, घाव को भरने वाला, रक्त का शोधन करने वाला है।
 तो चलिए इसके सेवन से होने वाले कुछ फायदे के बारे में जानते है 

1. मासिक धर्म
मासिक धर्म की पीड़ा या दर्द से परेशान महिलाएं 150 ग्राम बबूल का गोंद कढ़ाही में भूनकर पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें। फिर रोज़ाना 15 दिन तक 10 ग्राम की मात्रा में गोंद के चूर्ण को मिश्री के साथ सेवन करें। इससे मासिक धर्म का दर्द कम हो जाता है और मासिक धर्म नियमित रूप से और समय से आने लगता है।

तो चलिए जानते है की बबुल के गोंद का सेवन महिलाओ को कैसे करना चाहिए इसको बनाने के लिए बबुल का गोंद २५० ग्राम, मेथी ५०० ग्राम, हल्दी १०० ग्राम, बादाम, काजू किसमिस, चिरौंजी, २५० ग्राम, तीखुर ५०० ग्राम जो की आप को आयुर्वेद की दुकान पे मिल जाएगी इन सबको मिलाके पीस ले और गाय के दूध में मिलाके सेवन करे महिलाओ को कमजोरी कमर दर्द से लेकर हर समस्या से छुटकारा मिल जायेगा। 

2. मुंह के छाले

मुंह में छाले होने पर थोड़ा गोंद का टुकड़ा मुंह में डालकर चूसें। इससे मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।

3. मधुमेह रोग

रोज़ाना दिन में 3 बार 4 ग्राम बबूल के गोंद का चूर्ण पानी के साथ या गाय के दूध के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग में लाभ मिलता है।

5. खांसी
थोड़ा बबूल का गोंद मुंह में रखकर धीरे धीरे चूसने से खांसी ठीक हो जाती है।

6. आमाशय का घाव

बबूल का गोंद पानी में घोलकर पीने से आमाशय और आंतों का घाव ठीक हो जाता है। साथ ही इसके सेवन से अमाशय और आंत भी मज़बूत होती है।

7. प्रसव से हुई कमज़ोरी

महिलाओं के लिए गोंद का सेवन बहुत ही फ़ायदेमंद है। यह बच्चा जन्म देने वाली माँ को बच्चा पैदा होने के बाद शारीरिक कमज़ोरी को दूर करने के लिए खिलाया जाता है।

8. लू से बचाव

गर्मियों के मौसम में थोड़े से गोंद को पानी में घोलकर पिएं तो आप लू से बचे रहेंगे।

9. मूत्र रोग

पेशाब में जलन होना या पेशाब रुक रुक कर आने में गोंद का नियमित रूप से सेवन बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है।

10. वीर्य की कमी

पुरुषों के लिए बबूल का गोंद बहुत ही फ़ायदेमंद है, इसके सेवन से वीर्य की कमी की समस्या दूर होती है और पौरुष बढ़ता है।
बबूल के गोंद के सेवन से शरीर में चुस्ती, फुर्ती और ताज़गी बनी रहती है।
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गेंदे का फूल ( marigold benefits ) स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हर्ब होता है जाने कैसे / Marigold benefits are beneficial herbs for health, how to know

गेंदे का फूल ( marigold benefits ) स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हर्ब होता है जाने कैसे / Marigold benefits are beneficial herbs for health, how to know
गेंदे का फूल ( marigold benefits ) स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हर्ब होता है जाने कैसे 



गेंदे का फूल  एक खूबसूरत फूल होता है। भारतीय घरों में इसका इस्तेमाल पूजा और घर को सजाने के लिए किया जाता है। गेदें का फूल सिर्फ साज-सज्जा के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। गेंदा दरअसल एक हर्ब होता है जिसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण होते हैं। गेदें के औषधिय गुणों के कारण इसे शरीर के लिए एक बेहद लाभकारी औषधी माना जाता है। आइए जानते हैं कि गेंदा स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभकारी होता है। 

1 - बवासीर के रोगी को यदि गेंदा की पत्तियों का रस, काली मिर्च और नमक का घोल पिलाया जाए तो आराम मिल जाता है।

2 - जिन पुरुषों को स्पर्मेटोरिया (पेशाब और मल करते समय वीर्य जाने की शिकायत) हो उन्हे गेंदे के फूलों का रस पीना चाहिए।
नपुंसकता

मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए गेंदे के फूलों को सुखाकर इनके बीज निकाल लें। फिर इन बीज में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर खाए। इससे नपुंसकता दूर होती है।

3 -  दर्द को कम करता है-

गेंदे का इस्तेमाल दर्द को कम करने के लिए लाभकारी होता है।
रक्त संचरण सही ना होने के कारण भी शरीर के अंगों में दर्द होने लगता है। गेंदे में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होने के साथ-साथ यह रक्त संचरण को बढ़ाने में मदद करता है। गेंदे का सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे शरीर के अंगों का दर्द कम होता है। किसी भी तरह के कट या घाव को तेजी से भरने के लिए भी गेंदा फायदेमंद होता है।

4 - बीमारियों से रक्षा करता है- 

गेदें में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेंट्री, ड्यूरेटिक और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। गेंदा का उपयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

5 - उम्र पढ़ने के साथ व्यक्ति की त्वचा की कोशिकाएं कमजोर होने लगाती है तथा नई कोशिकाएं कम बनती है जिससे की त्वचा लटकने लगाती है इसका सबसे ज्यादा असर चहरे की त्वचा पर दिखाई देता है गेंदे के फूल का क्रीम या तेल त्वचा पर लगाने से छुर्रिया ख़त्म हो जाती है गेंदे के फूलो में फायटोकॉंस्टीटूएंट्स ( phytoconstituents ) होता है जो एंटी एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करता है और ये नई कोशिकाओं के निर्माण में अहम् भूमिका निभाता है जिससे की झुर्रियों से छुटकारा मिलता है। 

6 -  कान के दर्द और सूजन को कम करता है- 
अगर कान में दर्द है तो गेंदे के पत्तो का रस कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है। गेंदे के फूल को मिस्त्री के साथ खाने से दमा खासी की समस्या दूर होती है अगर शरीर के किसी हिस्से में सूजन आ गई हो तो इसकी पंखुड़ियों को पीस कर सूजन पर लगाने से सूजन ख़त्म हो जाती है। 
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शिलाजीत क्या है ? शिलाजीत खाने के क्या फायदे है। /What is shilajit? What are the advantages of eating Shilajit?

शिलाजीत क्या है ? शिलाजीत खाने के क्या फायदे है। /What is shilajit? What are the advantages of eating Shilajit?
शिलाजीत क्या है ? शिलाजीत खाने के क्या फायदे है। 



आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति शिला अर्थात पत्थर से हुई है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की प्रखर किरणों के ताप से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघलने से जो एक प्रकार का स्राव होता है, उसे शिलाजतु या शिलाजीत कहा गया है।

1 - स्वाद में शिलाजीत काफी कड़वा, कसैला, उष्ण और वीर्य पोषण करने वाला होता है। देखने में यह तारकोल की तरह बेहद काला और गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है।
2- शिलाजीत चार प्रकार का होता है स्वर्ण,रजत, ताम्रा, तथा लौह प्रतेक प्रकार के शिलाजीत का गुण और धर्म अलग - अलग होता है।  शरीर की ताकत को बनाये रखने और जवान बने रहने के लिए शिलाजीत का उपयोग किया जाता है।  

3 - मधुमेह, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए शिलाजीत का प्रयोग उत्तम माना जाता है। इसके अलावा वृद्धावस्था में आने वाली शारीरिक कमियों और अन्य व्याधियों से मुक्ति पाने के लिए शिलाजीत सहायक साबित होता है।

4 - मानसिक तौर पर मजबूती प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन एक चम्मच मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करना लाभ दायक होता है। इससे आपको दिमागी थकावट से मुक्ति मिलेगी।

5 - शीघ्र पतन की समस्या

वे लोग जिन्हें शीघ्र पतन की समस्या का सामना करना पड़ता है उनके लिए शिलाजीत एक वरदान साबित हो सकता है। बीस ग्राम शिलाजीत और बीस ग्राम बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म और छः ग्राम अभ्रक भस्म घोटकर दो-दो रत्ती की गोलियां बना लें। सुबह के समय एक गोली को मिश्री मिले दूध के साथ लें, इससे आपको अप्रत्याशित लाभ मिलेगा। या फिर आप आयुर्वेद की दुकान से शिलाजीत सिरप या शिलाजीत का कैप्सूल भी ले सकते है।  

6 - वर्जित पदार्थ
शिलाजीत के सेवन के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जिन लोगों के शरीर में पित्त का प्रकोप होता है उन्हें शिलाजीत के सेवन से बचना चाहिए। जब तक आप शिलाजीत का सेवन कर रहे हैं तब तक मिर्च-मसाले, खटाई, नॉन वेज और शराब आदि के सेवन से बचना चाहिए।
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चुकंदर ( beet ) खाने के फायदे /Benefits of eating beet

चुकंदर ( beet ) खाने के फायदे /Benefits of eating beet
चुकंदर ( beet ) खाने के फायदे 


बच्चो का दिमाग करे तेज,बाल उगाये,खून की कमी,दांत दर्द,हार्ट की समस्या को दूर करता है चुकंदर 

बच्चों के दिमाग को तेज करता है चुकंदर-

बच्चों को सलाद में चुकंदर खिलाना चाहिए और इसका गुनगना रस पिलाना चाहिए ऐसा करने से बच्चों का दिमाग तेज होता है.

बालों को घना करता है चुकंदर-

सिर के बालों को उगाने के लिए चुकंदर का प्रयोग करें. इसके अलावा चुकंदर के पत्तों का रस दिन में 3-4 बार गंजे स्थान पर मालिश करते है तो उड़े हुए बाल फिर से उगने लगेंगे. रोज चुकंदर और आंवले का ताजा रस मिलाकर सिर की मालिश करने पर भी फायदा मिलता है.

चुकंदर खून की कमी को दूर करता है-

शरीर में अगर खून की कमी हो, हीमोग्लोबिन कम हो जाता है तो ऐसे लोगों को चुकंदर का सलाद खाने की सलाह दी जाती है. चुकंदर लिवर को शोधित करता है जिस से खून बनने की प्रक्रिया तेज होती है चुकंदर के सलाद को नींबू और गर्म मसाला छिड़ककर खाना चाहिए.

बच्चों के दांत दर्द की रामबाण औषधि है चुकंदर-

दांत दर्द हो या मसूड़ों में सूजन हो चुकंदर को कूटकर उसका रस निकालें. चुकंदर के रस को मुंह में रखकर दांतों के चारों ओर घुमाएं और कुल्ला करें. कीड़े वाले दांतों का दर्द दूर होता है और सूजन भी तुरंत कम होती है.

माइग्रेन का दर्द

अगर सिर में माइग्रेन का दर्द हो तो चुकंदर का रस निकालकर हल्का गर्म करके नाक में अंदर टपका दें. ऐसा करने से तुरंत लाभ होता है.

दिल को रखे निरोग-

चुकंदर से डायबिटीज और एनीमिया में ही फायदे नहीं मिलते, बल्कि यह दिल को स्वस्थ रखने में भी ये मदद करता है. चुकंदर के जूस से दिल के रोगियों की व्यायाम करने की क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है और ह्रदय मजबूत होता है। 
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वियाग्रा का बाप है कौंच के बीज father of Viagra cauch beej

वियाग्रा का बाप है कौंच के बीज father of Viagra cauch beej
वियाग्रा का बाप है कौंच के बीज


आज कल की लाइफ भागदौड़ और तनाव से भरी हुई है, अनियमित खानपान के कारण पुरुषों के शरीर में कमजोरी बढती जा रही है और पुरुष नपुंसकता, स्वप्नदोष और धातु दोष से ग्रस्त होते जा रहे है, दरअसल शरीर में पौषक तत्वों की कमी के कारण पुरुषों के सेक्स होर्मोन अस्वस्थ हो जाते है जिससे सेक्स के प्रति उदासीनता आरंभ हो जाती है. धीरे - धीरे ये समस्या बढती जाती है और अनेक गुप्त रोगों को जन्म देती है. लेकिन आज मैं आपको कौंच के बीजों के कुछ ऐसे उपयोग बताऊंगा जो हर गुप्त रोग को दूर करता है। 

कौंच के बीजों का कैसे प्रयोग करे --

1 - कौंच के सूखे हुए बीजों को दूध में उबाल लें और इनके ऊपर का छिलका हटा दें. इसके बाद आप इन बीजों को धुप में सूखने के लिए रख दें और सूखने पर इन्हें पीसकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें. इस चूर्ण की 5 ग्राम की मात्रा को आप दूध व मिश्री के साथ दिन में 2 बार मतलब सुबह शाम लें. ये प्रयोग लिंग में आये ढीलापन और शीघ्रपतन की समस्या से निजात दिलाता है.
                          
2 - बराबर मात्रा में कौंच के बीज, सफ़ेद मुसली और अश्वगंधा लें. इन्हें भी सुखा लें और पीसकर चूर्ण तैयार करें. अब तीनों को सामान मात्रा में मिलाएं. आप इसमें मिश्रण की आधी मात्रा के जितनी मिश्री भी मिला लें और रोजाना 1 चम्मच दूध में मिलाकर पियें. ये दूध हर तरह के सेक्स रोगों को दूर करने में उत्तम माना जाता है.


कौंच के बीजों के अन्य लाभ --

तनाव दूर करें --

कौंच का बीज यौन ग्रंथियों को मजबूती प्रदान करने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा ये तंत्रिका तंत्र के लिए एक विशेष पौषक तत्व के रूप में कार्य भी करते है इसीलिए कौंच के बीज तनाव और चिंता को दूर करने में सहायक होते है. दरअसल ये बीज एक मानसिक टोनिक के सामान है.

 कोलेस्ट्रॉल कम करे --

आज असंख्य लोग अपने बढे हुए कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल से परेशान है और तरह तरह की दवाओं का सेवन करते है. उन दवाओं के स्थान पर अगर कौंच के बीजों का प्रयोग किया जाए तो आपको शीघ्र ही शुगर व कोलेस्ट्रॉल से निजात मिलेगी.

तंत्रिका तंत्र के रोग दूर करे --

कौंच के बीज तंत्रिका तंत्र के लिए विशेष पौषक तत्व है इसीलिए ये तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित हर परेशानी और रोग को दूर करने की एक विशेष दवा की तरह है.

कौंच के बीजों के गुण --

कौंच के बीज शरीर में वीर्य की वृद्धि करते है, वात पित्त कफ का नाश करते है, शरीर को पुष्ट बनाकर बल में वृद्धि करते है.
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शुगर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, किडनी, भिंडी इन बीमारियों की है रामबाण दवा /Lady finger _ Sugar, Cholesterol, Asthma, Kidney, Vindi are the diseases of Ramaban medicine

शुगर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, किडनी, भिंडी इन बीमारियों की है रामबाण दवा /Lady finger _ Sugar, Cholesterol, Asthma, Kidney, Vindi are the diseases of Ramaban medicine
शुगर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, किडनी, भिंडी इन बीमारियों की है रामबाण दवा 


भिंडी की सब्जी तो सभी कहते है और ज्यादा करके लोगो को पसंद भी होती है, पर जीतनी भिंडी गुणकारी होती है उतना ही भिंडी का पानी भी होता है। अगर अपने सुना है तो चलिए मैं आज आपको  बताता हूँ। जैसे भिंडी खाने के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं, ठीक वैसे ही आपकी सेहत के लिए भिंडी का पानी भी बहुत लाभदायक होता है। सबसे पहले हम आपको बताते है कि कैसे आप भिंडी का पानी तैयार करें...

इसके लिए आप ४ - ५  मीडियम साइज की भिंडी लेकर इनके किनारे काट लें। अब आप इन्हें बीच से काट लें। इसके बाद इन्हें एक कटोरी पानी में भिगो दें। इसे रात भर ऐसे ही रहने दें।  सुबह उठकर भिंडी केे टुकड़ों को निचोड़ कर निकाल लें। अब आप इस पानी में थोड़ा सादा पानी मिलाए जिससे कि यह करीब एक गिलास हो जाए। ध्यान रखें सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। 

आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदे...

1 - आपको बता दें, एक गिलास भिंडी के रस में 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 80 माइक्रोग्राम फोलेट, 3 ग्राम फाइबर और 2 ग्राम प्रोटीन होता है। इसके अलावा यह अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह हमारी इम्मून पावर को बढ़ाने में भी मदद करता है।

2 - शुगर के मरीजों के लिए यह पानी किसी वरदान से कम नहीं है। अगर शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए दवाईयों का सहारा लेते हैं तो अब आप घर बैठे ही इस समस्या का इलाज भिंडी के इस पानी  से कर सकते हैं, वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के। 

3 - भिंडी का पानी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है। तो अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही यह किडनी की बीमारी में भी फायदेमंद होता है। --- आप इस नुस्खे को आजमाने का सोच रहे हैं तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय
चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय


चेहरे को साफ करने के लिए या चेहरे का कालापन दूर करने के लिए महिलाओं और पुरुषों द्वारा कई तरह के प्रयास किया जाता है। कई लोग बाजार में बिक रहे प्रोडक्ट पर विश्वास करते हैं, तो कई लोग घरेलू उपाय अपनाकर अपने चेहरे को गोरा करने का प्रयास करते हैं। चमकदार चेहरे की रंगत को बरकरार रखने के लिए काले धब्बों को आसानी से दूर किया जा सकता है।

दही, क्रीम और केसर

इसके अलावा आप चेहरे पर चमक और कालेपन को दूर करने के लिए दही और क्रीम में थोड़ा-सा केसर मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे चेहरे पर लगाएं। केसर के इस फेसपैक से चेहरे की रंगत साफ और चमकदार बनती है।

आलू क्यों है चेहरे के लिए गुणकारी

काले धब्बे के लिए आलू घरेलू उपचार है। इसके अंदर कुदरती ब्लीचिंग गुण है, जो चेहरे पर निखार लाते है। यह किसी भी तरह के धब्बे, निशान और दाग को दूर करने में सक्षम है। अपने चेहरे के लिए आप तीन तरह से आलू का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहला तरीका

यदि आपके चेहरे पर काले धब्बे है तो उस जगह आलू की स्लाइस लेकर हल्के-हल्के से मसाज करें। फिर कुछ मिनट बाद उसे हटा दें तथा हल्के गर्म पानी से उसे धो लें।

दूसरा तरीका

सबसे पहले आलू को छील लें और उसके बाद पीस लें। पीसे हुए आलू में एक चम्मच शहद मिलाएं फिर इस फेस मास्क को अपने चेहरे पर लगाएं, फिर 15 मिनट बाद आप उसे गुनगुने पानी से धो लें। जल्द ही चेहरे पर कालापन दूर हो जाएगा।

तीसरा तरीका

सबसे पहले एक आलू का जूस बना लें। उसके बाद उसमें नींबू और एक चुटकी हल्दी डालें। फिर इस मिश्रण को आप काले धब्बे पर लगाएं फिर अच्छी तरह से सूखने के बाद धो लें। कुछ हफ्ते बाद चेहरे पर काले धब्बे या कालापन की समस्या दूर हो जाएगा।

पपीता और शहद का फेसपैक

जो व्यक्ति पपीते का नियमित रूप से सेवन करता है, उसकी पाचन शक्ति मजबूत रहती है। लेकिन इसका एक और गुण है। पपीते में मौजूद एंजाइम्स के कारण यह पैक चेहरे के कालेपन को दूर करने में मदद करता है। दूसरी तरह यह शहद त्वचा में नमी प्रदान करता है और उसे मुलायम बनाता है। इसका फेस पैक बनाने के लिए आधा कप पके पपीते को मसलकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और उसे चेहरे पर लगाएं तथा सूखने के बाद पानी से धो लें।

खीरा, गुलाब जल और नींबू के रस का पैक

गर्मी के मौसम में खीरा और नींबू न केवल बॉडी को हाइड्रेट रखता है बल्कि इससे त्वचा को भी निखारा जा सकता है। त्वचा के कालेपन को दूर करने के लिए खीरा और नींबू बेहतरीन है। नींबू त्वचा की रंगत को हल्का करता है, जबकि खीरा और गुलाब जल त्वचा को ठंडक प्रदान करते हैं। इन तीनों का मिश्रण तैयार कर लें और उसे त्वचा पर लगाएं। 10 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें। अच्छे परिणाम के लिए इस मिश्रण को नियमित रूप से लगाएं, जल्द ही परिणाम देखने को मिलेंगे।

नींबू का रस, टमाटर और दही

चेहरे के कालेपन को दूर करने के लिए नींबू, दही और टमाटर का फेस पैक बना लें। आपको बता दें नींबू त्वचा के गहरे धब्बों को दूर करता है, जबकि टमाटर का रस खुले रोमछिद्रों को बंद करता है और त्वचा के तैलीयपन को घटाने का काम करता है। जबकि दही त्वचा को नमी देती है और त्वचा को पोषण देती है। इसका फेस पैक बनाने किए तीन बड़े चम्मच टमाटर का गूदा, एक बड़ा चम्मच नींबू का रस और एक बड़ा चम्मच दही लें। फिर अच्छी तरह से इसे मिला लें और चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद इसे धो लें।

चंदन का पाउडर

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय की बात करें तो हजारों सालों से चेहरे के कालेपन दूर करने के लिए चंदन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। चंदन एक प्राकृतिक औषधि है। इसके पाउडर का इस्तेमाल करके त्वचा की सफाई की जाती है और त्वचा से गंदगी, मृत कोशिकाओं और धब्बों को दूर कर सकते हैं।

दूध और केसर

केसर का इस्तेमाल करके त्वचा की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। चेहरे के कालेपन को दूर करने के लिए आप दूध और केसर का उपयोग करें। थोड़े से दूध में केसर पीस लें इस मिश्रण से चेहरे की मसाज करें। कुछ मिनटों तक रहने के बाद इसे पानी से धो लें, आपको जल्द ही फायदा देखने को मिलेगा और यह चेहरे का कालापन दूर करने के कारगर उपायों में से एक है ।
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मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार

मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार
मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार



पिंपल्स या मुंहासे एक समस्या है जो त्वचा में दिखाई देती है। यह समस्या महिलाओं, पुरुषों और  किशोरों में ज्यादा देखी जाती है। आज मैं मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताऊंगा जो सरल और आयुर्वेदिक होने के कारण मुहांसो से लड़ने के लिए सही हैं। वैसे जब आपके शरीर में तीनो  दोष जैसे वात, पित्त और कफ का संतुलन सही नहीं रहता है तो मुहांसो की समस्या होती है।

तो चलिए मुहांसो को हटाने के कुछ आयुर्वेदिक और घरेलु सरल उपचार के बारे में जानते है।

मुहांसो को दूर करे नीम के पत्ते और गुलाब जल

नीम के पत्ते खाने से न केवल रक्त को शुद्ध किया जा सकता है बल्कि ये कील मुहांसो को भी यह दूर करता है। नीम जीवाणुरोधी है, और यह त्वचा के स्वस्थ पीएच संतुलन को बहाल करता है। यह त्वचा में तेल उत्पादन को नियंत्रित करता है और मुँहासे से प्रभावित क्षेत्रों की मरम्मत करता है।

इसके लिए आप 20 -30  नीम के पत्ते पांच  मिनट के लिए उबाल लीजिए। फिर इसे फूड प्रोसेसर में अच्छी तरह से पीस लीजिए और इसका मोटा पेस्ट बना लीजिए। फिर उसमें दो बड़े चम्मच गुलाब जल डालिए और उसे अपने चेहरे पर लगाइए। जब तक यह मास्क सुख न जाए तब तक इसे अपने चेहरे पर लगाएं रखें। आप सप्ताह में इसे 3-4 बार लगा सकते हैं।

त्रिफला और गर्म पानी

त्रिफला पाउडर आपकी त्वचा की टोन में सुधार कर सकता है, मुहांसो का इलाज कर सकता है, बालों के विकास को बढ़ावा देता है। त्रिफला मुहसो को सूखने में मदद करता है और छिद्रों को साफ़ करता है।



यह आपके शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है। इसके लिए आप एक चम्मच त्रिफला का पेस्ट लीजिए और उसमें एक गिलास पानी मिलाइए और इसे पीजिए। आप इसे सप्ताह में 3 बार पी सकते हैं।

पिंपल्स को हटाए नींबू और पानी

नींबू विटामिन सी और साइट्रिक एसिड में समृद्ध हैं, इसलिए समय के साथ उपयोग किए जाने पर ये आपकी त्वचा को चमकाने और हल्का करने में मदद कर सकता है। नींबू में साइट्रिक एसिड बैक्टीरिया को मारता है और एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। यह पिंपल्स के कारण होने वाली लाली को कम करता है।

इसके लिए आप कप में दो नींबू का जूस निकाल लें और दो बड़े चम्मच पानी इसमें मिलाइए। फिर कॉटन पैड की मदद से आप अपने चेहरे पर लगाइए ३० मिनट्स के बाद धो लीजिये।
इस प्रकार आप अपने चहरे से मुहांसो को दूर रख सकते है।

दही, क्रीम और केसर

इसके अलावा आप चेहरे पर चमक और कालेपन को दूर करने के लिए दही और क्रीम में थोड़ा-सा केसर मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे चेहरे पर लगाएं। इस फेस बैक से चेहरे की रंगत साफ और चमकदार बनती है।


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दिल को सेहतमंद रखने में मददगार है आयुर्वेद

दिल को सेहतमंद रखने में मददगार है आयुर्वेद
दिल को सेहतमंद रखने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार



हृदय रोगों में आयुर्वेद बहुत लाभकारी है दिल के रोगियों के लिए आयुर्वेद में अनेक उपाय हैं। आयुर्वेद के इन उपायों को अपनाकर आप अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं। आयुर्वेद से बिना किसी सर्जरी के किसी भी तरह के हृदय रोग का उपचार संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा से बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है और इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।

हृदय रोगों में कई प्रकार के रोग होते हैैं जैसे हृदयाघात, उच्च रक्तचाप, रुमेटिक हृदय रोग, हृदय की विफलता, पेरिकार्डियल बहाव आदि शामिल है। अगर आप दिल के लिए आयुर्वेद अपनाना चाहते हैं, तो आपको हर्बल तरीकों को अपनाना होगा। लेकिन इसके लिए चिकित्सक के बताये निर्देशों का अनुपालन करना भी जरूरी है। आइए जानें आयुर्वेद की खासियत के बारे में जिन्हें अपनाकर आप अपने दिल को तंदुरुस्त रख सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

आयुर्वेद से हृदय रोग का उपचार-

अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार होती है, क्योंकि यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से भरपूर हैं। ऐसे में हृदय रोगी अर्जुन टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ब्राह्मी औषधि दिमाग को शांत रखने वाली औषधि है। इससे न सिर्फ दिमाग तेज होता है और याद्दाश्त बढ़ती है और यह हृदय को निरोग रखने में सहायक है। यह खासकर महिलाओं के हृदय के लिए लाभकारी है।

जटामांसी से न सिर्फ इम्युन सिस्टम मजबूत होता है, बल्कि यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी कारगर है। यह दिल की धड़कन को नियंत्रि‍त करने में लाभकारी है।

येस्टीनमधु हृदय को मजबूत करने, रक्त‍ से कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाने और ह्दयाघात की संभावना को कम करता है। इसे चाय या पानी के साथ भी लिया जा सकता है।

पुनर्नवा भी हृदय रोगों को दूर करने में लाभकारी है। हृदय की धड़कन में भी सुधार लाता है।

खासकर दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है। हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है।

गाय का दूध पीने वाले को हृदय रोग नहीं होता। गाय के दूध में कैलशियम, मैगनिशियम और गोल्ड जैसे बहुत सारे सूक्ष्म पोषक पदार्थ होते हैं। आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है।

अलसी का उपयोग आपको दिल की बीमारियों से बचा सकता है। अलसी में ओमेगा -3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है। अलसी के बीज से बने पदार्थ हृदय रोग दूर करने में काफी मददगार हैं।

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी  दिल को तंदुरुस्‍त रखने में मददगार होती है।
ब्राह्मी नामक औषधि दिल के लिए अच्‍छी होती है।
अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।

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