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जिन रोगों को डॉक्टर ठीक करने से कतराते हैं उन रोगों में कारगर है यह औषधि - Bhatkataiya
जिन रोगों को डॉक्टर ठीक करने से कतराते हैं उन रोगों में कारगर है यह औषधि - Bhatkataiya
जैसा की आप सभी जानते हैं हमारे आस पास ऐसे बहुत से छोटे बड़े पेड़ पौधे उगते हैं जो कि कुछ तो हमारे लिए हानिकारक होते हैं और कुछ हमारे लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं, हमें जिन पेड़ पौधों के बारे में पता होता है हम उनके फल फूल का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन जिनके बारे में हमें नहीं पता होता उन्हें हम उखाड़ कर फेंक देते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हर छोटा-बड़ा पेड़ पौधा औषधि है आज मैं आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताऊँगा जिसका उपयोग आप शरीर की कई बीमारियों को दूर करने के लिए कर सकते हैं।
आपको मैं जिस पौधे के बारे में बताने वाला हूँ वह पौधा भटकटैया, कटेरी ( कंटकारी ) का है और इस पौधे के अंदर बहुत सारे गुण विद्यमान होते हैं और यह पौधा अक्सर हमारे आसपास या हमारे खेत खलिहान में मिल जाता है, यह पौधा टेडी मेडी शाखाओं वाला पूरे पौधे पर कांटे ही कांटे होते हैं, यह पौधा अस्थमा, सूखी खांसी, पथरी, खाज - खुजली, दाद, संक्रमण, गर्भ धरण की समस्या इत्यादि समस्याओं को जड़ से दूर कर देता है और इसका किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव नहीं है|
जैसा की आप सभी जानते हैं हमारे आस पास ऐसे बहुत से छोटे बड़े पेड़ पौधे उगते हैं जो कि कुछ तो हमारे लिए हानिकारक होते हैं और कुछ हमारे लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं, हमें जिन पेड़ पौधों के बारे में पता होता है हम उनके फल फूल का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन जिनके बारे में हमें नहीं पता होता उन्हें हम उखाड़ कर फेंक देते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हर छोटा-बड़ा पेड़ पौधा औषधि है आज मैं आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताऊँगा जिसका उपयोग आप शरीर की कई बीमारियों को दूर करने के लिए कर सकते हैं।
आपको मैं जिस पौधे के बारे में बताने वाला हूँ वह पौधा भटकटैया, कटेरी ( कंटकारी ) का है और इस पौधे के अंदर बहुत सारे गुण विद्यमान होते हैं और यह पौधा अक्सर हमारे आसपास या हमारे खेत खलिहान में मिल जाता है, यह पौधा टेडी मेडी शाखाओं वाला पूरे पौधे पर कांटे ही कांटे होते हैं, यह पौधा अस्थमा, सूखी खांसी, पथरी, खाज - खुजली, दाद, संक्रमण, गर्भ धरण की समस्या इत्यादि समस्याओं को जड़ से दूर कर देता है और इसका किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव नहीं है|
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ayurveda
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Health benefits of Bhatkataiya
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मर्दाना शक्ति बढ़ाती हैं लाजवंती ( छुईमुई ) जाने कैसे ? / how man power increase touch me not plant
मर्दाना शक्ति बढ़ाती हैं लाजवंती ( छुईमुई ) जाने कैसे ?
सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण जरूर मौजूद होता है, और जिससे स्वास्थ्य लाभ पाया जा सकता है. इसलिए आज मैं आपको एक ऐसे ही पौधे के बारे में बताने जा रहे हूँ जो लगभग सभी जगहों पर बहुत ही आसानी से उगाया जा सकता है, और इसको कई नामों से पुकारा जाता है, हम जिस पौधे के बारे में बात करने जा रहे हैं उसे छुईमुई के नाम से लोग जानते हैं, इसके अलावा इसके कई नाम हैं. जैसे- लाजवंती, शर्मीली आदि नामों से भी पुकारा जाता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पौधे की मुख्य पहचान है कि इसकी पत्तियों को छूते ही यह सिकुड़ जाती है. तो चलिए जानते हैं इस पौधे की फायदे के बारे में।
छुईमुई का पौधा जंगलों या मैदानों में बहुत कम दिखाई देता है, और ये किसी भी नर्सरी में मिल जाता है और वहां से लेकर आप इस पौधे को लगा सकते हैं, आप इस पौधे को अपने गमले या क्यारी में भी आसानी से लगा सकते हैं।
मर्दाना शक्ति बढ़ाने में है कारगर-
लाजवंती पुरुषों की मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए बहुत ही प्रचलित पौधा है, जिस व्यक्ति की मर्दाना ताकत पूर्ण रूप से खत्म हो उस व्यक्ति की मर्दाना ताकत को सिर्फ लाजवंती कुछ दिनों में वापस लौटा देता है।
सेवन विधि-
अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से परेशान है तो इसके लिए 2 ग्राम लाजवंती की जड़े, तीन से चार इलायची और 3 ग्राम सेमल की छाल लेना है इसके बाद इन तीनों चीजों को अच्छी तरह से पीस लें और आपस में मिला लें, अब इस मिश्रण को रात को सोने से पहले सेवन करने से किसी भी तरह की मर्दाना कमजोरी सिर्फ कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है।
अगर गाय के दूधः के साथ इसका सेवन करते है तो बहुत जल्दी और अच्छा फायदा देखने को मिलता है।
आप इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी तरह का इसका साइड- इफेक्ट होने का खतरा नहीं रहता है।
सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण जरूर मौजूद होता है, और जिससे स्वास्थ्य लाभ पाया जा सकता है. इसलिए आज मैं आपको एक ऐसे ही पौधे के बारे में बताने जा रहे हूँ जो लगभग सभी जगहों पर बहुत ही आसानी से उगाया जा सकता है, और इसको कई नामों से पुकारा जाता है, हम जिस पौधे के बारे में बात करने जा रहे हैं उसे छुईमुई के नाम से लोग जानते हैं, इसके अलावा इसके कई नाम हैं. जैसे- लाजवंती, शर्मीली आदि नामों से भी पुकारा जाता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पौधे की मुख्य पहचान है कि इसकी पत्तियों को छूते ही यह सिकुड़ जाती है. तो चलिए जानते हैं इस पौधे की फायदे के बारे में।
छुईमुई का पौधा जंगलों या मैदानों में बहुत कम दिखाई देता है, और ये किसी भी नर्सरी में मिल जाता है और वहां से लेकर आप इस पौधे को लगा सकते हैं, आप इस पौधे को अपने गमले या क्यारी में भी आसानी से लगा सकते हैं।
मर्दाना शक्ति बढ़ाने में है कारगर-
लाजवंती पुरुषों की मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए बहुत ही प्रचलित पौधा है, जिस व्यक्ति की मर्दाना ताकत पूर्ण रूप से खत्म हो उस व्यक्ति की मर्दाना ताकत को सिर्फ लाजवंती कुछ दिनों में वापस लौटा देता है।
सेवन विधि-
अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से परेशान है तो इसके लिए 2 ग्राम लाजवंती की जड़े, तीन से चार इलायची और 3 ग्राम सेमल की छाल लेना है इसके बाद इन तीनों चीजों को अच्छी तरह से पीस लें और आपस में मिला लें, अब इस मिश्रण को रात को सोने से पहले सेवन करने से किसी भी तरह की मर्दाना कमजोरी सिर्फ कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है।
अगर गाय के दूधः के साथ इसका सेवन करते है तो बहुत जल्दी और अच्छा फायदा देखने को मिलता है।
आप इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी तरह का इसका साइड- इफेक्ट होने का खतरा नहीं रहता है।
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chchui mui
mimosa pudica plant
Touch Me Not Plant
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सिर दर्द, अनिद्रा और मोटापे से परेशान है तो जरूर आजमाएं ये आसान उपाय / If you are troubled by a headache and insomnia, then try these easy remedies.
सिर दर्द, अनिद्रा और मोटापे से परेशान है तो जरूर आजमाएं ये आसान उपाय
खजूर के औषधीय गुण / Medicinal properties of date palm
खजूर के औषधीय गुण
खजूर की उपज रेगीस्तान में, कम पानी और गर्म मौसम की जगह में होती है। नारीयल के समान इसके पेड के ऊपरी भाग में पत्तों के नीचे, घोसलों में खजूर लगते है। हरे कच्चे खजूर पकने के बाद भुरे तथा चिपचिपे हो जाते है। खजूर सुखने के बाद खारक कहलाती है।
आयुर्वेद के अनुसार खजूर मधुर,पौष्टिक,बलवर्धक,श्रमहारक, संतोष दिलाने वाला, पित्तनाशक, वीर्यवर्धक और शीतल गुणों वाला है। खजूर और खारक में विटामिन, प्रोटीन, रेशे, कार्बोहाइड्रेट और शर्करा होने की वजह से उसे पूर्ण आहार कहा जाता है। इसलिये उसे सभी उपवास में शरीर
के संघर्षण की आपूर्ति करने के लिये उपयोग में लाया जाता है। ताजे, हरे खजूर
का रायता बनाया जाता है। खजूर की चटनी बनती है।
खजूर में पाये जाने वालें तत्व
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date palm
Medicinal properties of date palm
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दही के औषधिय गुण / Medicinal properties of curd
दही के औषधिय गुण
ठंडा और स्वादिष्ट दही किसे पसंद नही है? दही किसी भी चीज के साथ खाईये, उसका स्वाद बढ़ता ही है। दही ना ही सिर्फ भोजन का स्वाद बढाता है, बल्की उसे पौष्टिक भी बनाता है। इसीलिये इसे अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।
दही के साथ खाया हुआ कुछ भी सहजता से पाचन होता है और उस भोजन के विटामीन और प्रोटीन सरलता से आपके खून में मिल जाते है। इसीलिये दही को ‘परिपूर्ण आहार कहा जाता है।
(स्वाद, पाचन शक्ति, यौन शक्ति, ताकत और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाने वाला, स्तंभक, स्वाद वाला, गर्म, वातको संतुलित करनेवाला, पवित्र और पोषण बढाने वाला, श्वसन मार्ग को गीला रखनेवाला, दस्त को नियंत्रित करने वाला, भोजन का स्वाद बढाने वाला, मूत्र मार्ग की बाधा कम करनेवाला, दुर्बलता कम करनेवाला, पित्त और कफ में विकार बढाने वाला)
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curd
Medicinal properties of curd
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कई बीमारियों, सरसों और सरसों के तेल में दवाओं का उपयोग कैसे किया जाता है / medical properties of mustard
कई बीमारियों, सरसों और सरसों के तेल में दवाओं का उपयोग कैसे किया जाता है
सरसों के तेल का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है। शुद्ध सरसों के तेल में भोजन करने से स्वास्थ्य की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बीज भी तेल की तरह ही फायदेमंद होते हैं। दरअसल, सरसों के बीज में विटामिन ए, सी और के साथ-साथ कैरोटीन, ल्यूरिटिन भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्व मिलकर इसे एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट बनाते हैं। वे भूरे, काले और पीले होते हैं। आइए जानें इसके फायदे और उपयोग के तरीके।
1. किन
चीजों में होता है सरसों के
बीज का इस्तेमाल
इन
बीजों का इस्तेमाल मसाले
के तौर पर भी किया
जाता है। डोसा, अचार, चटनी, दाल आदि में सरसों के बीज की
छौंक जायके को और भी
बढ़ा देती है। खाने का स्वाद बढ़ाने
के साथ-साथ कई तरह के
औषधिय गुणों से भरपूर होते
हैं।
2. इस
तरीके से इस्तेमाल करें
सरसों के बीज
- माइग्रेन
से राहत
सरसों
के बीज का पाउडर और
पानी का घोल बनाकर
नाक पर लगाएं।
१
- कफ,खांसी और जुकाम
सरसों
के दानों को पीसकर इसमें
शहद मिलाकर चाटने से कफ, खांसी
और जुकाम की परेशानी बहुत
जल्दी ठीक हो जाती है।
२
- तलवों का दर्द दूर
गुनगुने
पानी में सरसों के बीज का
पेस्ट डालकर इसमें 15 मिनट पैरों को डुबोएं।
३
- कमर दर्द से आराम
सरसों
के तेल में अजवाइन, लहसुन और हींग डालकर
गर्म करें। इससे मसाज करें।सरसों के बीजों की
तरह इसका तेल भी बहुत फायदेमंद
है।
४
- बवासीर से छुटकारा
आधा
चम्मच सरसों के बीज का
दिन में 2 बार सेवन करें।
५
- जोड़ों के दर्द से
आराम
गुनगुने
सरसों के तेल में
कपूर मिलाकर जोड़ों की मालिश करें।
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