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शिलाजीत क्या है ? शिलाजीत खाने के क्या फायदे है। /What is shilajit? What are the advantages of eating Shilajit?

शिलाजीत क्या है ? शिलाजीत खाने के क्या फायदे है। /What is shilajit? What are the advantages of eating Shilajit?
शिलाजीत क्या है ? शिलाजीत खाने के क्या फायदे है। 



आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति शिला अर्थात पत्थर से हुई है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की प्रखर किरणों के ताप से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघलने से जो एक प्रकार का स्राव होता है, उसे शिलाजतु या शिलाजीत कहा गया है।

1 - स्वाद में शिलाजीत काफी कड़वा, कसैला, उष्ण और वीर्य पोषण करने वाला होता है। देखने में यह तारकोल की तरह बेहद काला और गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है।
2- शिलाजीत चार प्रकार का होता है स्वर्ण,रजत, ताम्रा, तथा लौह प्रतेक प्रकार के शिलाजीत का गुण और धर्म अलग - अलग होता है।  शरीर की ताकत को बनाये रखने और जवान बने रहने के लिए शिलाजीत का उपयोग किया जाता है।  

3 - मधुमेह, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए शिलाजीत का प्रयोग उत्तम माना जाता है। इसके अलावा वृद्धावस्था में आने वाली शारीरिक कमियों और अन्य व्याधियों से मुक्ति पाने के लिए शिलाजीत सहायक साबित होता है।

4 - मानसिक तौर पर मजबूती प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन एक चम्मच मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करना लाभ दायक होता है। इससे आपको दिमागी थकावट से मुक्ति मिलेगी।

5 - शीघ्र पतन की समस्या

वे लोग जिन्हें शीघ्र पतन की समस्या का सामना करना पड़ता है उनके लिए शिलाजीत एक वरदान साबित हो सकता है। बीस ग्राम शिलाजीत और बीस ग्राम बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म और छः ग्राम अभ्रक भस्म घोटकर दो-दो रत्ती की गोलियां बना लें। सुबह के समय एक गोली को मिश्री मिले दूध के साथ लें, इससे आपको अप्रत्याशित लाभ मिलेगा। या फिर आप आयुर्वेद की दुकान से शिलाजीत सिरप या शिलाजीत का कैप्सूल भी ले सकते है।  

6 - वर्जित पदार्थ
शिलाजीत के सेवन के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जिन लोगों के शरीर में पित्त का प्रकोप होता है उन्हें शिलाजीत के सेवन से बचना चाहिए। जब तक आप शिलाजीत का सेवन कर रहे हैं तब तक मिर्च-मसाले, खटाई, नॉन वेज और शराब आदि के सेवन से बचना चाहिए।
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चुकंदर ( beet ) खाने के फायदे /Benefits of eating beet

चुकंदर ( beet ) खाने के फायदे /Benefits of eating beet
चुकंदर ( beet ) खाने के फायदे 


बच्चो का दिमाग करे तेज,बाल उगाये,खून की कमी,दांत दर्द,हार्ट की समस्या को दूर करता है चुकंदर 

बच्चों के दिमाग को तेज करता है चुकंदर-

बच्चों को सलाद में चुकंदर खिलाना चाहिए और इसका गुनगना रस पिलाना चाहिए ऐसा करने से बच्चों का दिमाग तेज होता है.

बालों को घना करता है चुकंदर-

सिर के बालों को उगाने के लिए चुकंदर का प्रयोग करें. इसके अलावा चुकंदर के पत्तों का रस दिन में 3-4 बार गंजे स्थान पर मालिश करते है तो उड़े हुए बाल फिर से उगने लगेंगे. रोज चुकंदर और आंवले का ताजा रस मिलाकर सिर की मालिश करने पर भी फायदा मिलता है.

चुकंदर खून की कमी को दूर करता है-

शरीर में अगर खून की कमी हो, हीमोग्लोबिन कम हो जाता है तो ऐसे लोगों को चुकंदर का सलाद खाने की सलाह दी जाती है. चुकंदर लिवर को शोधित करता है जिस से खून बनने की प्रक्रिया तेज होती है चुकंदर के सलाद को नींबू और गर्म मसाला छिड़ककर खाना चाहिए.

बच्चों के दांत दर्द की रामबाण औषधि है चुकंदर-

दांत दर्द हो या मसूड़ों में सूजन हो चुकंदर को कूटकर उसका रस निकालें. चुकंदर के रस को मुंह में रखकर दांतों के चारों ओर घुमाएं और कुल्ला करें. कीड़े वाले दांतों का दर्द दूर होता है और सूजन भी तुरंत कम होती है.

माइग्रेन का दर्द

अगर सिर में माइग्रेन का दर्द हो तो चुकंदर का रस निकालकर हल्का गर्म करके नाक में अंदर टपका दें. ऐसा करने से तुरंत लाभ होता है.

दिल को रखे निरोग-

चुकंदर से डायबिटीज और एनीमिया में ही फायदे नहीं मिलते, बल्कि यह दिल को स्वस्थ रखने में भी ये मदद करता है. चुकंदर के जूस से दिल के रोगियों की व्यायाम करने की क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है और ह्रदय मजबूत होता है। 
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वियाग्रा का बाप है कौंच के बीज father of Viagra cauch beej

वियाग्रा का बाप है कौंच के बीज father of Viagra cauch beej
वियाग्रा का बाप है कौंच के बीज


आज कल की लाइफ भागदौड़ और तनाव से भरी हुई है, अनियमित खानपान के कारण पुरुषों के शरीर में कमजोरी बढती जा रही है और पुरुष नपुंसकता, स्वप्नदोष और धातु दोष से ग्रस्त होते जा रहे है, दरअसल शरीर में पौषक तत्वों की कमी के कारण पुरुषों के सेक्स होर्मोन अस्वस्थ हो जाते है जिससे सेक्स के प्रति उदासीनता आरंभ हो जाती है. धीरे - धीरे ये समस्या बढती जाती है और अनेक गुप्त रोगों को जन्म देती है. लेकिन आज मैं आपको कौंच के बीजों के कुछ ऐसे उपयोग बताऊंगा जो हर गुप्त रोग को दूर करता है। 

कौंच के बीजों का कैसे प्रयोग करे --

1 - कौंच के सूखे हुए बीजों को दूध में उबाल लें और इनके ऊपर का छिलका हटा दें. इसके बाद आप इन बीजों को धुप में सूखने के लिए रख दें और सूखने पर इन्हें पीसकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें. इस चूर्ण की 5 ग्राम की मात्रा को आप दूध व मिश्री के साथ दिन में 2 बार मतलब सुबह शाम लें. ये प्रयोग लिंग में आये ढीलापन और शीघ्रपतन की समस्या से निजात दिलाता है.
                          
2 - बराबर मात्रा में कौंच के बीज, सफ़ेद मुसली और अश्वगंधा लें. इन्हें भी सुखा लें और पीसकर चूर्ण तैयार करें. अब तीनों को सामान मात्रा में मिलाएं. आप इसमें मिश्रण की आधी मात्रा के जितनी मिश्री भी मिला लें और रोजाना 1 चम्मच दूध में मिलाकर पियें. ये दूध हर तरह के सेक्स रोगों को दूर करने में उत्तम माना जाता है.


कौंच के बीजों के अन्य लाभ --

तनाव दूर करें --

कौंच का बीज यौन ग्रंथियों को मजबूती प्रदान करने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा ये तंत्रिका तंत्र के लिए एक विशेष पौषक तत्व के रूप में कार्य भी करते है इसीलिए कौंच के बीज तनाव और चिंता को दूर करने में सहायक होते है. दरअसल ये बीज एक मानसिक टोनिक के सामान है.

 कोलेस्ट्रॉल कम करे --

आज असंख्य लोग अपने बढे हुए कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल से परेशान है और तरह तरह की दवाओं का सेवन करते है. उन दवाओं के स्थान पर अगर कौंच के बीजों का प्रयोग किया जाए तो आपको शीघ्र ही शुगर व कोलेस्ट्रॉल से निजात मिलेगी.

तंत्रिका तंत्र के रोग दूर करे --

कौंच के बीज तंत्रिका तंत्र के लिए विशेष पौषक तत्व है इसीलिए ये तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित हर परेशानी और रोग को दूर करने की एक विशेष दवा की तरह है.

कौंच के बीजों के गुण --

कौंच के बीज शरीर में वीर्य की वृद्धि करते है, वात पित्त कफ का नाश करते है, शरीर को पुष्ट बनाकर बल में वृद्धि करते है.
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शुगर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, किडनी, भिंडी इन बीमारियों की है रामबाण दवा /Lady finger _ Sugar, Cholesterol, Asthma, Kidney, Vindi are the diseases of Ramaban medicine

शुगर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, किडनी, भिंडी इन बीमारियों की है रामबाण दवा /Lady finger _ Sugar, Cholesterol, Asthma, Kidney, Vindi are the diseases of Ramaban medicine
शुगर, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, किडनी, भिंडी इन बीमारियों की है रामबाण दवा 


भिंडी की सब्जी तो सभी कहते है और ज्यादा करके लोगो को पसंद भी होती है, पर जीतनी भिंडी गुणकारी होती है उतना ही भिंडी का पानी भी होता है। अगर अपने सुना है तो चलिए मैं आज आपको  बताता हूँ। जैसे भिंडी खाने के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं, ठीक वैसे ही आपकी सेहत के लिए भिंडी का पानी भी बहुत लाभदायक होता है। सबसे पहले हम आपको बताते है कि कैसे आप भिंडी का पानी तैयार करें...

इसके लिए आप ४ - ५  मीडियम साइज की भिंडी लेकर इनके किनारे काट लें। अब आप इन्हें बीच से काट लें। इसके बाद इन्हें एक कटोरी पानी में भिगो दें। इसे रात भर ऐसे ही रहने दें।  सुबह उठकर भिंडी केे टुकड़ों को निचोड़ कर निकाल लें। अब आप इस पानी में थोड़ा सादा पानी मिलाए जिससे कि यह करीब एक गिलास हो जाए। ध्यान रखें सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। 

आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदे...

1 - आपको बता दें, एक गिलास भिंडी के रस में 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 80 माइक्रोग्राम फोलेट, 3 ग्राम फाइबर और 2 ग्राम प्रोटीन होता है। इसके अलावा यह अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह हमारी इम्मून पावर को बढ़ाने में भी मदद करता है।

2 - शुगर के मरीजों के लिए यह पानी किसी वरदान से कम नहीं है। अगर शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए दवाईयों का सहारा लेते हैं तो अब आप घर बैठे ही इस समस्या का इलाज भिंडी के इस पानी  से कर सकते हैं, वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के। 

3 - भिंडी का पानी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है। तो अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही यह किडनी की बीमारी में भी फायदेमंद होता है। --- आप इस नुस्खे को आजमाने का सोच रहे हैं तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय
चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय


चेहरे को साफ करने के लिए या चेहरे का कालापन दूर करने के लिए महिलाओं और पुरुषों द्वारा कई तरह के प्रयास किया जाता है। कई लोग बाजार में बिक रहे प्रोडक्ट पर विश्वास करते हैं, तो कई लोग घरेलू उपाय अपनाकर अपने चेहरे को गोरा करने का प्रयास करते हैं। चमकदार चेहरे की रंगत को बरकरार रखने के लिए काले धब्बों को आसानी से दूर किया जा सकता है।

दही, क्रीम और केसर

इसके अलावा आप चेहरे पर चमक और कालेपन को दूर करने के लिए दही और क्रीम में थोड़ा-सा केसर मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे चेहरे पर लगाएं। केसर के इस फेसपैक से चेहरे की रंगत साफ और चमकदार बनती है।

आलू क्यों है चेहरे के लिए गुणकारी

काले धब्बे के लिए आलू घरेलू उपचार है। इसके अंदर कुदरती ब्लीचिंग गुण है, जो चेहरे पर निखार लाते है। यह किसी भी तरह के धब्बे, निशान और दाग को दूर करने में सक्षम है। अपने चेहरे के लिए आप तीन तरह से आलू का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहला तरीका

यदि आपके चेहरे पर काले धब्बे है तो उस जगह आलू की स्लाइस लेकर हल्के-हल्के से मसाज करें। फिर कुछ मिनट बाद उसे हटा दें तथा हल्के गर्म पानी से उसे धो लें।

दूसरा तरीका

सबसे पहले आलू को छील लें और उसके बाद पीस लें। पीसे हुए आलू में एक चम्मच शहद मिलाएं फिर इस फेस मास्क को अपने चेहरे पर लगाएं, फिर 15 मिनट बाद आप उसे गुनगुने पानी से धो लें। जल्द ही चेहरे पर कालापन दूर हो जाएगा।

तीसरा तरीका

सबसे पहले एक आलू का जूस बना लें। उसके बाद उसमें नींबू और एक चुटकी हल्दी डालें। फिर इस मिश्रण को आप काले धब्बे पर लगाएं फिर अच्छी तरह से सूखने के बाद धो लें। कुछ हफ्ते बाद चेहरे पर काले धब्बे या कालापन की समस्या दूर हो जाएगा।

पपीता और शहद का फेसपैक

जो व्यक्ति पपीते का नियमित रूप से सेवन करता है, उसकी पाचन शक्ति मजबूत रहती है। लेकिन इसका एक और गुण है। पपीते में मौजूद एंजाइम्स के कारण यह पैक चेहरे के कालेपन को दूर करने में मदद करता है। दूसरी तरह यह शहद त्वचा में नमी प्रदान करता है और उसे मुलायम बनाता है। इसका फेस पैक बनाने के लिए आधा कप पके पपीते को मसलकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और उसे चेहरे पर लगाएं तथा सूखने के बाद पानी से धो लें।

खीरा, गुलाब जल और नींबू के रस का पैक

गर्मी के मौसम में खीरा और नींबू न केवल बॉडी को हाइड्रेट रखता है बल्कि इससे त्वचा को भी निखारा जा सकता है। त्वचा के कालेपन को दूर करने के लिए खीरा और नींबू बेहतरीन है। नींबू त्वचा की रंगत को हल्का करता है, जबकि खीरा और गुलाब जल त्वचा को ठंडक प्रदान करते हैं। इन तीनों का मिश्रण तैयार कर लें और उसे त्वचा पर लगाएं। 10 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें। अच्छे परिणाम के लिए इस मिश्रण को नियमित रूप से लगाएं, जल्द ही परिणाम देखने को मिलेंगे।

नींबू का रस, टमाटर और दही

चेहरे के कालेपन को दूर करने के लिए नींबू, दही और टमाटर का फेस पैक बना लें। आपको बता दें नींबू त्वचा के गहरे धब्बों को दूर करता है, जबकि टमाटर का रस खुले रोमछिद्रों को बंद करता है और त्वचा के तैलीयपन को घटाने का काम करता है। जबकि दही त्वचा को नमी देती है और त्वचा को पोषण देती है। इसका फेस पैक बनाने किए तीन बड़े चम्मच टमाटर का गूदा, एक बड़ा चम्मच नींबू का रस और एक बड़ा चम्मच दही लें। फिर अच्छी तरह से इसे मिला लें और चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद इसे धो लें।

चंदन का पाउडर

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय की बात करें तो हजारों सालों से चेहरे के कालेपन दूर करने के लिए चंदन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। चंदन एक प्राकृतिक औषधि है। इसके पाउडर का इस्तेमाल करके त्वचा की सफाई की जाती है और त्वचा से गंदगी, मृत कोशिकाओं और धब्बों को दूर कर सकते हैं।

दूध और केसर

केसर का इस्तेमाल करके त्वचा की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। चेहरे के कालेपन को दूर करने के लिए आप दूध और केसर का उपयोग करें। थोड़े से दूध में केसर पीस लें इस मिश्रण से चेहरे की मसाज करें। कुछ मिनटों तक रहने के बाद इसे पानी से धो लें, आपको जल्द ही फायदा देखने को मिलेगा और यह चेहरे का कालापन दूर करने के कारगर उपायों में से एक है ।
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मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार

मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार
मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार



पिंपल्स या मुंहासे एक समस्या है जो त्वचा में दिखाई देती है। यह समस्या महिलाओं, पुरुषों और  किशोरों में ज्यादा देखी जाती है। आज मैं मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताऊंगा जो सरल और आयुर्वेदिक होने के कारण मुहांसो से लड़ने के लिए सही हैं। वैसे जब आपके शरीर में तीनो  दोष जैसे वात, पित्त और कफ का संतुलन सही नहीं रहता है तो मुहांसो की समस्या होती है।

तो चलिए मुहांसो को हटाने के कुछ आयुर्वेदिक और घरेलु सरल उपचार के बारे में जानते है।

मुहांसो को दूर करे नीम के पत्ते और गुलाब जल

नीम के पत्ते खाने से न केवल रक्त को शुद्ध किया जा सकता है बल्कि ये कील मुहांसो को भी यह दूर करता है। नीम जीवाणुरोधी है, और यह त्वचा के स्वस्थ पीएच संतुलन को बहाल करता है। यह त्वचा में तेल उत्पादन को नियंत्रित करता है और मुँहासे से प्रभावित क्षेत्रों की मरम्मत करता है।

इसके लिए आप 20 -30  नीम के पत्ते पांच  मिनट के लिए उबाल लीजिए। फिर इसे फूड प्रोसेसर में अच्छी तरह से पीस लीजिए और इसका मोटा पेस्ट बना लीजिए। फिर उसमें दो बड़े चम्मच गुलाब जल डालिए और उसे अपने चेहरे पर लगाइए। जब तक यह मास्क सुख न जाए तब तक इसे अपने चेहरे पर लगाएं रखें। आप सप्ताह में इसे 3-4 बार लगा सकते हैं।

त्रिफला और गर्म पानी

त्रिफला पाउडर आपकी त्वचा की टोन में सुधार कर सकता है, मुहांसो का इलाज कर सकता है, बालों के विकास को बढ़ावा देता है। त्रिफला मुहसो को सूखने में मदद करता है और छिद्रों को साफ़ करता है।



यह आपके शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है। इसके लिए आप एक चम्मच त्रिफला का पेस्ट लीजिए और उसमें एक गिलास पानी मिलाइए और इसे पीजिए। आप इसे सप्ताह में 3 बार पी सकते हैं।

पिंपल्स को हटाए नींबू और पानी

नींबू विटामिन सी और साइट्रिक एसिड में समृद्ध हैं, इसलिए समय के साथ उपयोग किए जाने पर ये आपकी त्वचा को चमकाने और हल्का करने में मदद कर सकता है। नींबू में साइट्रिक एसिड बैक्टीरिया को मारता है और एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। यह पिंपल्स के कारण होने वाली लाली को कम करता है।

इसके लिए आप कप में दो नींबू का जूस निकाल लें और दो बड़े चम्मच पानी इसमें मिलाइए। फिर कॉटन पैड की मदद से आप अपने चेहरे पर लगाइए ३० मिनट्स के बाद धो लीजिये।
इस प्रकार आप अपने चहरे से मुहांसो को दूर रख सकते है।

दही, क्रीम और केसर

इसके अलावा आप चेहरे पर चमक और कालेपन को दूर करने के लिए दही और क्रीम में थोड़ा-सा केसर मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे चेहरे पर लगाएं। इस फेस बैक से चेहरे की रंगत साफ और चमकदार बनती है।


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दिल को सेहतमंद रखने में मददगार है आयुर्वेद

दिल को सेहतमंद रखने में मददगार है आयुर्वेद
दिल को सेहतमंद रखने के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार



हृदय रोगों में आयुर्वेद बहुत लाभकारी है दिल के रोगियों के लिए आयुर्वेद में अनेक उपाय हैं। आयुर्वेद के इन उपायों को अपनाकर आप अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं। आयुर्वेद से बिना किसी सर्जरी के किसी भी तरह के हृदय रोग का उपचार संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा से बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है और इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।

हृदय रोगों में कई प्रकार के रोग होते हैैं जैसे हृदयाघात, उच्च रक्तचाप, रुमेटिक हृदय रोग, हृदय की विफलता, पेरिकार्डियल बहाव आदि शामिल है। अगर आप दिल के लिए आयुर्वेद अपनाना चाहते हैं, तो आपको हर्बल तरीकों को अपनाना होगा। लेकिन इसके लिए चिकित्सक के बताये निर्देशों का अनुपालन करना भी जरूरी है। आइए जानें आयुर्वेद की खासियत के बारे में जिन्हें अपनाकर आप अपने दिल को तंदुरुस्त रख सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

आयुर्वेद से हृदय रोग का उपचार-

अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार होती है, क्योंकि यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से भरपूर हैं। ऐसे में हृदय रोगी अर्जुन टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ब्राह्मी औषधि दिमाग को शांत रखने वाली औषधि है। इससे न सिर्फ दिमाग तेज होता है और याद्दाश्त बढ़ती है और यह हृदय को निरोग रखने में सहायक है। यह खासकर महिलाओं के हृदय के लिए लाभकारी है।

जटामांसी से न सिर्फ इम्युन सिस्टम मजबूत होता है, बल्कि यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी कारगर है। यह दिल की धड़कन को नियंत्रि‍त करने में लाभकारी है।

येस्टीनमधु हृदय को मजबूत करने, रक्त‍ से कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाने और ह्दयाघात की संभावना को कम करता है। इसे चाय या पानी के साथ भी लिया जा सकता है।

पुनर्नवा भी हृदय रोगों को दूर करने में लाभकारी है। हृदय की धड़कन में भी सुधार लाता है।

खासकर दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है। हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है।

गाय का दूध पीने वाले को हृदय रोग नहीं होता। गाय के दूध में कैलशियम, मैगनिशियम और गोल्ड जैसे बहुत सारे सूक्ष्म पोषक पदार्थ होते हैं। आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है।

अलसी का उपयोग आपको दिल की बीमारियों से बचा सकता है। अलसी में ओमेगा -3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है। अलसी के बीज से बने पदार्थ हृदय रोग दूर करने में काफी मददगार हैं।

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी  दिल को तंदुरुस्‍त रखने में मददगार होती है।
ब्राह्मी नामक औषधि दिल के लिए अच्‍छी होती है।
अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।

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जादुई गुणों से युक्त आलू के छिलके

जादुई गुणों से युक्त आलू के छिलके
जादुई गुणों से युक्त आलू के छिलके



आलू के छिलको में आलू से ज्यादा गुण होते हैचहरे पर दाग यामुंहासे हो या आँखों के नीचे सूजन ( puffines ) आलू के छिलके केअंदरूनी हिस्से को प्रभावित त्वचा पर हल्के हाथ से दबाते हुए रगड़ेंऐसा  से 10 नियमित करे फिर साफ पानी से मुँह धो ले कुछ हीदिनों में फर्क आप को स्वयं ही दिखाई देने लगेगा। इससे आँखों केनिचे की सूजन धीरे - धीरे ठीक हो जाएगी।
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लौकी के गुण कफ पित्त नाशक लौकी

लौकी के गुण कफ पित्त नाशक लौकी
लौकी के गुण कफ पित्त नाशक लौकी  BOTTLE GOURD cough bile disorder semen



लौकी दो प्रकार की होती है गोल और लम्बी दोनों ही प्रकार की लौकीऔषधीय गुणों से भरपूर होती है।
लौकी कफ पित्तनाशक होने के साथ ही वीर्यवर्धक भी है।
लौकी में खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते है तथा ये आंतो कीकमजोरी भी दूर कराती है
पाचन सम्बन्धी सभी विकारो में फायदे मंद होने के साथ ही लौकी काजूस नियमित पिने से पेट की चर्बी भी कम हो जाती है। 
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आँखों की रोशनी बढ़ाने का उपाय

आँखों की रोशनी बढ़ाने का उपाय
आँखों की रोशनी बढ़ाने का उपाय


आंखे सबसे अनमोल होती है पर कभी - कभी अनुवांशिक या ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक चीजों के इस्तेमाल की वजह से आंखे कमजोर हो जाती है। तो हम कुछ घरेलु और आयुर्वेदिक उपचार अपना कर आँखों की खोई हुई रोशनी वापस ला सकते है। चलिए जानते है कैसे --
बादाम , मोटी सौंफ तथा मिश्री तीनो को बराबर मात्रा में लेकर पीस ले और फिर इसे किसी जार में भर के रख ले।
इसमें से प्रतिदिन एक चम्मच एक गिलास दूध के साथ रात को सोने से पहले लेने से आँखों को रोशनी बढाती है और आँखे फिर से नार्मल हो जाती है, अगर दूध गाय का रहे तो और भी फायदे मंद होता है। 
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विभिन्न रोगों में छाछ से उपचार

विभिन्न रोगों में छाछ से उपचार

 विभिन्न रोगो में छाछ से उपचार


छाछ हमारे स्वास्थ के लिए बहुत उपयोगी होता है छाछ
बहुत सी शारीरिक परेशानियों को दूर

     करता है तो चलिए जानते है इसका उपयोग कैसे करते है

1 - छाछ में नमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।

2 - छाछ में शक्कर और काली मिर्च मिलाकर पीने से पित्त के कारण होने वाला पेट दर्द ठीक हो

    जाता है।

3- गर्मियों में छाछ में नमक मिलकर पीने से लू लगने से बचा जा सकता है।

4 - एक गिलास छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलकर प्रतिदिन पीने से पीलिया में लाभ होता है।
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